MannKiBaat
Pre topic &
essay example
Es bar kuch khas ni hai 😅
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रावण के अहंकार ने सेना को बुरी तरह प्रभावित किया
कुछ लोग प्रतिष्ठा और जनमत को महत्व देते हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें अमीर समझा जाए, जबकि वास्तव में वे सिर्फ़ मध्यम वर्ग के लोग हो सकते हैं। पहले के समय में केले के पत्तों पर खाना खाने का रिवाज़ था। इसलिए, जब झूठे गर्व से भरे ऐसे लोग केले के पत्तों को फेंकते थे, जिस पर उन्होंने खाया था, तो वे उन पर अरंडी का तेल लगाते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि वे चाहते थे कि दूसरे लोग यह मानें कि वे अमीर हैं। कोई भी व्यक्ति जो पत्तों पर तेल चमकता हुआ देखता, वह मान लेता कि परिवार ने घी से भरपूर खाना खाया है। इस तरह के झूठे गर्व का कोई मतलब नहीं है।
वी.एस. करुणाकराचार्य ने एक प्रवचन में कहा कि रावण एक विशालकाय अहंकार वाला व्यक्ति था। राम के विरुद्ध युद्ध के दौरान, रावण की सेना ने कई वानरों को मार डाला। यहाँ तक कि राम और लक्ष्मण भी घायल हो गए। स्थिति से चिंतित होकर हनुमान जाम्बवान के पास गए। जाम्बवान ने हनुमान को हिमालय जाकर कुछ जड़ी-बूटियाँ लाने का निर्देश दिया, जिससे घाव भर जाएँ और मृत व्यक्ति फिर से जीवित हो जाएँ। हनुमान जाम्बवान द्वारा बताई गई जड़ी-बूटियों को पहचानने में असमर्थ थे। इसलिए वे एक पूरा पर्वत ही उठा लाए ताकि जाम्बवान उनसे जड़ी-बूटियाँ ले सकें। जड़ी-बूटियों को सूंघने से राम और लक्ष्मण पुनर्जीवित हो गए और वानरों को भी जीवन मिल गया।
अगर जड़ी-बूटी सूंघने से बंदरों को पुनर्जीवित किया जा सकता है, तो मरे हुए असुर क्यों नहीं उठ पाए? रावण के अहंकार ने ऐसे पुनरुत्थान को रोक दिया था। रावण ने यह सुनिश्चित किया था कि युद्ध के मैदान में गिरने वाले हर असुर के शव को समुद्र में फेंक दिया जाए। वह नहीं चाहता था कि बंदरों को पता चले कि कितने असुर मर गए हैं, क्योंकि इससे उसके अहंकार को ठेस पहुँचती। इसलिए रावण के अहंकार ने उसके अपने सैनिकों को ठीक होने से रोक दिया।
कुछ लोग प्रतिष्ठा और जनमत को महत्व देते हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें अमीर समझा जाए, जबकि वास्तव में वे सिर्फ़ मध्यम वर्ग के लोग हो सकते हैं। पहले के समय में केले के पत्तों पर खाना खाने का रिवाज़ था। इसलिए, जब झूठे गर्व से भरे ऐसे लोग केले के पत्तों को फेंकते थे, जिस पर उन्होंने खाया था, तो वे उन पर अरंडी का तेल लगाते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि वे चाहते थे कि दूसरे लोग यह मानें कि वे अमीर हैं। कोई भी व्यक्ति जो पत्तों पर तेल चमकता हुआ देखता, वह मान लेता कि परिवार ने घी से भरपूर खाना खाया है। इस तरह के झूठे गर्व का कोई मतलब नहीं है।
वी.एस. करुणाकराचार्य ने एक प्रवचन में कहा कि रावण एक विशालकाय अहंकार वाला व्यक्ति था। राम के विरुद्ध युद्ध के दौरान, रावण की सेना ने कई वानरों को मार डाला। यहाँ तक कि राम और लक्ष्मण भी घायल हो गए। स्थिति से चिंतित होकर हनुमान जाम्बवान के पास गए। जाम्बवान ने हनुमान को हिमालय जाकर कुछ जड़ी-बूटियाँ लाने का निर्देश दिया, जिससे घाव भर जाएँ और मृत व्यक्ति फिर से जीवित हो जाएँ। हनुमान जाम्बवान द्वारा बताई गई जड़ी-बूटियों को पहचानने में असमर्थ थे। इसलिए वे एक पूरा पर्वत ही उठा लाए ताकि जाम्बवान उनसे जड़ी-बूटियाँ ले सकें। जड़ी-बूटियों को सूंघने से राम और लक्ष्मण पुनर्जीवित हो गए और वानरों को भी जीवन मिल गया।
अगर जड़ी-बूटी सूंघने से बंदरों को पुनर्जीवित किया जा सकता है, तो मरे हुए असुर क्यों नहीं उठ पाए? रावण के अहंकार ने ऐसे पुनरुत्थान को रोक दिया था। रावण ने यह सुनिश्चित किया था कि युद्ध के मैदान में गिरने वाले हर असुर के शव को समुद्र में फेंक दिया जाए। वह नहीं चाहता था कि बंदरों को पता चले कि कितने असुर मर गए हैं, क्योंकि इससे उसके अहंकार को ठेस पहुँचती। इसलिए रावण के अहंकार ने उसके अपने सैनिकों को ठीक होने से रोक दिया।
समुंदर उस पार मेरा ठिकाना है ,
समुंदर इस पार से नाव मैंने निकाली है ,
मंज़िल मेरी सुनहरे किरणों से सजी है ,
पर उस तक पहुँचने वाली डगर अंधेरों वाली है ,
लोग कहते हैं ,
भँवर है गहरा ,
मत उतरो कि डूब जाओगे ,
ढूंढ लो इस पार ही कहीं ठिकाना ,
कि यूँ जर्जर नाव से ,
कहाँ तक जाओगे ,
इस पर मेरा हौसला मुझसे आगे बढ़कर बोला ,
जब जी ही न पाए अपने सपनों के नगर में ,
तो ये सारी जमीं होगी मेरे लिए ,
डरी-सहमी बस्तियों का टोला ,
जहाँ खुद को आजमाना कठिन होगा ,
पल-पल खुद से नजरें मिलाना कठिन होगा ,
इसलिए ,
अब चाहे क्यों न आ जाए तूफानों का भवंडर ,
मिलकर रोकना चाहे भले ,
मुझको ये धरती-अंबर ,
रुक जाऊँ , ये मुझे गंवारा नही ,
आँखों के शहर में सपने ही न बसे मेरे ,
ऐसे तो होगा मेरा गुजारा नही ,
माना समुंदर है अपने जिद्द में पला-बढ़ा ,
पर जब देखेगा वो मेरे अंदर के जुनून को ,
तो तोड़ना ही होगा उसे अपने घमंड का घड़ा |
Sushmita Singh
समुंदर इस पार से नाव मैंने निकाली है ,
मंज़िल मेरी सुनहरे किरणों से सजी है ,
पर उस तक पहुँचने वाली डगर अंधेरों वाली है ,
लोग कहते हैं ,
भँवर है गहरा ,
मत उतरो कि डूब जाओगे ,
ढूंढ लो इस पार ही कहीं ठिकाना ,
कि यूँ जर्जर नाव से ,
कहाँ तक जाओगे ,
इस पर मेरा हौसला मुझसे आगे बढ़कर बोला ,
जब जी ही न पाए अपने सपनों के नगर में ,
तो ये सारी जमीं होगी मेरे लिए ,
डरी-सहमी बस्तियों का टोला ,
जहाँ खुद को आजमाना कठिन होगा ,
पल-पल खुद से नजरें मिलाना कठिन होगा ,
इसलिए ,
अब चाहे क्यों न आ जाए तूफानों का भवंडर ,
मिलकर रोकना चाहे भले ,
मुझको ये धरती-अंबर ,
रुक जाऊँ , ये मुझे गंवारा नही ,
आँखों के शहर में सपने ही न बसे मेरे ,
ऐसे तो होगा मेरा गुजारा नही ,
माना समुंदर है अपने जिद्द में पला-बढ़ा ,
पर जब देखेगा वो मेरे अंदर के जुनून को ,
तो तोड़ना ही होगा उसे अपने घमंड का घड़ा |
Sushmita Singh
It's so important to inculcate right values in the right time in the minds of children before they become adult to avoid a generational crisis.For so long we have neglected this but to be brutal honest atrocities and fights in any place over small unmatured issues happen because the kids are not taught what is actually important in an actual important time.# Education that can't get you values is mere a qualification.✨✨✨💫💫💫
🔆Corruption
✅It pervades in almost all spaces.
✅It not only rewards those who accept it but also punishes those who do not.
✅ It also causes moral, social and economic degradation.
✅It appears that it offers an easy way out in an already divided society on lines of money, language, caste, religion, etc.
✅ It marked by serious ignorance, insensitivity, selfishness and lack of compassion, love and fraternity.
#ethics
Join @Anmolvachan1
@upsc_ethics_toppers
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आना जाना छोड़ चुके ,पर्वों से नाता तोड़ चुके
रखकर पत्थर अपने दिल ,घर से मुख ये मोड़ चुके
किसका दिल करता है यारों,घर का सुख चैन गवाने को
फिर भी हम घर छोड़ आए हैं जीवन सफल बनाने को
नैन मैं मां के बसता सपना में अब काबिल बन जाऊं
कर कर चिंता बूढ़ी हो गई ,कभी तो खुशियां दिखलाऊं
बाप से मेरे चला नही जाता फिर भी काम को जाता है
मेरा खर्चा भिजवाने को रोज कमा कर लाता है
छत वो घर की टपक रही है जिसके नीचे सोते हैं
जब जब बाहर हुआ मेरिट से मुझसे ज्यादा रोते हैं
पता है तुमको पता है रब को मेहनत में मेरी कमी नहीं
और वो जीवन क्या जीवन यारों जिसमे किस्मत से ठनी नहीं❤️
रखकर पत्थर अपने दिल ,घर से मुख ये मोड़ चुके
किसका दिल करता है यारों,घर का सुख चैन गवाने को
फिर भी हम घर छोड़ आए हैं जीवन सफल बनाने को
नैन मैं मां के बसता सपना में अब काबिल बन जाऊं
कर कर चिंता बूढ़ी हो गई ,कभी तो खुशियां दिखलाऊं
बाप से मेरे चला नही जाता फिर भी काम को जाता है
मेरा खर्चा भिजवाने को रोज कमा कर लाता है
छत वो घर की टपक रही है जिसके नीचे सोते हैं
जब जब बाहर हुआ मेरिट से मुझसे ज्यादा रोते हैं
पता है तुमको पता है रब को मेहनत में मेरी कमी नहीं
और वो जीवन क्या जीवन यारों जिसमे किस्मत से ठनी नहीं❤️
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#Goodmorning
⏳180 days left CSP25 [ 25-05-25]
⏳269 days left CSM25 [ 22-08-25]
⏳ 17 days left 70th bpsc
⏳ 25 days UPPSC prelims
⏳ 19 days left opsc prelims
⏳ 32 days Kas ( karnataka) 29 dec
⏳ 68 days RAS prelims (2 feb )
⏳ 82 days left Mppsc prelims 2025
#Target
#TargetOnlyone
#Accountability
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Forwarded from Anmol Vachan Quotes ( UPSC prelims mains )
Happy Constitution Day.
Jai Hind
Jai Hind
Want luck to find you?
Follow these
1. Work hard
2. Give unselfishly
3. Read & write more
4. Always show up on time
5. Quit complaining
6. Develop good manners
7. Be humble & show gratitude
8. Be kind & generous
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8. Be kind & generous
किसी के जैसा बनने के चक्कर में
अपने जैसे भी नहीं रह पाते।
अपने जैसे भी नहीं रह पाते।
🔆Positive Impacts of Social Media on Democracy:
✅Enhanced political participation: Empowers citizens to engage in discussions and hold governments accountable.
E.g. Youth-led campaigns during climate protests.
✅Global connectivity: Enables sharing of ideas and real-time updates across borders.
E.g. Ukraine-Russia conflict updates mobilized international aid.
✅Amplification of Marginalized Voices: Offers a platform for underrepresented groups to voice concerns.
E.g. #MeToo movement started global conversations about gender justice.
✅Transparency and Accountability: Brings government actions under public scrutiny.
E.g. Social media whistleblowers exposing corruption.
#ethics
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✅Enhanced political participation: Empowers citizens to engage in discussions and hold governments accountable.
E.g. Youth-led campaigns during climate protests.
✅Global connectivity: Enables sharing of ideas and real-time updates across borders.
E.g. Ukraine-Russia conflict updates mobilized international aid.
✅Amplification of Marginalized Voices: Offers a platform for underrepresented groups to voice concerns.
E.g. #MeToo movement started global conversations about gender justice.
✅Transparency and Accountability: Brings government actions under public scrutiny.
E.g. Social media whistleblowers exposing corruption.
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