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उत्तर: C. 1969
विक्रम ए. साराभाई को भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रमों का संस्थापक जनक माना जाता है. इसरो का गठन 15 अगस्त, 1969 को हुआ था.
हमारे देश में अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों की शुरूआत 1960 के दौरान हुई, जिस समय संयुक्त राष्ट्र अमरीका में भी उपग्रहों का प्रयोग करने वाले अनुप्रयोग परीक्षणात्मक चरणों पर थे. अमरीकी उपग्रह ‘सिनकाम-3’ द्वारा प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में टोकियो ओलंपिक खेलों के सीधे प्रसारण ने संचार उपग्रहों की सक्षमता को प्रदर्शित किया, जिससे डॉ. विक्रम साराभाई, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक ने तत्काल भारत के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के लाभों को पहचाना.
विक्रम ए. साराभाई को भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रमों का संस्थापक जनक माना जाता है. इसरो का गठन 15 अगस्त, 1969 को हुआ था.
हमारे देश में अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों की शुरूआत 1960 के दौरान हुई, जिस समय संयुक्त राष्ट्र अमरीका में भी उपग्रहों का प्रयोग करने वाले अनुप्रयोग परीक्षणात्मक चरणों पर थे. अमरीकी उपग्रह ‘सिनकाम-3’ द्वारा प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में टोकियो ओलंपिक खेलों के सीधे प्रसारण ने संचार उपग्रहों की सक्षमता को प्रदर्शित किया, जिससे डॉ. विक्रम साराभाई, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक ने तत्काल भारत के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के लाभों को पहचाना.
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प्रश्न: 'डिवाइन कॉमेडी' के लेखक कौन हैं?
Anonymous Quiz
16%
A. जॉर्ज एलियट
45%
B. दांते एलीगियरी
23%
C. जॉन मिल्टन
17%
D. विलियम शेक्सपीयर
🏮भारतीय राजव्यवस्था🏮
● कौन-से प्रधानमंत्री एक भी दिन संसद नही गए— चौ. चरण सिंह
● यथार्थ कार्यपालिका की समस्त सत्ता किसमें निहित होती है— मंत्रिपरिषद में
● संघीय मंत्रिपरिषद के मंत्री किसके प्रति उत्तरदायी होते हैं— लोकसभा के
● स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रतिरक्षा मंत्री कौन थे— सरदार पटेल
● स्वतंत्र भारत के प्रथम वित्त कौन थे— आरके षणमुगम शेटी
● क्या राज्यसभा का सदस्य मंत्रिपरिषद का सदस्य बन सकता है— हाँ
● भारत में किसी भी सदन का सदस्य बने बिना कोई व्यक्ति मंत्री पद पर कितने दिनों तक रह सकती है— 6 माह
● संविधान के किस अनुच्छेद में मंत्रिपरिषद की नियुक्ति व पदच्युति का प्रावधान है— अनुच्छेद-75
● मंत्रिमंडल का गठन कौन करता है— केंद्रीय मंत्री
● स्वतंत्र भारत के प्रथम कानूनी मंत्री कौन थे— डॉ. बी. आर. अंबेडकर
● कौन-सा प्रस्ताव संसद में मंत्रिपरिषद रख सकती है— विश्वास प्रस्ताव
● मंत्रिपरिषद् के सदस्यों को गोपनीयता की शपथ कौन दिलाता है— राष्ट्रपति
● भारत के मंत्रिपरिषद् में अधिकतम सदस्य कहाँ से लिये जाते हैं— लोकसभा से
● संसदीय शासन प्रणाली में वास्तविक कार्यपालिका की शक्ति किसके पास होती है— प्रधानमंत्री के पास
● सबसे कम आयु में प्रधानमंत्री कौन बने— राजीव गाँधी
● लोकसभा में बहुमत दल का नेता कौन होता है— प्रधानमंत्री
● किस प्रधानमंत्री की नियुक्ति के समय वे किसी भी सदन का सदस्य नहीं थे— एच. डी. देवगौड़ा
● कौन-से प्रधानमंत्री एक भी दिन संसद नही गए— चौ. चरण सिंह
● यथार्थ कार्यपालिका की समस्त सत्ता किसमें निहित होती है— मंत्रिपरिषद में
● संघीय मंत्रिपरिषद के मंत्री किसके प्रति उत्तरदायी होते हैं— लोकसभा के
● स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रतिरक्षा मंत्री कौन थे— सरदार पटेल
● स्वतंत्र भारत के प्रथम वित्त कौन थे— आरके षणमुगम शेटी
● क्या राज्यसभा का सदस्य मंत्रिपरिषद का सदस्य बन सकता है— हाँ
● भारत में किसी भी सदन का सदस्य बने बिना कोई व्यक्ति मंत्री पद पर कितने दिनों तक रह सकती है— 6 माह
● संविधान के किस अनुच्छेद में मंत्रिपरिषद की नियुक्ति व पदच्युति का प्रावधान है— अनुच्छेद-75
● मंत्रिमंडल का गठन कौन करता है— केंद्रीय मंत्री
● स्वतंत्र भारत के प्रथम कानूनी मंत्री कौन थे— डॉ. बी. आर. अंबेडकर
● कौन-सा प्रस्ताव संसद में मंत्रिपरिषद रख सकती है— विश्वास प्रस्ताव
● मंत्रिपरिषद् के सदस्यों को गोपनीयता की शपथ कौन दिलाता है— राष्ट्रपति
● भारत के मंत्रिपरिषद् में अधिकतम सदस्य कहाँ से लिये जाते हैं— लोकसभा से
● संसदीय शासन प्रणाली में वास्तविक कार्यपालिका की शक्ति किसके पास होती है— प्रधानमंत्री के पास
● सबसे कम आयु में प्रधानमंत्री कौन बने— राजीव गाँधी
● लोकसभा में बहुमत दल का नेता कौन होता है— प्रधानमंत्री
● किस प्रधानमंत्री की नियुक्ति के समय वे किसी भी सदन का सदस्य नहीं थे— एच. डी. देवगौड़ा
🔰🔰 इतिहास की प्रमुख घटनाएँ 🔰🔰
भारत में आर्यों का आगमन :- 1500 ई०पू०
महावीर का जन्म :- 540 ई०पू०
महावीर का निर्वाण :- 468 ई०पू०
गौतम बुद्ध का जन्म :- 563 ई०पू०
गौतम बुद्ध का महापरिवार्न :- 483 ई०पू०
सिकंदर का भारत पर आक्रमण :- 326-325 ई०पू०
अशोक द्वारा कलिंग पर विजय :- 261 ई०पू०
विक्रम संवत् का आरम्भ :- 58 ई०पू०
शक् संवत् का आरम्भ :- 78 ई०पू०
हिजरी संवत् का आरम्भ :- 622 ई०
फाह्यान की भारत यात्रा :- 405-11 ई०
हर्षवर्धन का शासन :- 606-647 ई०
हेनसांग की भारत यात्रा :- 630 ई०
सबसे अच्छा टेलीग्राम चैनल : टारगेट अड्डा
सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण :- 1025 ई०
तराईन का प्रथम युद्ध :- 1191 ई०
तराईन का द्वितीय युद्ध :- 1192 ई०
गुलाम वंश की स्थापना :- 1206 ई०
वास्कोडिगामा का भारत आगमन :- 1498 ई०
पानीपत का प्रथम युद्ध :- 1526 ई०
पानीपत का द्वितीय युद्ध :- 1556 ई०
पानीपत का तृतीय युद्ध :- 1761 ई०
अकबर का राज्यारोहण :- 1556 ई०
हल्दी घाटी का युद्ध :- 1576 ई०
दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना :- 1582 ई०
प्लासी का युद्ध :- 1757 ई०
बक्सर का युद्ध :- 1764 ई०
बंगाल में स्थायी बंदोबस्त :- 1793 ई०
बंगाल में प्रथम विभाजन : 1905 ई०
मुस्लिम लीग की स्थापना :- 1906 ई०
मार्ले - मिन्टो सुधार :- 1909 ई०
प्रथम विश्वयुद्ध :- 1914 -18 ई०
द्वितीय विश्वयुद्ध :- 1939 - 45 ई०
असहयोग आंदोलन :- 1920 - 22 ई०
साइमन कमीशन का आगमन :- 1928 ई०
दांडी मार्च नमक सत्याग्रह :- 1930 ई०
गाँधी इरविन समझौता :- 1931 ई०
कैबिनेट मिशन का आगमन :- 1946 ई०
महात्मा गांधी की हत्या :- 1948 ई०
चीन का भारत पर आगक्रम :- 1962 ई०
भारत - पाक युद्ध :- 1965 ई०
ताशकंद- समझौता :- 1966 ई०
तालिकोटा का युद्ध :- 1565 ई०
प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1776- 69 ई०
द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1780- 84 ई०
तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1790- 92 ई०
चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1799 ई०
कारगिल युद्ध :- 1999 ई०
प्रथम गोलमेज सम्मेलन :- 1930 ई०
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन:- 1931 ई०
तृतीय गोलमेज सम्मेलन :- 1932 ई०
क्रिप्स मिशन का आगमन :- 1942 ई०
चीनी क्रांति :- 1911 ई०
फ्रांसीसी क्रांती :- 1789 ई०
रुसी क्रांति :- 1917 ई०
भारत में आर्यों का आगमन :- 1500 ई०पू०
महावीर का जन्म :- 540 ई०पू०
महावीर का निर्वाण :- 468 ई०पू०
गौतम बुद्ध का जन्म :- 563 ई०पू०
गौतम बुद्ध का महापरिवार्न :- 483 ई०पू०
सिकंदर का भारत पर आक्रमण :- 326-325 ई०पू०
अशोक द्वारा कलिंग पर विजय :- 261 ई०पू०
विक्रम संवत् का आरम्भ :- 58 ई०पू०
शक् संवत् का आरम्भ :- 78 ई०पू०
हिजरी संवत् का आरम्भ :- 622 ई०
फाह्यान की भारत यात्रा :- 405-11 ई०
हर्षवर्धन का शासन :- 606-647 ई०
हेनसांग की भारत यात्रा :- 630 ई०
सबसे अच्छा टेलीग्राम चैनल : टारगेट अड्डा
सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण :- 1025 ई०
तराईन का प्रथम युद्ध :- 1191 ई०
तराईन का द्वितीय युद्ध :- 1192 ई०
गुलाम वंश की स्थापना :- 1206 ई०
वास्कोडिगामा का भारत आगमन :- 1498 ई०
पानीपत का प्रथम युद्ध :- 1526 ई०
पानीपत का द्वितीय युद्ध :- 1556 ई०
पानीपत का तृतीय युद्ध :- 1761 ई०
अकबर का राज्यारोहण :- 1556 ई०
हल्दी घाटी का युद्ध :- 1576 ई०
दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना :- 1582 ई०
प्लासी का युद्ध :- 1757 ई०
बक्सर का युद्ध :- 1764 ई०
बंगाल में स्थायी बंदोबस्त :- 1793 ई०
बंगाल में प्रथम विभाजन : 1905 ई०
मुस्लिम लीग की स्थापना :- 1906 ई०
मार्ले - मिन्टो सुधार :- 1909 ई०
प्रथम विश्वयुद्ध :- 1914 -18 ई०
द्वितीय विश्वयुद्ध :- 1939 - 45 ई०
असहयोग आंदोलन :- 1920 - 22 ई०
साइमन कमीशन का आगमन :- 1928 ई०
दांडी मार्च नमक सत्याग्रह :- 1930 ई०
गाँधी इरविन समझौता :- 1931 ई०
कैबिनेट मिशन का आगमन :- 1946 ई०
महात्मा गांधी की हत्या :- 1948 ई०
चीन का भारत पर आगक्रम :- 1962 ई०
भारत - पाक युद्ध :- 1965 ई०
ताशकंद- समझौता :- 1966 ई०
तालिकोटा का युद्ध :- 1565 ई०
प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1776- 69 ई०
द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1780- 84 ई०
तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1790- 92 ई०
चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1799 ई०
कारगिल युद्ध :- 1999 ई०
प्रथम गोलमेज सम्मेलन :- 1930 ई०
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन:- 1931 ई०
तृतीय गोलमेज सम्मेलन :- 1932 ई०
क्रिप्स मिशन का आगमन :- 1942 ई०
चीनी क्रांति :- 1911 ई०
फ्रांसीसी क्रांती :- 1789 ई०
रुसी क्रांति :- 1917 ई०
🧿महात्मा गाँधी पर पूछे गए प्रश्न🧿
━━━━━━━━━━━━━━━━
✅ वर्धा आश्रम कहाँ स्थित है?
Answer: महाराष्ट्र में
✅गांधीजी ने साप्ताहिक हरिजन कब शुरू किया था?
Answer: 1933
✅गांधीजी ने सुभाष चंद्र बोस को ____ कहा?
Answer: देश-भक्त
✅गाँधी जी को अर्द्ध नग्न फ़क़ीर किस ने कहा?
Answer: विंस्टन चर्चिल
✅टैगोर को गुरुदेव का नाम किसने दिया
Answer: महात्मा गाँधी ने
✅गाँधी जी को महात्मा किसने कहा?
Answer: टैगोर
✅गाँधी जी का राजनितिक गुरु कौन था?
Answer: गोपाल कृष्ण गोखले
✅गाँधी का अध्यात्मिक गुरु कौन है?
Answer: लियो टॉल्स्टॉय
✅गाँधी जी की हत्या कब हुई?
Answer: 30 जनवरी 1948 को नाथुराम विनायक गोडसे
✅गाँधी जी ने ‘पोस्ट डेटेड चेक’ किसे कहा ?
Answer: क्रिप्स मिशन (1942) को
✅गाँधी जी ने ‘हिन्द स्वराज’ का प्रकाशन कब किया ?
Answer: 1908 में
✅बाबा आम्टे को ‘अभय सदक’ 'Abhay Sadak का ख़िताब किसने दिया?
Answer: महात्मा गाँधी
✅भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में किस अवधि को 'गांधी युग' के रूप में माना जाता है?
Answer: 1915 - 1948
✅भारत में गांधी जी का तीसरा सत्याग्रह कहाँ था?
Answer: खेड़ा सत्याग्रह
✅सत्याग्रह सभा की स्थापना किसने की थी?
Answer: महात्मा गाँधी ने
✅महादेव देसाई के हस्तान्तरण के बाद गाँधी जी का सचिव किसे बनाया गया था?
Answer: प्यारेलाल
✅गाँधी जी की अनुयायी मीरा बहन का वास्तविक नाम क्या था?
Answer: मेडेलीन स्लेड
✅किस ने गांधी के दांडी मार्च की तुलना श्री राम की लंका पौराणिक यात्रा से की थी?
Answer: मोतीलाल नेहरू
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✅ वर्धा आश्रम कहाँ स्थित है?
Answer: महाराष्ट्र में
✅गांधीजी ने साप्ताहिक हरिजन कब शुरू किया था?
Answer: 1933
✅गांधीजी ने सुभाष चंद्र बोस को ____ कहा?
Answer: देश-भक्त
✅गाँधी जी को अर्द्ध नग्न फ़क़ीर किस ने कहा?
Answer: विंस्टन चर्चिल
✅टैगोर को गुरुदेव का नाम किसने दिया
Answer: महात्मा गाँधी ने
✅गाँधी जी को महात्मा किसने कहा?
Answer: टैगोर
✅गाँधी जी का राजनितिक गुरु कौन था?
Answer: गोपाल कृष्ण गोखले
✅गाँधी का अध्यात्मिक गुरु कौन है?
Answer: लियो टॉल्स्टॉय
✅गाँधी जी की हत्या कब हुई?
Answer: 30 जनवरी 1948 को नाथुराम विनायक गोडसे
✅गाँधी जी ने ‘पोस्ट डेटेड चेक’ किसे कहा ?
Answer: क्रिप्स मिशन (1942) को
✅गाँधी जी ने ‘हिन्द स्वराज’ का प्रकाशन कब किया ?
Answer: 1908 में
✅बाबा आम्टे को ‘अभय सदक’ 'Abhay Sadak का ख़िताब किसने दिया?
Answer: महात्मा गाँधी
✅भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में किस अवधि को 'गांधी युग' के रूप में माना जाता है?
Answer: 1915 - 1948
✅भारत में गांधी जी का तीसरा सत्याग्रह कहाँ था?
Answer: खेड़ा सत्याग्रह
✅सत्याग्रह सभा की स्थापना किसने की थी?
Answer: महात्मा गाँधी ने
✅महादेव देसाई के हस्तान्तरण के बाद गाँधी जी का सचिव किसे बनाया गया था?
Answer: प्यारेलाल
✅गाँधी जी की अनुयायी मीरा बहन का वास्तविक नाम क्या था?
Answer: मेडेलीन स्लेड
✅किस ने गांधी के दांडी मार्च की तुलना श्री राम की लंका पौराणिक यात्रा से की थी?
Answer: मोतीलाल नेहरू
🔰 मगध साम्राज्य 🔰
मगध प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। यह आधुनिक बिहार राज्य के पटना और गया जिले में फैला हुआ था। महाजनपदों में मगध, कोसल, वत्स एवं अवन्ती सबसे अधिक शक्तिशाली राज्य थे। धीरे-धीर मगध ने अन्य तीन महाजनपदों को पराजित करके अपने साम्राज्य में मिला लिया। इसकी राजधानी गिरिव्रज (वर्तमान राजगीर) थी। मगध के उत्थान के मुख्य कारण इस प्रकार है:
➖विस्तृत उपजाऊ मैदान
➖प्राकृतिक सुरक्षा
➖खनिज संसाधनों की उपलब्धता
➖व्यापार में वृद्धि
➖वन क्षेत्र तथा हाथियों की उपलब्धता
➖कृषि में लोहे के उपयोग
➖धान की रोपाई की पद्धति का विकास
➖कृषि में दासों और कर्मकारो को लगाया जाना
➖नवीन धर्मों का उदय
➖सामाजिक खुलापन व प्रगतिशील दृष्टिकोण
इस दौरान कृषि में लोहे के औज़ार उपयोग किये जाने से मगध में कृषि उत्पादन में काफी वृद्धि हुई। साथ ही साथ कृषि में नयी पद्धतियों का विकास भी हुआ। इसके फलस्वरूप कृषि उत्पादन आवश्कता से भी अधिक होने लगा। मगध में शिल्प और उद्योग धंधों का विकास हुआ और वाणिज्य-व्यापार एवं मुद्रा अर्थव्यवस्था का विकास हुआ।
वैदिक साहित्य में छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान के मगध साम्राज्य का उल्लेख मिलता है। छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में द्वितीय नगरीकरण भी शुरू हुआ है, जिससे राज्य निर्माण की प्रक्रिया को बल मिला। मगध साम्राज्य काल के बर्तनों से अनुमान लगाया जाता है कि इस दौरान नगर व्यवस्था अस्तित्व में थी। इन मिट्टी के बर्तनों को उत्तरी काले चमकीले मृदभांड कहा गया है। राज्य को ठोस आर्थिक और सामाजिक आधार पर प्राप्त हुआ तथा करारोपण प्रणाली स्थापित हो गयी। मगध साम्राज्य का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में किया गया है।
बाद में गुप्त और मौर्य साम्राज्य के उत्थान भी मगध में हुआ था। मगध में गणतांत्रिक व्यवस्था अस्तित्व में थी। इस दौरान ग्राम के प्रधान ग्रामक कहलाता था। वह न्यायायिक, सैन्य तथा कार्यकारी कार्य करता था। इस दौरान धर्म, विज्ञान, ज्योतिष और दर्शन का अत्यधिक विकास हुआ।
➨ हर्यंक वंश (544-412 ईसा पूर्व)
➨ बिम्बिसार (544-492 ईसा पूर्व)
➨ अजातशत्रु (492-460 ईसा पूर्व)
➨ उदायिन (460-440 ईसा पूर्व)
➨ शिशुनाग वंश (412-344 ईसा पूर्व)
➨ नन्द वंश (344-323 ईसा पूर्व)
नन्द वंश के दौरान मगध साम्राज्य पूर्व में बंगाल से लेकर पश्चिम में पंजाब से विन्ध्य पर्वत श्रृंखला तक फैला हुआ था। महापद्मानंद ने शिशुनाग वंश के अंतिम शासक महानन्दिन की हत्या करके नन्द वंश की नींव रखी। बौद्ध ग्रन्थ “महाबोधिवंश” में उसे उग्रसेन तथा पुरानों में सर्वक्षत्रान्तक एवं एकराट कहा गया है। खारवेल के हथिगुम्फा अभिलेख में उसकी कलिंग विजय का उल्लेख है। महापद्मानंद ने पंचाल, कसीस, हैयाय, कलिंग, अस्मक, कुरु, मैथल, शूरसेन इत्यादि राज्यों को हराया।
महाबोधिवंश के अनुसार धनानंद इस वंश का अंतिम शासक था, जिसे ग्रीक लेखक अग्रमीज़ एवं जेन्द्रमीज़ कहते थे। उसकी कुरीतियों के कारण उसे मगध की जनता द्वारा अधिक पसंद नहीं किया जाता था। इसके कार्यकाल के दौरान सिकंदर ने पश्चिम उत्तर भारत पर 326 ईसा पूर्व में आक्रमण किया था।
🔹 प्रशासनिक और आर्थिक व्यवस्था
मगध साम्राज्य प्राचीन भारत का पहला बड़ा साम्राज्य था। इस दौरान नौकरशाही रक्त सम्बन्ध से अलग थी। बलिसधक, शौलिकक, राज्जुग्राहक और अक्षपटलाधिकृत इस काल के प्रमुख अधिकारी थे। महाजनपदों के सैनिक दोधारी तलवारी और सरकंडे के बाणों के मुख पर लोहे की नोक लगाकर उपयोग करते थे। इस दौरान धातुओं का उपयोग वृहत स्तर पर किया जाता था।
इस दौरान कृषि उत्पादन में काफी वृद्धि हुई। इस काल में खेती के लिए लोहे के बने उपकरणों का उपयोग प्रारम्भ हुआ। तथा कृषि की नयी पद्धतियों का विकास भी इस काल में हुआ। इस दौरान वास की भूमि और कृषि भूमि को अलग-अलग किया गया। भूमि माप की इकाई निवर्तन कहलाती थी। छठी सदी ईसा पूर्व में व्यवसायियों ने अपने-अपने संगठन बना लिए, जिसे श्रेणी कहा जाता था। श्रेणी एक ही कार्य करने वाले लोगों का समूह था, जिसका प्रमुख श्रेष्ठिन अथवा ज्येष्ठक कहलाता था।
संभवतः इस काल में विनिमय के लिए सिक्कों का उपयोग किया जाना आरम्भ हुआ। यह सिक्के सोने और चांदी से बने थे। इस काल के सिक्के आहत सिक्के थे। इस दौरान व्यापारिक गतिविधियों में भी वृद्धि हुई। व्यापार की वृद्धि के लिए पांड्य सिद्धि संस्कार किया जाता था । छठी शताब्दी ईसा पूर्व में गंगा-यमुना दोआब एवं बिहार के आस-पास के क्षेत्रों में द्वितीय नगरीय क्रान्ति हुई। प्रारंभिक बौद्ध साहित्य में बुद्ध के समय के 6 प्रसिद्ध नगरों का उल्लेख मिलता है।
मगध प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। यह आधुनिक बिहार राज्य के पटना और गया जिले में फैला हुआ था। महाजनपदों में मगध, कोसल, वत्स एवं अवन्ती सबसे अधिक शक्तिशाली राज्य थे। धीरे-धीर मगध ने अन्य तीन महाजनपदों को पराजित करके अपने साम्राज्य में मिला लिया। इसकी राजधानी गिरिव्रज (वर्तमान राजगीर) थी। मगध के उत्थान के मुख्य कारण इस प्रकार है:
➖विस्तृत उपजाऊ मैदान
➖प्राकृतिक सुरक्षा
➖खनिज संसाधनों की उपलब्धता
➖व्यापार में वृद्धि
➖वन क्षेत्र तथा हाथियों की उपलब्धता
➖कृषि में लोहे के उपयोग
➖धान की रोपाई की पद्धति का विकास
➖कृषि में दासों और कर्मकारो को लगाया जाना
➖नवीन धर्मों का उदय
➖सामाजिक खुलापन व प्रगतिशील दृष्टिकोण
इस दौरान कृषि में लोहे के औज़ार उपयोग किये जाने से मगध में कृषि उत्पादन में काफी वृद्धि हुई। साथ ही साथ कृषि में नयी पद्धतियों का विकास भी हुआ। इसके फलस्वरूप कृषि उत्पादन आवश्कता से भी अधिक होने लगा। मगध में शिल्प और उद्योग धंधों का विकास हुआ और वाणिज्य-व्यापार एवं मुद्रा अर्थव्यवस्था का विकास हुआ।
वैदिक साहित्य में छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान के मगध साम्राज्य का उल्लेख मिलता है। छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में द्वितीय नगरीकरण भी शुरू हुआ है, जिससे राज्य निर्माण की प्रक्रिया को बल मिला। मगध साम्राज्य काल के बर्तनों से अनुमान लगाया जाता है कि इस दौरान नगर व्यवस्था अस्तित्व में थी। इन मिट्टी के बर्तनों को उत्तरी काले चमकीले मृदभांड कहा गया है। राज्य को ठोस आर्थिक और सामाजिक आधार पर प्राप्त हुआ तथा करारोपण प्रणाली स्थापित हो गयी। मगध साम्राज्य का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में किया गया है।
बाद में गुप्त और मौर्य साम्राज्य के उत्थान भी मगध में हुआ था। मगध में गणतांत्रिक व्यवस्था अस्तित्व में थी। इस दौरान ग्राम के प्रधान ग्रामक कहलाता था। वह न्यायायिक, सैन्य तथा कार्यकारी कार्य करता था। इस दौरान धर्म, विज्ञान, ज्योतिष और दर्शन का अत्यधिक विकास हुआ।
➨ हर्यंक वंश (544-412 ईसा पूर्व)
➨ बिम्बिसार (544-492 ईसा पूर्व)
➨ अजातशत्रु (492-460 ईसा पूर्व)
➨ उदायिन (460-440 ईसा पूर्व)
➨ शिशुनाग वंश (412-344 ईसा पूर्व)
➨ नन्द वंश (344-323 ईसा पूर्व)
नन्द वंश के दौरान मगध साम्राज्य पूर्व में बंगाल से लेकर पश्चिम में पंजाब से विन्ध्य पर्वत श्रृंखला तक फैला हुआ था। महापद्मानंद ने शिशुनाग वंश के अंतिम शासक महानन्दिन की हत्या करके नन्द वंश की नींव रखी। बौद्ध ग्रन्थ “महाबोधिवंश” में उसे उग्रसेन तथा पुरानों में सर्वक्षत्रान्तक एवं एकराट कहा गया है। खारवेल के हथिगुम्फा अभिलेख में उसकी कलिंग विजय का उल्लेख है। महापद्मानंद ने पंचाल, कसीस, हैयाय, कलिंग, अस्मक, कुरु, मैथल, शूरसेन इत्यादि राज्यों को हराया।
महाबोधिवंश के अनुसार धनानंद इस वंश का अंतिम शासक था, जिसे ग्रीक लेखक अग्रमीज़ एवं जेन्द्रमीज़ कहते थे। उसकी कुरीतियों के कारण उसे मगध की जनता द्वारा अधिक पसंद नहीं किया जाता था। इसके कार्यकाल के दौरान सिकंदर ने पश्चिम उत्तर भारत पर 326 ईसा पूर्व में आक्रमण किया था।
🔹 प्रशासनिक और आर्थिक व्यवस्था
मगध साम्राज्य प्राचीन भारत का पहला बड़ा साम्राज्य था। इस दौरान नौकरशाही रक्त सम्बन्ध से अलग थी। बलिसधक, शौलिकक, राज्जुग्राहक और अक्षपटलाधिकृत इस काल के प्रमुख अधिकारी थे। महाजनपदों के सैनिक दोधारी तलवारी और सरकंडे के बाणों के मुख पर लोहे की नोक लगाकर उपयोग करते थे। इस दौरान धातुओं का उपयोग वृहत स्तर पर किया जाता था।
इस दौरान कृषि उत्पादन में काफी वृद्धि हुई। इस काल में खेती के लिए लोहे के बने उपकरणों का उपयोग प्रारम्भ हुआ। तथा कृषि की नयी पद्धतियों का विकास भी इस काल में हुआ। इस दौरान वास की भूमि और कृषि भूमि को अलग-अलग किया गया। भूमि माप की इकाई निवर्तन कहलाती थी। छठी सदी ईसा पूर्व में व्यवसायियों ने अपने-अपने संगठन बना लिए, जिसे श्रेणी कहा जाता था। श्रेणी एक ही कार्य करने वाले लोगों का समूह था, जिसका प्रमुख श्रेष्ठिन अथवा ज्येष्ठक कहलाता था।
संभवतः इस काल में विनिमय के लिए सिक्कों का उपयोग किया जाना आरम्भ हुआ। यह सिक्के सोने और चांदी से बने थे। इस काल के सिक्के आहत सिक्के थे। इस दौरान व्यापारिक गतिविधियों में भी वृद्धि हुई। व्यापार की वृद्धि के लिए पांड्य सिद्धि संस्कार किया जाता था । छठी शताब्दी ईसा पूर्व में गंगा-यमुना दोआब एवं बिहार के आस-पास के क्षेत्रों में द्वितीय नगरीय क्रान्ति हुई। प्रारंभिक बौद्ध साहित्य में बुद्ध के समय के 6 प्रसिद्ध नगरों का उल्लेख मिलता है।
🏛भारत के ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल🏛
📌निशात बाग➖शरीनगर
🏛मीनाक्षी मन्दिर➖मदुरै
📌सवर्ण मन्दिर➖अमृतसर
🏛एलोरा की गुफाएँ➖औरंगाबाद
📌हवामहल➖जयपुर
🏛जतर-मंतर➖दिल्ली
📌शरशाह का मकबरा➖ सासाराम
🏛एतमातुद्दौला➖आगरा
📌सारनाथ➖ वाराणसी के समीप
🏛नटराज मन्दिर➖ चन्नई
📌जामा मस्जिद➖ दिल्ली
🏛जगन्नाथ मन्दिर➖ परी
📌गोलघर➖ पटना
🏛विजय स्तम्भ➖चित्तौड़गढ़
📌गोल गुम्बद➖बीजापुर
🏛गोलकोण्डा➖हदराबाद
📌गटवे ऑफ इण्डिया➖ मम्बई
🏛जलमन्दिर➖ पावापुरी
📌बलूर मठ➖ कोलकाता
🏛टावर ऑफ साइलेंस➖मम्बई
📌मालाबार हिल्स➖ मम्बई
🏛गोमतेश्वर मन्दिर श्रवणबेलगोला➖ कर्नाटक
📌बलन्द दरवाजा➖ फतेहपुर सीकरी
🏛अकबर का मकबरा➖सिकन्दरा, आगरा
📌जोग प्रपात➖मसूर
🏛शान्ति निकेतन➖ कोलकाता
📌रणथम्भौर का किला➖सवाई माधोपुर
🏛आगा खां पैलेस➖पणे
📌महाकाल का मन्दिर➖उज्जैन
🏛कतुबमीनार➖दिल्ली
📌एलिफैंटा की गुफाएँ➖ मम्बई
🏛ताजमहल➖ आगरा
📌इण्डिया गेट➖ दिल्ली
🏛विश्वनाथ मन्दिर➖वाराणसी
📌साँची का स्तूप➖भोपाल
🏛अमरनाथ गुफा➖काश्मीर
📌सर्य मन्दिर (ब्लैक पगोडा)➖ कोणार्क
🏛वहदेश्वर मन्दिर➖तन्जौर
📌दिलवाड़ा मन्दिर, माउंट आबू
🏛आमेर दुर्ग➖जयपुर
📌इमामबाड़ा➖ लखनऊ
🏛वन्दावन गार्डन➖मसूर
📌चिल्का झील➖ओड़ीसा
🏛अजन्ता की गुफाएँ➖औरंगाबाद
📌निशात बाग➖शरीनगर
🏛मीनाक्षी मन्दिर➖मदुरै
📌सवर्ण मन्दिर➖अमृतसर
🏛एलोरा की गुफाएँ➖औरंगाबाद
📌हवामहल➖जयपुर
🏛जतर-मंतर➖दिल्ली
📌शरशाह का मकबरा➖ सासाराम
🏛एतमातुद्दौला➖आगरा
📌सारनाथ➖ वाराणसी के समीप
🏛नटराज मन्दिर➖ चन्नई
📌जामा मस्जिद➖ दिल्ली
🏛जगन्नाथ मन्दिर➖ परी
📌गोलघर➖ पटना
🏛विजय स्तम्भ➖चित्तौड़गढ़
📌गोल गुम्बद➖बीजापुर
🏛गोलकोण्डा➖हदराबाद
📌गटवे ऑफ इण्डिया➖ मम्बई
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📌बलन्द दरवाजा➖ फतेहपुर सीकरी
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