*✍️ગુજરાતના સ્પર્ધાત્મક તૈયારી કરતા યુવાનો સાથે GPSC બોર્ડ રમત રમી રહ્યું હોય એવું લાગી રહ્યું છે.*
*🕹️ગુજરાતના એક ઉમેદવાર ચૌધરી વિપુલભાઈ કરમણભાઈના જીવન સાથે GPSC બોર્ડ કંઈ હદે રમત રમી.*
*🕹️GPSC ની મુખ્ય પરીક્ષામાં વિપુલભાઈએ ૪૨૯ ગુણ મેળવ્યા. જ્યારે ઇન્ટરવ્યુની પેનલે માત્ર ૨૦ માર્ક્સ આપીને નાપાસ ઘોષિત કર્યો.*
*🕹️જ્યારે આજે UPSC નું પરિણામ આવ્યું એમાં વિપુલભાઈએ ૩૪૮ માં રેન્ક સાથે ફાઈનલમાં પાસ થઈને સિલેક્શન મેળવ્યું.*
*🕹️ગુજરાતના એક ઉમેદવાર ચૌધરી વિપુલભાઈ કરમણભાઈના જીવન સાથે GPSC બોર્ડ કંઈ હદે રમત રમી.*
*🕹️GPSC ની મુખ્ય પરીક્ષામાં વિપુલભાઈએ ૪૨૯ ગુણ મેળવ્યા. જ્યારે ઇન્ટરવ્યુની પેનલે માત્ર ૨૦ માર્ક્સ આપીને નાપાસ ઘોષિત કર્યો.*
*🕹️જ્યારે આજે UPSC નું પરિણામ આવ્યું એમાં વિપુલભાઈએ ૩૪૮ માં રેન્ક સાથે ફાઈનલમાં પાસ થઈને સિલેક્શન મેળવ્યું.*
ધોરડો-"વર્લ્ડ બેસ્ટ ટુરિઝમ વિલેજ"; રણોત્સવથી દુનિયાભરમાં જાણીતું કચ્છનું ‘ધોરડો’ આજે પ્રવાસનની વૈશ્વિક ઓળખ બન્યું છે.
#GujaratInformation17032
#GujaratInformation17032
#Revenue_Talati
👉 જે પણ ઉમેદવારોને રેવન્યુ તલાટી ના અભ્યાસક્રમમા કોઈ વિસગત્તા અથવા જરૂરી ફેરફાર બાબતે પોતાની રજુઆત કરવી યોગ્ય જણાય છે.
✍️ તેવા ઉમેદવારો આજે બપોરે 2 વાગે ટ્વીટર પર એક જ # હૅશટેગ સાથે પોતાની નૈતિક જવાબદારી સાથે ટ્વીટર અભિયાન મા જોડાઈ યોગ્ય રજુઆત મુકીશું.
✍️ બપોરે 1:30 વાગે અહીં ## હેસ્ટેગ આપીશું તે હૅશટેગ સાથે પોતાની રજુવાત એક સાથે બપોરે 2 વાગે કરવી.
✍️ વિધાર્થી હિતેચ્છુ ટેલિગ્રામ અને વ્હોટ્સએપ ચેનલ પણ ઉમેદવારોના સામુહિક હિતમાં ટ્વીટર અભિયાનના જોડાય તેવી વિનંતી.
👉 જે પણ ઉમેદવારોને રેવન્યુ તલાટી ના અભ્યાસક્રમમા કોઈ વિસગત્તા અથવા જરૂરી ફેરફાર બાબતે પોતાની રજુઆત કરવી યોગ્ય જણાય છે.
✍️ તેવા ઉમેદવારો આજે બપોરે 2 વાગે ટ્વીટર પર એક જ # હૅશટેગ સાથે પોતાની નૈતિક જવાબદારી સાથે ટ્વીટર અભિયાન મા જોડાઈ યોગ્ય રજુઆત મુકીશું.
✍️ બપોરે 1:30 વાગે અહીં ## હેસ્ટેગ આપીશું તે હૅશટેગ સાથે પોતાની રજુવાત એક સાથે બપોરે 2 વાગે કરવી.
✍️ વિધાર્થી હિતેચ્છુ ટેલિગ્રામ અને વ્હોટ્સએપ ચેનલ પણ ઉમેદવારોના સામુહિક હિતમાં ટ્વીટર અભિયાનના જોડાય તેવી વિનંતી.
👆 Please friend retweet krjo.. Atlo to students mate time kadhi sko bdha retweet kro vinati che 🙏
યુનિવર્સિટી ગ્રંથ નિર્માણ Book Pdf
https://x.com/RameshD03483737/status/1925868646758330863?t=Qmhu8s_jd9dBinGEH4YHtA&s=19
તમારા માટે 2 મીનીટ કાઢીને રીટવીટ કરો વિનંતી છે 🙏😊
🚨 URGENT BLOOD DONATION APPEAL – AHMEDABAD PLANE CRASH 🚨
A tragic plane crash near Civil Hospital, Ahmedabad has resulted in mass casualties. In this critical situation, we humbly request everyone to come forward and donate blood to help save lives.
🩸 Blood Donation Centers:
1. U. N. Mehta Institute of Cardiology and Research Centre
Room no 110, 1st floor, A block
Contact no -9316732524
2. IHBT Department, Civil Hospital
2nd floor, 1200 bed Civil Hospital,
Contact no- 9428265409
3. IKDRC Blood Centre
1st floor, IKDRC Hospital, Manjushree mill road, Baliya limdi
Contact no- 07922687500
Ext no-4226
4. GCRI Blood Centre
1st floor, Gujarat cancer & Research institute
Contact no-07922688026
A tragic plane crash near Civil Hospital, Ahmedabad has resulted in mass casualties. In this critical situation, we humbly request everyone to come forward and donate blood to help save lives.
🩸 Blood Donation Centers:
1. U. N. Mehta Institute of Cardiology and Research Centre
Room no 110, 1st floor, A block
Contact no -9316732524
2. IHBT Department, Civil Hospital
2nd floor, 1200 bed Civil Hospital,
Contact no- 9428265409
3. IKDRC Blood Centre
1st floor, IKDRC Hospital, Manjushree mill road, Baliya limdi
Contact no- 07922687500
Ext no-4226
4. GCRI Blood Centre
1st floor, Gujarat cancer & Research institute
Contact no-07922688026
અમદાવાદ પ્લેન દુર્ઘટનાને પગલે અમદાવાદ સિવિલ હોસ્પિટલ ટ્રોમા (ઈમરજન્સી) સેન્ટરમાં દર્દીલક્ષી સારવાર સંબંધિત માહિતી મેળવવા સંપર્ક કરવા માટેના બે ફોન નંબર હોસ્પિટલ તંત્રે જાહેર કર્યા છે તે આ મુજબ છે...
6357373831
6357373841
#GujaratInformation20034
#Gujarat
#Ahmedabad
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6357373841
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#Gujarat
#Ahmedabad
"242 लोग, एक प्लेन, और फिर बस ख़ामोशी..."
प्रिय भारत,
आज तेरे आसमान ने एक और बच्चा खो दिया। जिस अहमदाबाद की गलियों में लोग चाय के साथ ज़िंदगी की बातें किया करते थे, आज वहाँ ऐंबुलेंस की आवाज़ें चाय की केतली से भी ज़्यादा उबल रही हैं।
बोइंग 787 की एक उड़ान - जिसे आकाश की ऊँचाई चूमनी थी, वो ज़मीन पर चीखती हुई गिरी है।
कहते हैं प्लेन टेक-ऑफ़ के चंद मिनट बाद मेघानी नगर के एक हॉस्टल पर गिरा। किसी ने साइलेंट मोड पर डाला था फोन, वो अब कभी नहीं बजेगा।
किसी की मम्मी ने कह रखा था - “बेटा पहुँच कर कॉल कर देना” - वो कॉल अब सिर्फ कॉलर ट्यून में बजता रहेगा। किसी पिता ने पासपोर्ट बनवाया था बेटे का, “विदेश जाएगा, नाम रोशन करेगा।” अब पासपोर्ट राख में बदल गया है, और नाम अख़बारों में - मौत की लिस्ट में छप गया है।
प्रधानमंत्री कह रहे हैं - “यह ह्रदयविदारक है।” गृह मंत्री कहेंगे - “जांच होगी।” एविएशन मिनिस्ट्री कहेगी - “तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है।”
हम पूछना चाहते हैं - क्या इस देश में अब उड़ना भी लक का खेल है?
क्या बोर्डिंग पास अब सिर्फ टिकट नहीं, मौत की लॉटरी बन चुकी है?
कहा जाता है ये बोइंग का सबसे सुरक्षित मॉडल था। तो क्या अब ‘सेफ्टी’ का मतलब बस यही है कि ब्रांडिंग अच्छी हो? या यह कि उसका क्रैश अब “इतिहास” में दर्ज होगा क्योंकि यह उसका पहला “फैटल एक्सिडेंट” था?
लेकिन उस माँ से पूछो जिसने बेटे को पहली बार एयरपोर्ट तक छोड़ा था।
वो Boeing नहीं जानती, वो बस बेटे की आँखों की चमक जानती थी।
242 लोग थे उस फ्लाइट में। अब 30 के शव मिले हैं, बाक़ी के लिए एनडीआरएफ मलबा खंगाल रही है - जैसे इस देश में न्याय मलबों से निकाला जाता है।
अब एयर इंडिया कहेगी - “हमें खेद है, हम मुआवज़ा देंगे।” सरकार कहेगी- “हम गंभीर हैं।” और टीवी चैनल कहेगा - “देखिए कैसे गिरा प्लेन, हमारे पास एक्सक्लूसिव फुटेज है।”
लेकिन सवाल ये है - क्या सिस्टम सिर्फ मुआवज़ा देकर अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त हो सकता है? क्या ये वही ‘विकसित भारत’ है जो चाँद पर पहुँचने की बात करता है,और ज़मीन से टेकऑफ़ भरते ही आग की लपटों में बदल जाता है।?
प्रिय देश, हम अब आँकड़ों से थक चुके हैं। हमें आँकड़ों में दर्ज मौतें नहीं,
मौत में दबे इंसान चाहिए।
आज ये हादसा अहमदाबाद में हुआ है - कल लखनऊ में हो सकता है, फिर कोलकाता, फिर दिल्ली, और एक दिन तुम कहोगे - “हम सब बस लकी थे अब तक।”
लेकिन सच्चाई यह है - अगर जाँचें सिर्फ कागज़ पर होती रहीं, अगर एविएशन लॉबी राजनेताओं की जेब में रही, अगर उड़ानें TRP और टिकट बेचने की होड़ बनती रहीं, तो ये आसमान हर हफ्ते एक शोकगीत गाएगा।
दुःखी हूं, इतना दुःखी की कानों में चीखने की आवाज़ गूंज रही है, और दिल कह रहा, " अभी ना जाओ, छोड़ कर...."
तुम्हारा नागरिक।
प्रिय भारत,
आज तेरे आसमान ने एक और बच्चा खो दिया। जिस अहमदाबाद की गलियों में लोग चाय के साथ ज़िंदगी की बातें किया करते थे, आज वहाँ ऐंबुलेंस की आवाज़ें चाय की केतली से भी ज़्यादा उबल रही हैं।
बोइंग 787 की एक उड़ान - जिसे आकाश की ऊँचाई चूमनी थी, वो ज़मीन पर चीखती हुई गिरी है।
कहते हैं प्लेन टेक-ऑफ़ के चंद मिनट बाद मेघानी नगर के एक हॉस्टल पर गिरा। किसी ने साइलेंट मोड पर डाला था फोन, वो अब कभी नहीं बजेगा।
किसी की मम्मी ने कह रखा था - “बेटा पहुँच कर कॉल कर देना” - वो कॉल अब सिर्फ कॉलर ट्यून में बजता रहेगा। किसी पिता ने पासपोर्ट बनवाया था बेटे का, “विदेश जाएगा, नाम रोशन करेगा।” अब पासपोर्ट राख में बदल गया है, और नाम अख़बारों में - मौत की लिस्ट में छप गया है।
प्रधानमंत्री कह रहे हैं - “यह ह्रदयविदारक है।” गृह मंत्री कहेंगे - “जांच होगी।” एविएशन मिनिस्ट्री कहेगी - “तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है।”
हम पूछना चाहते हैं - क्या इस देश में अब उड़ना भी लक का खेल है?
क्या बोर्डिंग पास अब सिर्फ टिकट नहीं, मौत की लॉटरी बन चुकी है?
कहा जाता है ये बोइंग का सबसे सुरक्षित मॉडल था। तो क्या अब ‘सेफ्टी’ का मतलब बस यही है कि ब्रांडिंग अच्छी हो? या यह कि उसका क्रैश अब “इतिहास” में दर्ज होगा क्योंकि यह उसका पहला “फैटल एक्सिडेंट” था?
लेकिन उस माँ से पूछो जिसने बेटे को पहली बार एयरपोर्ट तक छोड़ा था।
वो Boeing नहीं जानती, वो बस बेटे की आँखों की चमक जानती थी।
242 लोग थे उस फ्लाइट में। अब 30 के शव मिले हैं, बाक़ी के लिए एनडीआरएफ मलबा खंगाल रही है - जैसे इस देश में न्याय मलबों से निकाला जाता है।
अब एयर इंडिया कहेगी - “हमें खेद है, हम मुआवज़ा देंगे।” सरकार कहेगी- “हम गंभीर हैं।” और टीवी चैनल कहेगा - “देखिए कैसे गिरा प्लेन, हमारे पास एक्सक्लूसिव फुटेज है।”
लेकिन सवाल ये है - क्या सिस्टम सिर्फ मुआवज़ा देकर अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त हो सकता है? क्या ये वही ‘विकसित भारत’ है जो चाँद पर पहुँचने की बात करता है,और ज़मीन से टेकऑफ़ भरते ही आग की लपटों में बदल जाता है।?
प्रिय देश, हम अब आँकड़ों से थक चुके हैं। हमें आँकड़ों में दर्ज मौतें नहीं,
मौत में दबे इंसान चाहिए।
आज ये हादसा अहमदाबाद में हुआ है - कल लखनऊ में हो सकता है, फिर कोलकाता, फिर दिल्ली, और एक दिन तुम कहोगे - “हम सब बस लकी थे अब तक।”
लेकिन सच्चाई यह है - अगर जाँचें सिर्फ कागज़ पर होती रहीं, अगर एविएशन लॉबी राजनेताओं की जेब में रही, अगर उड़ानें TRP और टिकट बेचने की होड़ बनती रहीं, तो ये आसमान हर हफ्ते एक शोकगीत गाएगा।
दुःखी हूं, इतना दुःखी की कानों में चीखने की आवाज़ गूंज रही है, और दिल कह रहा, " अभी ना जाओ, छोड़ कर...."
तुम्हारा नागरिक।