🌹🙏 जय माँ सरस्वती सदा सहाय 🙏🌹
*कालिदास बोले 😘 माते पानी पिला दीजिए बङा पुण्य होगा.
*स्त्री बोली 😘 बेटा मैं तुम्हें जानती नहीं. अपना परिचय दो। मैं अवश्य पानी पिला दूंगी।
*कालीदास ने कहा 😘 मैं पथिक हूँ, कृपया पानी पिला दें।
*स्त्री बोली 😘 तुम पथिक कैसे हो सकते हो, पथिक तो केवल दो ही हैं सूर्य व चन्द्रमा, जो कभी रुकते नहीं हमेशा चलते रहते। तुम इनमें से कौन हो सत्य बताओ।
*कालिदास ने कहा 😘 मैं मेहमान हूँ, कृपया पानी पिला दें।
*स्त्री बोली 😘 तुम मेहमान कैसे हो सकते हो ? संसार में दो ही मेहमान हैं।
पहला धन और दूसरा यौवन। इन्हें जाने में समय नहीं लगता। सत्य बताओ कौन हो तुम ?
.
(अब तक के सारे तर्क से पराजित हताश तो हो ही चुके थे)
*कालिदास बोले 😘 मैं सहनशील हूं। अब आप पानी पिला दें।
*स्त्री ने कहा 😘 नहीं, सहनशील तो दो ही हैं। पहली, धरती जो पापी-पुण्यात्मा सबका बोझ सहती है। उसकी छाती चीरकर बीज बो देने से भी अनाज के भंडार देती है, दूसरे पेड़ जिनको पत्थर मारो फिर भी मीठे फल देते हैं। तुम सहनशील नहीं। सच बताओ तुम कौन हो ?
(कालिदास लगभग मूर्च्छा की स्थिति में आ गए और तर्क-वितर्क से झल्लाकर बोले)
*कालिदास बोले 😘 मैं हठी हूँ ।
.
*स्त्री बोली 😘 फिर असत्य. हठी तो दो ही हैं- पहला नख और दूसरे केश, कितना भी काटो बार-बार निकल आते हैं। सत्य कहें ब्राह्मण कौन हैं आप ?
(पूरी तरह अपमानित और पराजित हो चुके थे)
*कालिदास ने कहा 😘 फिर तो मैं मूर्ख ही हूँ ।
.
*स्त्री ने कहा 😘 नहीं तुम मूर्ख कैसे हो सकते हो।
मूर्ख दो ही हैं। पहला राजा जो बिना योग्यता के भी सब पर शासन करता है, और दूसरा दरबारी पंडित जो राजा को प्रसन्न करने के लिए ग़लत बात पर भी तर्क करके उसको सही सिद्ध करने की चेष्टा करता है।
(कुछ बोल न सकने की स्थिति में कालिदास वृद्धा के पैर पर गिर पड़े और पानी की याचना में गिड़गिड़ाने लगे)
*वृद्धा ने कहा 😘 उठो वत्स ! (आवाज़ सुनकर कालिदास ने ऊपर देखा तो साक्षात माता सरस्वती वहां खड़ी थी, कालिदास पुनः नतमस्तक हो गए)
*माता ने कहा 😘 शिक्षा से ज्ञान आता है न कि अहंकार । तूने शिक्षा के बल पर प्राप्त मान और प्रतिष्ठा को ही अपनी उपलब्धि मान लिया और अहंकार कर बैठे इसलिए मुझे तुम्हारे चक्षु खोलने के लिए ये स्वांग करना पड़ा।
.
कालिदास को अपनी गलती समझ में आ गई और भरपेट पानी पीकर वे आगे चल पड़े।
शिक्षा :-
विद्वत्ता पर कभी घमण्ड न करें, यही घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है।
दो चीजों को कभी *व्यर्थ* नहीं जाने देना चाहिए.....
*अन्न के कण को*
"और"
*आनंद के क्षण को*
।। जय माँ सरस्वती जी की सदा ही जय हो।
Join :- @Hindi_Hits
*कालिदास बोले 😘 माते पानी पिला दीजिए बङा पुण्य होगा.
*स्त्री बोली 😘 बेटा मैं तुम्हें जानती नहीं. अपना परिचय दो। मैं अवश्य पानी पिला दूंगी।
*कालीदास ने कहा 😘 मैं पथिक हूँ, कृपया पानी पिला दें।
*स्त्री बोली 😘 तुम पथिक कैसे हो सकते हो, पथिक तो केवल दो ही हैं सूर्य व चन्द्रमा, जो कभी रुकते नहीं हमेशा चलते रहते। तुम इनमें से कौन हो सत्य बताओ।
*कालिदास ने कहा 😘 मैं मेहमान हूँ, कृपया पानी पिला दें।
*स्त्री बोली 😘 तुम मेहमान कैसे हो सकते हो ? संसार में दो ही मेहमान हैं।
पहला धन और दूसरा यौवन। इन्हें जाने में समय नहीं लगता। सत्य बताओ कौन हो तुम ?
.
(अब तक के सारे तर्क से पराजित हताश तो हो ही चुके थे)
*कालिदास बोले 😘 मैं सहनशील हूं। अब आप पानी पिला दें।
*स्त्री ने कहा 😘 नहीं, सहनशील तो दो ही हैं। पहली, धरती जो पापी-पुण्यात्मा सबका बोझ सहती है। उसकी छाती चीरकर बीज बो देने से भी अनाज के भंडार देती है, दूसरे पेड़ जिनको पत्थर मारो फिर भी मीठे फल देते हैं। तुम सहनशील नहीं। सच बताओ तुम कौन हो ?
(कालिदास लगभग मूर्च्छा की स्थिति में आ गए और तर्क-वितर्क से झल्लाकर बोले)
*कालिदास बोले 😘 मैं हठी हूँ ।
.
*स्त्री बोली 😘 फिर असत्य. हठी तो दो ही हैं- पहला नख और दूसरे केश, कितना भी काटो बार-बार निकल आते हैं। सत्य कहें ब्राह्मण कौन हैं आप ?
(पूरी तरह अपमानित और पराजित हो चुके थे)
*कालिदास ने कहा 😘 फिर तो मैं मूर्ख ही हूँ ।
.
*स्त्री ने कहा 😘 नहीं तुम मूर्ख कैसे हो सकते हो।
मूर्ख दो ही हैं। पहला राजा जो बिना योग्यता के भी सब पर शासन करता है, और दूसरा दरबारी पंडित जो राजा को प्रसन्न करने के लिए ग़लत बात पर भी तर्क करके उसको सही सिद्ध करने की चेष्टा करता है।
(कुछ बोल न सकने की स्थिति में कालिदास वृद्धा के पैर पर गिर पड़े और पानी की याचना में गिड़गिड़ाने लगे)
*वृद्धा ने कहा 😘 उठो वत्स ! (आवाज़ सुनकर कालिदास ने ऊपर देखा तो साक्षात माता सरस्वती वहां खड़ी थी, कालिदास पुनः नतमस्तक हो गए)
*माता ने कहा 😘 शिक्षा से ज्ञान आता है न कि अहंकार । तूने शिक्षा के बल पर प्राप्त मान और प्रतिष्ठा को ही अपनी उपलब्धि मान लिया और अहंकार कर बैठे इसलिए मुझे तुम्हारे चक्षु खोलने के लिए ये स्वांग करना पड़ा।
.
कालिदास को अपनी गलती समझ में आ गई और भरपेट पानी पीकर वे आगे चल पड़े।
शिक्षा :-
विद्वत्ता पर कभी घमण्ड न करें, यही घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है।
दो चीजों को कभी *व्यर्थ* नहीं जाने देना चाहिए.....
*अन्न के कण को*
"और"
*आनंद के क्षण को*
।। जय माँ सरस्वती जी की सदा ही जय हो।
Join :- @Hindi_Hits
"परिवर्तन "कभी भी पीड़ादायक
नही होता केवल परिवर्तन का विरोध
पीड़ादायक होता है...
Good Night 🙏🙏🙏
नही होता केवल परिवर्तन का विरोध
पीड़ादायक होता है...
Good Night 🙏🙏🙏
🔰मैं स्मार्ट फोन हूं..📲:-
👉मैं टेप रिकॉर्डर को खा गया 📻
👉मैं कैमरे को खा गया...📸
👉मैंने गली- नुक्कड़ के सारे खेल निग़ल लिए⛹
👉मैं किताबें खा गया, 📚मैं केलकुलेटर खा गया📟
👉मैं रेडियो खा गया, 📻मैं घड़ी को खा गया,⏰
👉मैं टीवी को भी खा गया, 📺 मैं कंप्यूटर को खा गया, 🖥
👉बहुत छोटा सा हूं मगर मैंने बड़े पर्दे वाले सिनेमाघरों को भी खा लिया है📹
👉मैंने चिट्ठी (पत्र) को खा गया.. 💌 मैं टॉर्च को खा गया!🔦
👉मैं जवानो की जवानी खा गया , में दादा दादी, नाना नानी की कहानी खा गया...🎎
👉अब बच्चों का बचपन खा-खा कर
और भी मजबूत होता जा रहा हूं🤼♂
👉आजकल में बड़ा काम कर रहा हूं दुकानों और रोजगार को खा रहा हूं
👉न आपके पास खेलने का टाइम छोडूंगा न आपके पास कसरत करने का !
👉मैं बड़े काम की चीज हूं आज मैं हर इंसान की जरूरत हूं
👉मैं ज्ञान का भंडार हूं मगर मेरा इस्तेमाल सावधानी से करना!
👉मैं नींदे चुरा लेता हूं मैं चैन चुरा लेता हूं
👉 मैं आंखों की रोशनी भी मिटा देता हूं!
👉ध्यान से करना मेरा इस्तेमाल वरना में तुम्हे भी खा जाऊंगा 😱
━──────────────────━
Jᴏɪɴ➠ https://www.tgoop.com/Hindi_hits
👉मैं टेप रिकॉर्डर को खा गया 📻
👉मैं कैमरे को खा गया...📸
👉मैंने गली- नुक्कड़ के सारे खेल निग़ल लिए⛹
👉मैं किताबें खा गया, 📚मैं केलकुलेटर खा गया📟
👉मैं रेडियो खा गया, 📻मैं घड़ी को खा गया,⏰
👉मैं टीवी को भी खा गया, 📺 मैं कंप्यूटर को खा गया, 🖥
👉बहुत छोटा सा हूं मगर मैंने बड़े पर्दे वाले सिनेमाघरों को भी खा लिया है📹
👉मैंने चिट्ठी (पत्र) को खा गया.. 💌 मैं टॉर्च को खा गया!🔦
👉मैं जवानो की जवानी खा गया , में दादा दादी, नाना नानी की कहानी खा गया...🎎
👉अब बच्चों का बचपन खा-खा कर
और भी मजबूत होता जा रहा हूं🤼♂
👉आजकल में बड़ा काम कर रहा हूं दुकानों और रोजगार को खा रहा हूं
👉न आपके पास खेलने का टाइम छोडूंगा न आपके पास कसरत करने का !
👉मैं बड़े काम की चीज हूं आज मैं हर इंसान की जरूरत हूं
👉मैं ज्ञान का भंडार हूं मगर मेरा इस्तेमाल सावधानी से करना!
👉मैं नींदे चुरा लेता हूं मैं चैन चुरा लेता हूं
👉 मैं आंखों की रोशनी भी मिटा देता हूं!
👉ध्यान से करना मेरा इस्तेमाल वरना में तुम्हे भी खा जाऊंगा 😱
━──────────────────━
Jᴏɪɴ➠ https://www.tgoop.com/Hindi_hits
This media is not supported in your browser
VIEW IN TELEGRAM
ये दुनिया दिखाती शहद
और पिलाती जहर है..!!
और पिलाती जहर है..!!
This media is not supported in your browser
VIEW IN TELEGRAM
कभी-कभी जब आप अपनी समस्याओं के प्रति अपना नजरिया बदलते हैं, तो समस्याएं खुद ही हल हो जाती है... (वीडियो पूरा देखें तब समझे)
Follow 👉 @Hindi_Hits
Follow 👉 @Hindi_Hits
🌺 आज का सुविचार 🌺
हार एक सबक है
जो खुद को
सुधारने का मौका
देती है
🙇♂ जय श्री कृष्णा 🙇♂
🙏 सुप्रभात 🙏
हार एक सबक है
जो खुद को
सुधारने का मौका
देती है
🙇♂ जय श्री कृष्णा 🙇♂
🙏 सुप्रभात 🙏
जिंदगी में चौके लगाने के लिए मौके
का इंतजार मत कीजिए, खुद मौका
बनाइए और चौका लगाइए ।
╭─❀⊰ 𝐉𝐨𝐢𝐧 Us.
@Hindi_Hits
का इंतजार मत कीजिए, खुद मौका
बनाइए और चौका लगाइए ।
╭─❀⊰ 𝐉𝐨𝐢𝐧 Us.
@Hindi_Hits