📖 क़ुरआन की रौशनी में: दुश्मन को समाज में पैठ न बनाने दीजिए
🔸पैग़म्बरे इस्लाम की पैग़म्बरी से मिलने वाला एक बहुत ही अहम ख़ज़ाना, जिसकी ओर अफ़सोस कि ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता, दुष्ट लोगों के मुक़ाबले में दृढ़ता और अभेद्य होना है। मानव समाज को जो नुक़सान पहुंचा है, उनमें से एक उनके दुश्मनों का उनके बीच पैठ बना लेना है कि जिसका ज़िक्र पवित्र क़ुरआन में आया हैः "वो काफ़िरों पर सख़्त हैं" (सूरए-फ़तह, आयत-29) इस आयत में 'अशिद्दा' शब्द आया है जिसका मतलब अमल में सख़्ती नहीं है। 'अशिद्दा' उस मानी में कि जिसे फ़ारसी में कर्म करने में शिद्दत कहते हैं, नहीं है। 'अशिद्दा' यानी सख़्त होना, मज़बूत होना, अभेद्य होना, 'अशिद्दा' का यह मतलब है। 'अशिद्दाओ अलल कुफ़्फ़ार' यानी काफ़िरों को इजाज़त न देना कि वो समाज में पैठ बनाएं।
इमाम ख़ामेनेई
18/02/2023
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🔸पैग़म्बरे इस्लाम की पैग़म्बरी से मिलने वाला एक बहुत ही अहम ख़ज़ाना, जिसकी ओर अफ़सोस कि ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता, दुष्ट लोगों के मुक़ाबले में दृढ़ता और अभेद्य होना है। मानव समाज को जो नुक़सान पहुंचा है, उनमें से एक उनके दुश्मनों का उनके बीच पैठ बना लेना है कि जिसका ज़िक्र पवित्र क़ुरआन में आया हैः "वो काफ़िरों पर सख़्त हैं" (सूरए-फ़तह, आयत-29) इस आयत में 'अशिद्दा' शब्द आया है जिसका मतलब अमल में सख़्ती नहीं है। 'अशिद्दा' उस मानी में कि जिसे फ़ारसी में कर्म करने में शिद्दत कहते हैं, नहीं है। 'अशिद्दा' यानी सख़्त होना, मज़बूत होना, अभेद्य होना, 'अशिद्दा' का यह मतलब है। 'अशिद्दाओ अलल कुफ़्फ़ार' यानी काफ़िरों को इजाज़त न देना कि वो समाज में पैठ बनाएं।
इमाम ख़ामेनेई
18/02/2023
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🎥 यह मर्द कौन था?
🔸यहया इब्राहीम हसन सिनवार की दास्तान, सिर्फ़ एक इंसान की दास्तान नहीं है। यह नाजायज़ क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ संघर्ष, प्रतिरोध और एक लड़ाई की दास्तान है जिसका दशकों से प्रभाव न सिर्फ़ पश्चिमी एशिया के इलाक़े बल्कि दुनिया पर पड़ा है। उन्होंने हिब्रू ज़बान भी सीखी, वह अपनी क़ौम और अपनी सरज़मीन के दुश्मनों को पहचानते थे और उनके आस-पास के लोग उनका सम्मान भी करते थे।
🔗 वीडियो देखने के लिए क्लिक करिए:
https://hindi.khamenei.ir/news/8435
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🔸यहया इब्राहीम हसन सिनवार की दास्तान, सिर्फ़ एक इंसान की दास्तान नहीं है। यह नाजायज़ क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ संघर्ष, प्रतिरोध और एक लड़ाई की दास्तान है जिसका दशकों से प्रभाव न सिर्फ़ पश्चिमी एशिया के इलाक़े बल्कि दुनिया पर पड़ा है। उन्होंने हिब्रू ज़बान भी सीखी, वह अपनी क़ौम और अपनी सरज़मीन के दुश्मनों को पहचानते थे और उनके आस-पास के लोग उनका सम्मान भी करते थे।
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यहया इब्राहीम हसन सिनवार की दास्तान, सिर्फ़ एक इंसान की दास्तान नहीं है। यह नाजायज़ क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ संघर्ष, प्रतिरोध और एक लड़ाई की दास्तान है जिसका दशकों से प्रभाव न सिर्फ़ पश्चिमी एशिया के
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🎥 ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर क़ुम के हज़ारों लोगों से मुलाक़ात के लिए इस्लामी इंक़ेलाब के नेता इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़ो पहुंचे
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📷 क़ुम के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह, हज़ारों लोगों की इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात
🔸क़ुम के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर बुधवार 8 जनवरी 2025 को हज़ारों लोगों ने तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
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🔸क़ुम के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर बुधवार 8 जनवरी 2025 को हज़ारों लोगों ने तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
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💐 दुआ के महीने का आग़ाज़
🔸इस महीने में जितना ज़्यादा हो सके अल्लाह की बारगाह में दुआ व मुनाजात कीजिए और अहलेबैत को वसीला क़रार दीजिए! अल्लाह की याद में रहिए! अगर हम सब, अल्लाह से अपने संपर्क को मज़बूत बनाएं तो बहुत से मसले, मुश्किलें, परेशानियां, रुकावटें अपने आप ही दूर हो जाएंगी।
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🎥 ईरान के बारे में अमरीकियों के अंदाज़े हमेशा ग़लत रहे हैं
🔸पहलवी दौर का ईरान, अमरीकी हितों का मज़बूत क़िला था। इस क़िले के गर्भ से इंक़ेलाब निकला और फैल गया। अमरीकी समझ नहीं पाए, अमरीकी धोखा खा गए, अमरीकी सोते रह गए, अमरीकी ग़ाफ़िल थे, अमरीका की अंदाज़े की ग़लती का मतलब यह है।
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https://www.facebook.com/share/v/1A9xad1yAg/
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🎥 मीडिया और प्रचारिक तंत्र, दुश्मन के ताक़त के भ्रम को चकनाचूर कर दे
🔸आज बुनियादी काम, हमारे प्रचारिक तंत्र का अहम काम साइबर स्पेस पर हमारे सरगर्म लोगों का बुनियादी काम यह है कि दुश्मन की ताक़त के भ्रम को चकनाचूर कर दें, जनमत पर दुश्मन के प्रचार का असर न होने दें।
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🔰 इस्लामी इंक़ेलाब के नेताः इराक़ी स्वयंसेवी बल अलहश्द अश्शाबी इराक़ में ताक़त का एक अहम स्तंभ है कि जिसकी रक्षा और उसे मज़बूत बनाने के लिए पहले से ज़्यादा कोशिश होनी चाहिए
🔸इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 8 जनवरी 2025 की शाम को इराक़ी प्रधानमंत्री मोहम्मद शियाअ अस्सूदानी से मुलाक़ात में मुल्क के...
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https://hindi.khamenei.ir/news/8439
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🔸इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 8 जनवरी 2025 की शाम को इराक़ी प्रधानमंत्री मोहम्मद शियाअ अस्सूदानी से मुलाक़ात में मुल्क के...
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🔰 इस्लामी इंक़ेलाब के नेताःहम अमरीका से वार्ता क्यों नहीं करते
अमरीका, ईरान में पराजित हुआ है इसलिए वह जिस तरह मुमकिन है दुश्ममी करता है
🔸इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने आज बुधावर की सुबह, 9 जनवरी 1978 के क़ुम के अवाम के आंदोलन की सालगिरह पर इस शहर के...
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अमरीका, ईरान में पराजित हुआ है इसलिए वह जिस तरह मुमकिन है दुश्ममी करता है
🔸इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने आज बुधावर की सुबह, 9 जनवरी 1978 के क़ुम के अवाम के आंदोलन की सालगिरह पर इस शहर के...
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💠 दरस-ए-अख़लाक़ः फूट, कमज़ोरी और इज़्ज़त गवांने का सबब है
🔸इस्लामी जगत की पीड़ा के बहुत से कारण हैं। जब हम फूट का शिकार हों, जब एक दूसरे के हमदर्द न हों जब यहाँ तक कि एक दूसरे का बुरा चाहने वाले बन गए हों तो इसका नतीजा यही है। क़ुरआन फ़रमाता हैः "और अल्लाह और उसके रसूल की इताअत करो और आपस में झगड़ा न करो वरना कमज़ोर पड़ जाओगे और तुम्हारी हवा उखड़ जाएगी।" (सूरए अनफ़ाल, आयत-46) जब तुम आपस में झगड़ा करोगे तो कमज़ोरी पैदा हो जाएगी। 'फ़शल' यानी कमज़ोरी "तज़हबा रीहोकुम" का मतलब "तज़हबा इज़्ज़तोकुम" यानी इज़्ज़त गवां दोगे। फूट का शिकार हुए तो स्वाभाविक तौर पर मिट्टी में मिल जाओगे, ज़लील हो जाओगे, अपने ऊपर ग़ैरों के वर्चस्व की राह समतल कर दोगे। फूट का नतीजा यही है।
इमाम ख़ामेनेई
14/10/2022
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🔸इस्लामी जगत की पीड़ा के बहुत से कारण हैं। जब हम फूट का शिकार हों, जब एक दूसरे के हमदर्द न हों जब यहाँ तक कि एक दूसरे का बुरा चाहने वाले बन गए हों तो इसका नतीजा यही है। क़ुरआन फ़रमाता हैः "और अल्लाह और उसके रसूल की इताअत करो और आपस में झगड़ा न करो वरना कमज़ोर पड़ जाओगे और तुम्हारी हवा उखड़ जाएगी।" (सूरए अनफ़ाल, आयत-46) जब तुम आपस में झगड़ा करोगे तो कमज़ोरी पैदा हो जाएगी। 'फ़शल' यानी कमज़ोरी "तज़हबा रीहोकुम" का मतलब "तज़हबा इज़्ज़तोकुम" यानी इज़्ज़त गवां दोगे। फूट का शिकार हुए तो स्वाभाविक तौर पर मिट्टी में मिल जाओगे, ज़लील हो जाओगे, अपने ऊपर ग़ैरों के वर्चस्व की राह समतल कर दोगे। फूट का नतीजा यही है।
इमाम ख़ामेनेई
14/10/2022
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🎥 अधिकारी, अमरीकी और ज़ायोनी स्टैंड पर ज़रा भी ध्यान न दें
🔸जो लोग भी सांस्कृतिक मसलों में, हेजाब के मसले वग़ैरह में फ़ैसला ले रहे हैं, उनका इस बात की ओर ध्यान रहे कि अमरीका और ज़ायोनियों के स्टैंड को अहमियत न दें, देश के हितों को मद्देनज़र रखें, इस्लामी गणराज्य के हितों को मद्देनज़र रखें।
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https://www.facebook.com/share/v/1BCstvmmrf/
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💐 रजब, ख़ुद को संवारने का सुनहरा मौक़ा
🔸रजब का महीना ख़ुदाई वैल्यूज़ से ख़ुद को क़रीब करने का एक मौक़ा है, अल्लाह से क़रीब होने का मौक़ा है और आत्म निर्माण का मौक़ा है।
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🎥 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से क़ुम के अवाम की मुलाक़ात की झलकियां
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🌷ज़मीन के रिसोर्सेज़ का बिना नुक़सान के इस्तेमाल
🔸इमाम महदी अलैहिस्सलाम के दौर से (अल्लाह उन्हें जल्द ज़ाहिर करे) इंसान की हक़ीक़ी ज़िन्दगी, इंसानियत की इस विशाल फ़ैमिली की सच्ची ख़ुशक़िस्मती शुरू होगी। इस धरती के संसाधनों, क्षमताओं और स्पेस में छिपी ऊर्जाओं का, बिना नुक़सान, बिना क्षति, बिना विनाश व बर्बादी के इंसान के लिए इस्तेमाल करना, मुमकिन होगा।
इमाम ख़ामेनेई
14/03/2001
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🔸इमाम महदी अलैहिस्सलाम के दौर से (अल्लाह उन्हें जल्द ज़ाहिर करे) इंसान की हक़ीक़ी ज़िन्दगी, इंसानियत की इस विशाल फ़ैमिली की सच्ची ख़ुशक़िस्मती शुरू होगी। इस धरती के संसाधनों, क्षमताओं और स्पेस में छिपी ऊर्जाओं का, बिना नुक़सान, बिना क्षति, बिना विनाश व बर्बादी के इंसान के लिए इस्तेमाल करना, मुमकिन होगा।
इमाम ख़ामेनेई
14/03/2001
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