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या तो इक दिन अर्क बनाकर हुस्न गुलाबी पी डालें।

या शबनम में चांद घोलकर रात नशीली पी डालें।

काश किसी दिन ऐसा हो जब अमृत, पानी, जाम, जहर हमे रिझाते रहें और हम प्यास किसी की पी डालें।।


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
तवायफ से पूछी वजह जिस्मफरोशी की,

बोली मोहब्बत पर यकीन करके घर से भागी थी।


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
मैं भी रह चूका हूँ अजीज किसी का,

मैं वाकिफ हूँ इस चार दिन की मोहब्बत से..!!


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
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शक्ति उपासना के महापर्व शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।🙏

जय माता दी 🙏🚩


Ꭻᴏɪɴ➛
@Radha_Bhakti_Sagar

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दोस्तो यह एक भारतीय ऐप है, इसे आप फेसबुक और इस्टाग्राम का अल्ट्रानेटिव ऐप कह सकते हैं। जिनको अपने फॉलोवर जल्दी बढ़ाने हैं वो इस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं और इस ऐप से आप अनलीमिटेड अर्निग भी कर सकते हैं। इस ऐप पर आपको बहुत से एडवांस ऑप्शन मिलेंगे जो अभी तक किसी भी सोशल मीडिया ऐप मे नही हैं।


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एक कदम आत्मनिर्भर भारत की ओर... 🇮🇳
तेरे काले मैले दिल पे लानत..
तेरे निचले होंठ के तिल पे लानत!

तेरी ज़ुल्फ के एक-एक बाल पे लानत...
तेरी की गई हर कॉल पे लानत!

जहां में होते एक जैसे सात लोग अगर,
तुम्हारी शक्ल के छः और पे लानत!

तेरे इकरार पे लानत...
तेरे झूठे प्यार पे लानत!

तुझपे लानत...
तेरे नए प्यार पे लानत! 🙃🙃


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
हैलो फैंड्स... 😉

आप सभी के लिए एक गुड न्यूज हैं। जैसा की आप सभी को पता हैं कि हम फेसबुक का Indian Alternative App ला चुके हैं। जिसे ३ लाख से ज्यादा डाउनलोड किया जा चुका हैं।

अब जल्द ही हम टेलीग्राम का भी Indian Alternative App ला रहे हैं।


जी हा सही सुना आपने...

भारतीय फेसबुक के बाद अब हम बहुत जल्दी भारतीय टेलीग्राम ला रहें है। जहा आपको अनलीमिटेड स्टोरेज मिलेगा और सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आप Telegram Alternative App मे कांटेंट मोनोटाइज कर सकते हैं।

यानि आप अपना ग्रुप, चैनेल, फोटो, वीडियो, फाइल सब कुछ मोनोटाइज (अर्निंग) कर सकते हैं, या फिर फ्री रख सकते हैं।


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पीनी थी इस सर्दी में... बियर तुम्हारे साथ...

बैठना था किसी छत की मुंडेर... लटका कर पैर...

गुनगुनाने थे कुछ गाने... करनी थी कुछ वैसी बातें...

लेकिन शायद ये सब मेरे ख्वाब चले जाएंगे मेरे साथ अब...

बिल्कुल मेरी तरह... अधूरे...

जिन्हें न मिल सका तुम्हारा साथ... 🥹❤️


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
उसके साथ वो आखिरी सिगरेट थी... मुझसे दूर जाते हुए उसने मुझसे पूछा... क्या हम कभी दोस्त नहीं रह सकते..?

तो मैंने उससे कहा... मैं तुझे कभी अपना दोस्त नहीं मान पाऊंगा... तेरी आंखों में वो रातें कभी अनदेखी नहीं कर पाऊंगा... जिस चेहरे को लेकर मैंने सपने देखे थे... उस चेहरे को किसी और का होकर तुझे दोस्त कभी नहीं मान पाऊंगा... यह फैसला तेरा है..! तुझे मुबारक!... मैं दूर रहकर भी इश्क निभाऊंगा..!

अच्छा, तू कहती है कि दोस्ती कर ले... चल मान लिया पर, एक बात बता तू जो “मैं" हो चुकी है उसको "मुझसे" मिलवाएगी क्या... तेरी कमर पर वो जो निशान अब भी बाकी है उसको दिखाएगी क्या... कभी अगर मुझसे जो टकरा जाए तो मेरे और करीब आने की बहाने नहीं ढूंढेगी क्या..


शराब की खुमारी में चांद को देखते वक्त मुझे याद नहीं करेगी क्या... तू खुद दोस्ती को दोस्ती तक रख पाएगी क्या..!

✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
शहर मे रहने वाले परदेशी लोग गाँव का ऐसा नजारा देखने के लिए तरस जाते है। 🌼😍


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
हमने पुराने घर ही नहीं खोए हैं बल्कि हमने अपना चैन व सकून भी खो दिया।

पुराने घरों में चैन था सकून था आपसी सहयोग की भावना थी प्रेम था एक दूसरे का सम्पर्क था बच्चों की किलकारियां थीं।

सब कुछ इतिहास बन कर रह गया। कहां गए वह बीते हुए दिन !!!



✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
जिंदगी मे सबसे ज्यादा खुशी तब मिलती हैं, जब हम अपने दम पे घर बनवाते है। 🏠❤️😊


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
पुराने घरों की यादें हमेशा हमारे दिलों में बसी रहती हैं।

उन घरों की दीवारें, कमरे, आंगन, और पेड़-पौधे हमारे बचपन की यादों को ताज़ा कर देते हैं। वे हमें अपने अतीत की याद दिलाते हैं और हमें अपने परिवार और समुदाय के साथ बिताए गए पलों की याद में ले जाते हैं। 🏠😊


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ का अमृत स्नान भारतीय परंपराओं और सांस्कृतिक एकता का सबसे पवित्र आयोजन है।

इस धार्मिक पर्व पर श्रद्धालु संगम तट पर भेदभाव मिटाकर एक साथ डुबकी लगाते हैं और पुण्यलाभ अर्जित करते हैं।

मकर संक्रांति की विशेषता यह है कि सूर्यदेव उत्तरायण में आना आरंभ करते है, जो जीवन में सकारात्मकता, नई ऊर्जा और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक है। यह पर्व न केवल आस्था और भक्ति को सशक्त करता है, बल्कि मानवता को 'अनेकता में एकता' का संदेश भी देता है।


आप सभी को मकर संक्रान्ति की सनातनी शक्ति की ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं
  💐🌹

🧚‍♀ महाकुम्भ अमृत स्नान 🧚‍♀


Ꭻᴏɪɴ ᴄʜᴀɴɴᴇʟ :
@Namo_Sanatan
मुझे लगता है... तुम इश्क़ के लिये बनी हो...

किसी और से मिलना था तुम्हे...

जो पढ़कर तुम्हारी आंखे... लिख सकता था ग़ज़ल...

देखकर तुम्हारे झूमके... गढ़ सकता हो कहानी...

तुम्हारी सादगी पर बना सकता था कविता...

बसाकर तुम्हारा चेहरा आंखों में... उतार सकता किसी केनवास पर...

कहाँ तुम फंस गयी इस ठरकी के ख्यालों...

तुम्हारा वक्त ही खराब करेगा... सिवाय इश्क के..!


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
सुनो..! काश तुम मुझसे पूछती कि प्यार की विरासत में, तुम्हें क्या चाहिए?

और हम तुम्हें गले लगाकर कहते तुम्हारे दिल की हर धड़कन पर मेरे प्रेम का अधिकार दे दो बस!! 💘


✤ Ꭻᴏɪɴ ➛ @Khamoshiya
"उसने कहा था कि मैं तुम्हारा अंत नहीं, परिवर्तन बनूँगी..."

और मैं उस दिन से अब तक बदलता ही चला गया।

पहले मैंने उसके जाने को इत्तेफ़ाक़ समझा।
फिर किस्मत।
फिर उसकी मजबूरी।
और फिर…
ख़ुद को ही सज़ा दे दी।

मैंने शब्दों से किनारा किया,
क्योंकि वो हर अक्षर में छुपकर बैठी थी।
मैंने आईने से दोस्ती तोड़ दी,
क्योंकि चेहरा उसी का अक्स बन गया था।

कभी मैं सोचता था —
कि शायद मैं एक बेहतर प्रेमी होता,
तो वो रुक जाती।
कभी सोचता —
शायद मैं थोड़ा और टूटता,
तो वो लौट आती।

लेकिन अब सोचता हूँ —
वो अगर रुक भी जाती,
तो क्या मैं वही रहता?
जो पहले था?
या जो अब हूँ?

अब तो हाल यह है कि
भीड़ में सबसे ज़्यादा अकेला मैं ही होता हूँ।
ख़ुश रहने वालों के बीच
सबसे उदास मुस्कान मेरी होती है।

मैंने रोना छोड़ दिया है…
क्योंकि अब रोने से कुछ बहता नहीं —
ना आँसू,
ना दर्द,
ना वो।

अब तो बस हर दिन
एक अनकहे ख़त की तरह बीतता है —
जिसे कभी लिखा ही नहीं गया,
पर हर शब्द में उसी का नाम होता है।

उसने कहा था कि "तुम मेरी आदत बन जाओ..."
काश, मैं आदत बन जाता।
अफ़सोस… मैं तो उसकी ज़िंदगी की सबसे प्यारी ग़लती बनकर रह गया।

✤ Ꭻᴏɪɴ ➛
@Khamoshiya
2025/05/30 03:08:06
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