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अब अच्छा नहीं लगता है मुझे,

के बार बार अपनी याद दिलाऊं।
उसके जाने का ग़म कितना है बताऊँ तुम्हे,
अब किसी का भी आना अच्छा नही लगता..
उसके लबों का मय,अफीम सा नशा हो जैसे...
ना मिले जिस दिन,दिल बे-सुकुन रहता है ..!!
❤️
मेरी शायरी में,
यारा एक ऐसी मेरी जुबानी है...
जिसके आधे हिस्से में तेरा ज़िक्र,
और आधे हिस्से में मेरी दिवानगी है.....
Smile...
तुमसे तुम्हारे बाद यही वास्ता रहा,
बिछड़े हुवों में नाम तेरा ढूंढता रहा,

लिख तो दिया के आज से तुम मेरे नहीं,
लेकिन क़सम से हाथ मेरा कांपता रहा....!
आंखों में आंसू कभी भरने नहीं देते ...
चेहरे पर दर्द कभी उभरने नहीं देते ...
इतने दयालू हैं मेरे महादेव ...
मैं टूट भी जाऊं तो बिखरने नहीं देते !!!

हर हर महादेव 🙏🤗
कुछ अजीज यारो ने बातों में लगा रखा है वरना,
महबूबा से बिछड़ने वाले कब केे मर गए होते।
परखने वाले बहुत मिले मुझे ....

काश किसी ने समझा भी होता !!! 😒😔
तेरे इश्क़ की आग में जल कर ए महबूब......!!

कुछ मैं राख हुआ, कुछ मैं पाक हुआ......!!!!
कमज़ोर पड़ गया था मुझसे उसका ताल्लुक.......
क्योंकि उसके सिलसिले कहीं और मजबूत हो गए थे।
मुझे तुमसे बिछड़ना ही पड़ेगा ...

मैं तुम्हे याद आना चाहती हूं !!! 😌

Mahi
हम एक बार नही बार-बार मारे गए,

हमे जुनून चढ़ा था किसी पे मरने का..!!
उसके बदलने से मेरे संभलने तक का ये सफर,

मुझे बेहतर से बेहतरीन कर गया !!
तेरे इश्क़ में बंध गए है
हम कुछ इस तरह
सिर्फ तुम्हे ही चाहना
तुम्हे ही चाहते रहना है
उम्र भर....
मुझे अब वो बुरी लगने लगी है,
मेरे अंदर का फिदा मर गया है क्या!🤔
मुझे अब वो बुरी लगने लगी है,
मेरे अंदर का फिदा मर गया है क्या!🤔
थोड़ी सी खुद्दारी भी
लाज़मी थी...
उसने हाथ छुड़ाया..
मैंने छोड़ दिया..
तुम्हारे वजूद से बना हूं मैं,
पहले जिंदा था अब जी रहा हूँ मैं !
2025/02/11 13:00:55
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