sᴜɴᴏ
मिटाओगे कहा तक मेरी
यादों को मेरी बातो को
जॉना
मैं हर मोड़ पर अपने
लफ्जो की याद छोड़
जाऊंगा जाना
जब भी पढ़ोगी मेरी कोई
नजम तुम
तुम्हारी खुस्क आंखों मै
अश्को का समंदर छोड़
जाऊंगा
जब भी आयेगा तुम्हे मेरा
खयाल तेरे ख्यालों मैं अपना
खयाल छोड़ जाऊंगा
भूलना चाहोगी तुम चेहरा मेरा
तेज कोहरे मैं भी अपना चेहरा
छोड़ जाऊंगा
अगर आजाये तुम्हे नींद सुकून
की तेरे ख्वाबों मैं भी अपना
दीदार दे जाऊंगा
मिटाओगे कहा तक मेरी
यादों को मेरी बातो को
जॉना
मैं तुम्हारे वजूद मैं अपने
वजूद को छोड़ जाऊंगा
जब भी करोगी तुम बात
किसी और से मैं तुम्हारे
अल्फाजों मैं अपने अल्फाज
छोड़ जाऊंगा
irfan...✍️
मिटाओगे कहा तक मेरी
यादों को मेरी बातो को
जॉना
मैं हर मोड़ पर अपने
लफ्जो की याद छोड़
जाऊंगा जाना
जब भी पढ़ोगी मेरी कोई
नजम तुम
तुम्हारी खुस्क आंखों मै
अश्को का समंदर छोड़
जाऊंगा
जब भी आयेगा तुम्हे मेरा
खयाल तेरे ख्यालों मैं अपना
खयाल छोड़ जाऊंगा
भूलना चाहोगी तुम चेहरा मेरा
तेज कोहरे मैं भी अपना चेहरा
छोड़ जाऊंगा
अगर आजाये तुम्हे नींद सुकून
की तेरे ख्वाबों मैं भी अपना
दीदार दे जाऊंगा
मिटाओगे कहा तक मेरी
यादों को मेरी बातो को
जॉना
मैं तुम्हारे वजूद मैं अपने
वजूद को छोड़ जाऊंगा
जब भी करोगी तुम बात
किसी और से मैं तुम्हारे
अल्फाजों मैं अपने अल्फाज
छोड़ जाऊंगा
irfan...✍️
👍1
Suno
हो गई मुझसे गलतियां मुझे माफ करना
आंसुओं की नही बनना वजह मुझे माफ
करना
में जानता हु दिल दुखाया है मेने तेरा
नही मिलेगा शिकायत का मौका मुझे
माफ करना
तेरी खुशी में खुश रहेंगे अब मेरे सनम
हो गई मुझ से खता मेरे यार मुझे माफ
करना
भूल जाता हु तेरी भी अपनी जिंदगी है
कैद परिंदे को आजाद होने से रोका मुझे
माफ करना
Irfan...✍️
हो गई मुझसे गलतियां मुझे माफ करना
आंसुओं की नही बनना वजह मुझे माफ
करना
में जानता हु दिल दुखाया है मेने तेरा
नही मिलेगा शिकायत का मौका मुझे
माफ करना
तेरी खुशी में खुश रहेंगे अब मेरे सनम
हो गई मुझ से खता मेरे यार मुझे माफ
करना
भूल जाता हु तेरी भी अपनी जिंदगी है
कैद परिंदे को आजाद होने से रोका मुझे
माफ करना
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सुनो
में खुली किताब सा वो मुझे पढ़
ना सका
गलतियां तब की उसने जब वो मुझे
समझ ना सका
Irfan...✍️
में खुली किताब सा वो मुझे पढ़
ना सका
गलतियां तब की उसने जब वो मुझे
समझ ना सका
Irfan...✍️
👍1
sᴜɴᴏ
मेरी जान मै ये नही
कहता के मुझसे वफा
कीजिए
आइए मुझ से दिल
लगाइए और तबाह
कीजिए
irfan...✍️
मेरी जान मै ये नही
कहता के मुझसे वफा
कीजिए
आइए मुझ से दिल
लगाइए और तबाह
कीजिए
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Suno
जब इकरार ए मोहब्बत
आंखो से बयान होता है
तब जुबान बेजुबान और
दिल बेकाबू होता है
irfan...✍️
जब इकरार ए मोहब्बत
आंखो से बयान होता है
तब जुबान बेजुबान और
दिल बेकाबू होता है
irfan...✍️
👍1
sᴜɴᴏ
दिल की आरजू है परवाज
कर लू आसमान की तरफ
ये जमीन वालो से मेरा
मिजाज नही मिलता
मिल जाते है राह मैं
कुछ हम राह मगर
इन हमराहो मैं कोई मेरा
हम राह नही मिलता
सबको फिकर है अपनी
मंजिल की
एक मुझे अपनी मंजिल
का रास्ता नही मिलता
irfan...✍️
Good night 🙏
दिल की आरजू है परवाज
कर लू आसमान की तरफ
ये जमीन वालो से मेरा
मिजाज नही मिलता
मिल जाते है राह मैं
कुछ हम राह मगर
इन हमराहो मैं कोई मेरा
हम राह नही मिलता
सबको फिकर है अपनी
मंजिल की
एक मुझे अपनी मंजिल
का रास्ता नही मिलता
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Good night 🙏
👍1
sᴜɴᴏ
भूल जाने मैं अगर कोई कसर रखते है
छुपके छुपके ही उन पर नजर रखते है
ले जाते है वो तशरीफ किसी महफिल मैं
हम दिल से उनका इस्तकबाल करते है
मुंह फेर भी ले वो तो हमे गम नहीं होता
उनकी एक झलक के लिए हम तरसते है
ज़माना बगावत पर उतर आए तो गम नही
साथ हो उनका तो बगावत से कहा डरते है
irfan...✍️
भूल जाने मैं अगर कोई कसर रखते है
छुपके छुपके ही उन पर नजर रखते है
ले जाते है वो तशरीफ किसी महफिल मैं
हम दिल से उनका इस्तकबाल करते है
मुंह फेर भी ले वो तो हमे गम नहीं होता
उनकी एक झलक के लिए हम तरसते है
ज़माना बगावत पर उतर आए तो गम नही
साथ हो उनका तो बगावत से कहा डरते है
irfan...✍️
Suno
अलील है तबियत फिर
भी साथ निभाना जानती है,
वो थाम कर हाथ मेरा
मंजिल तक पहुंचना जानती है,,
Irfan...✍️
अलील है तबियत फिर
भी साथ निभाना जानती है,
वो थाम कर हाथ मेरा
मंजिल तक पहुंचना जानती है,,
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👍1
sᴜɴᴏ
जमीन महंगी हो गई और
लोग दिल मैं जगह देते
नही है
आशियाना बनाए भी तो
कहा जब अपने ही साथ
देते नही है
irfan...✍️
जमीन महंगी हो गई और
लोग दिल मैं जगह देते
नही है
आशियाना बनाए भी तो
कहा जब अपने ही साथ
देते नही है
irfan...✍️
Suno
अपनी जरूरत पर जो पूछा तबियत ए हाल बीमार का
खुश है वो आज बहुत क रके खून मेरे
ही एतबार का
Irfan...✍️
अपनी जरूरत पर जो पूछा तबियत ए हाल बीमार का
खुश है वो आज बहुत क रके खून मेरे
ही एतबार का
Irfan...✍️
सुनो
जरूरी नहीं हर जुल्म ओ सितम
सेह कर जिया जाए
कभी उठाए औजार तो कभी कलम
से जवाब दिया जाए
Irfan...✍️
जरूरी नहीं हर जुल्म ओ सितम
सेह कर जिया जाए
कभी उठाए औजार तो कभी कलम
से जवाब दिया जाए
Irfan...✍️
👍2
सुनो तो
जिंदगी जैसे सज़ा बन गई हो
तुम जीने की वजह बन गई हो
छुपाते हो हाल दिल का सब से
और हमारी तो राज़दार बन गई हो
यूं तो तेरा मिलना इत्तेफाक ही था
तू है की खुदा की रज़ा बन गई है
Irfan...✍️
7/6/24 friday 5:55 pm
जिंदगी जैसे सज़ा बन गई हो
तुम जीने की वजह बन गई हो
छुपाते हो हाल दिल का सब से
और हमारी तो राज़दार बन गई हो
यूं तो तेरा मिलना इत्तेफाक ही था
तू है की खुदा की रज़ा बन गई है
Irfan...✍️
7/6/24 friday 5:55 pm
❤1
sᴜɴᴏ
तकदीर को कुछ इस
तरह चाहा है मैने
जो नही था तकदीर मैं
उसे भी अपनाया मैने
ख्वाब मोहब्बत के बे
शुमार देखे थे मैने
लेकिन जख्मों को अपना
हमराह बनाया मैने
खुशियां तो थी मेहमान
के मानिंद मेरी जिंदगी मैं
अक्सर गमों से रिश्ता
निभाया है मैने
थी बेवफाई के तराजू मैं
मेरी मोहब्बत हल्की बहुत
फिर भी अपनी मोहब्बत
को रुसवा नही क्या मेने
irfan...✍️
तकदीर को कुछ इस
तरह चाहा है मैने
जो नही था तकदीर मैं
उसे भी अपनाया मैने
ख्वाब मोहब्बत के बे
शुमार देखे थे मैने
लेकिन जख्मों को अपना
हमराह बनाया मैने
खुशियां तो थी मेहमान
के मानिंद मेरी जिंदगी मैं
अक्सर गमों से रिश्ता
निभाया है मैने
थी बेवफाई के तराजू मैं
मेरी मोहब्बत हल्की बहुत
फिर भी अपनी मोहब्बत
को रुसवा नही क्या मेने
irfan...✍️
❤2
sᴜɴᴏ
मोहब्बत के खजाने की नीलामी
से जवाब नही आते
बेवफा पत्थरों के रोने से जिंदगी
मैं सैलाब नही आते
दफन हो कर रह जाती है उनकी
मोहब्बत भी यारो
जिनको ज़माने के सारे हिसाब
किताब नही आते
कहा खिलते है फूल मोहब्बत
के इस ज़माने में
यहां किसी माली को अब फूल
खिलाने नही आते
irfan...✍️
मोहब्बत के खजाने की नीलामी
से जवाब नही आते
बेवफा पत्थरों के रोने से जिंदगी
मैं सैलाब नही आते
दफन हो कर रह जाती है उनकी
मोहब्बत भी यारो
जिनको ज़माने के सारे हिसाब
किताब नही आते
कहा खिलते है फूल मोहब्बत
के इस ज़माने में
यहां किसी माली को अब फूल
खिलाने नही आते
irfan...✍️
सुनो तो
दिए जख्म जिस्मो पर रह गए
सारे गम हस्ते हस्ते हम सह गए
मुस्कुराहट ही रखी चेहरे पर हमने
और अश्क थे जो आंखो से बह गए
Irfan...✍️
9/6/24 sunday 10:30 Am
दिए जख्म जिस्मो पर रह गए
सारे गम हस्ते हस्ते हम सह गए
मुस्कुराहट ही रखी चेहरे पर हमने
और अश्क थे जो आंखो से बह गए
Irfan...✍️
9/6/24 sunday 10:30 Am
👍2
Suno
अश्क भी बह गए है सारे
जख्म खुले रह गए है सारे
लाइलाज इश्क की दवा नही
लोग पुराने कह गए है सारे
Irfan...✍️
9/6/24 sunday 12:30pm
अश्क भी बह गए है सारे
जख्म खुले रह गए है सारे
लाइलाज इश्क की दवा नही
लोग पुराने कह गए है सारे
Irfan...✍️
9/6/24 sunday 12:30pm
❤1
Suno to
तेरा सुनो जी लिखना ऐसा
लगता है तू मुझे पुकार रहा है
में फासलों में मगर ए जॉना
तू मुझे करीब बुला रहा है
Irfan...✍️
9/6/24 sunday 1:00 pm
तेरा सुनो जी लिखना ऐसा
लगता है तू मुझे पुकार रहा है
में फासलों में मगर ए जॉना
तू मुझे करीब बुला रहा है
Irfan...✍️
9/6/24 sunday 1:00 pm
sᴜɴᴏ
तुमसे मैं बेवजह रूठ
कर किधर जाऊंगा
एहसास है तेरी मोहब्बत
का मै फिर लौट आऊंगा
irfan...✍️
तुमसे मैं बेवजह रूठ
कर किधर जाऊंगा
एहसास है तेरी मोहब्बत
का मै फिर लौट आऊंगा
irfan...✍️
👍1
sᴜɴᴏ
ना वो मुझसे कुछ कहते है
ना हम उनसे कुछ कहते है
मोहब्बत है हमे बे इंतेहा
एक दूसरे के दिल मैं रहते है
मुस्कुराते है महफिल में हम
अश्क आंखों में छुपाते है
ज़ख्म कितने भी गहरे हो
दर्द सारे हम सेह लेते है
irfan...✍️
ना वो मुझसे कुछ कहते है
ना हम उनसे कुछ कहते है
मोहब्बत है हमे बे इंतेहा
एक दूसरे के दिल मैं रहते है
मुस्कुराते है महफिल में हम
अश्क आंखों में छुपाते है
ज़ख्म कितने भी गहरे हो
दर्द सारे हम सेह लेते है
irfan...✍️
👍1
sᴜɴᴏ
जब मोहब्बत मैं हम
गिरफ्तार हुआ करते थे
हम हर शख्स से बेजार
हुआ करते थे
वफा भी हमने सारी उन
पर है लूटा दी
जो खुद बेवफाओं के पैरोकार
हुआ करते थे
हमारी कहानी मैं ही जिक्र
नहीं था मेरा
जिस कहानी के हम अहम
किरदार हुआ करते थे
irfan...✍️
जब मोहब्बत मैं हम
गिरफ्तार हुआ करते थे
हम हर शख्स से बेजार
हुआ करते थे
वफा भी हमने सारी उन
पर है लूटा दी
जो खुद बेवफाओं के पैरोकार
हुआ करते थे
हमारी कहानी मैं ही जिक्र
नहीं था मेरा
जिस कहानी के हम अहम
किरदार हुआ करते थे
irfan...✍️