दो पल का है ये साथ हमारा
सदियों तक याद रहेगा
दिल से दिल तक का सफर ,
दिल से होता हुआ जाएगा
बस देखते रहे एक दूजे को ना कहे कुछ भी
सौंसों से सासों तक कारवा ये जाएगा
कैसे आएगी निंद भला, आखोंमे तू जो रहेगा
तुझे देखते-देखते सूरज निकल आएगा
बस यूं ही आगोश में तेरी रात यू गुजर जाए
थामे हू दिल अपना नजरो से तू ओज़ल ना हो जाए
मत कहो अलविदा, दिल ना सह पाएगा फिर से तुझे देखेंगे, पाने, जीने ये मचलता रह जाएगा
सदियों तक याद रहेगा
दिल से दिल तक का सफर ,
दिल से होता हुआ जाएगा
बस देखते रहे एक दूजे को ना कहे कुछ भी
सौंसों से सासों तक कारवा ये जाएगा
कैसे आएगी निंद भला, आखोंमे तू जो रहेगा
तुझे देखते-देखते सूरज निकल आएगा
बस यूं ही आगोश में तेरी रात यू गुजर जाए
थामे हू दिल अपना नजरो से तू ओज़ल ना हो जाए
मत कहो अलविदा, दिल ना सह पाएगा फिर से तुझे देखेंगे, पाने, जीने ये मचलता रह जाएगा
फायदा क्या है हमें और ख़सारा क्या है,
जो भी है आपका सब कुछ है हमारा क्या है!
हमनें कुछ ऐसी बना रखी है हालत अपनी,
पूछता कोई नहीं हाल तुम्हारा क्या है!
मर गए होते तो याद आते तुम्हें भी अजमल,
जी रहे हैं तो कुसूर इसमें हमारा क्या है!
#MiyaAjmal
जो भी है आपका सब कुछ है हमारा क्या है!
हमनें कुछ ऐसी बना रखी है हालत अपनी,
पूछता कोई नहीं हाल तुम्हारा क्या है!
मर गए होते तो याद आते तुम्हें भी अजमल,
जी रहे हैं तो कुसूर इसमें हमारा क्या है!
#MiyaAjmal
क्या होता है जब पुरुष की पसंदीदा स्त्री उससे कोसों दूर हो जाती है,
मोहब्बत की सारी कहानियां बेईमानी सी लगने लगती है,
वो जो नूर उसे इश्क़ ने दिया था बिलकुल बेरंग हो जाता है
आने जाने वाला हर इंसा सिर्फ भीड़ की तरह समझ आता है, उसे नफ़रत हो जाती है मोहब्बत के झूठे वादों से,
पछतावा होता है कि क्यों उसका रुख सख़्त से नरम हुआ,वो बिल्कुल बेफ़िक्र आवारा जानवर की तरह हो जाता है!
जो शिथिलता की चरम सीमा पर पहुँच जाता है!
भूल जाता है मोह और वास्तविकता को,
आशाओं से वास्ता टूट जाता है और अपना लेता है ख़ामोशी के हर पहलू को,
सच और सही सब एक सा लगने लगता है,
उसे नही परवाह होती कि कौन उसे कैसे देख रहा उसके बारे क्या समझ रहा
वो बस विलुप्त रहना चाहता है जीवन के सबसे खामोश कोने में!
~अभिराइट्स
मोहब्बत की सारी कहानियां बेईमानी सी लगने लगती है,
वो जो नूर उसे इश्क़ ने दिया था बिलकुल बेरंग हो जाता है
आने जाने वाला हर इंसा सिर्फ भीड़ की तरह समझ आता है, उसे नफ़रत हो जाती है मोहब्बत के झूठे वादों से,
पछतावा होता है कि क्यों उसका रुख सख़्त से नरम हुआ,वो बिल्कुल बेफ़िक्र आवारा जानवर की तरह हो जाता है!
जो शिथिलता की चरम सीमा पर पहुँच जाता है!
भूल जाता है मोह और वास्तविकता को,
आशाओं से वास्ता टूट जाता है और अपना लेता है ख़ामोशी के हर पहलू को,
सच और सही सब एक सा लगने लगता है,
उसे नही परवाह होती कि कौन उसे कैसे देख रहा उसके बारे क्या समझ रहा
वो बस विलुप्त रहना चाहता है जीवन के सबसे खामोश कोने में!
~अभिराइट्स
कुछ मजबूरियां होती है ऐसी कि इंसान
झुक जाता है...
एक कदम होती दूर मंजिल और सफ़र
रुक जाता है...
झुक जाता है...
एक कदम होती दूर मंजिल और सफ़र
रुक जाता है...
महाशिवरात्रि का यह पावन पर्व आपके लिए मंगलमय हो!
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं...❤️
हर हर महादेव.....❤️
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं...❤️
हर हर महादेव.....❤️
कुछ मेरे शब्द खामोशी में समझ लेना,
कुछ मेरे जज़्बात अपनी मुस्कान में समझ लेना ,
छू गया अगर आपके दिल के आसमान तक तो शायर समझा लेना ,
यूँ तो हम भी किसी के दिल की दौलत है अगर आप तक रुक गया तो अपना समझ लेना!
#RGWrites ❤️
कुछ मेरे जज़्बात अपनी मुस्कान में समझ लेना ,
छू गया अगर आपके दिल के आसमान तक तो शायर समझा लेना ,
यूँ तो हम भी किसी के दिल की दौलत है अगर आप तक रुक गया तो अपना समझ लेना!
#RGWrites ❤️
क्या कभी सारा जहाँ भी ख़त्म होगा ।
ये ज़मीं, वो आसमाँ भी ख़त्म होगा |
आदमी की आदमीयत देखकर अब....
'जानवर... ये बदगुमाँ भी ख़त्म होगा |
मज़हबों की जंग यूँ जारी रही तो......
हर शहर, हर इक मकाँ भी ख़त्म होगा ।
दौलतें ये शोहरतें जब ख़त्म होंगीं....
साथ चलता कारवाँ भी ख़त्म होगा |
हर किसी की मौत ये कहती मिली है...
ज़िंदगी का इम्तिहाँ भी ख़त्म होगा |
बे-ख़याली खूब पाकिस्तान की है...
हस्ति-ए-हिन्दोस्ताँ भी ख़त्म होगा ||
ख़त्म होगी एक दिन ये शाइरी भी.....
जब ग़ज़ल जादू-बयाँ भी ख़त्म होगा |
ये ज़मीं, वो आसमाँ भी ख़त्म होगा |
आदमी की आदमीयत देखकर अब....
'जानवर... ये बदगुमाँ भी ख़त्म होगा |
मज़हबों की जंग यूँ जारी रही तो......
हर शहर, हर इक मकाँ भी ख़त्म होगा ।
दौलतें ये शोहरतें जब ख़त्म होंगीं....
साथ चलता कारवाँ भी ख़त्म होगा |
हर किसी की मौत ये कहती मिली है...
ज़िंदगी का इम्तिहाँ भी ख़त्म होगा |
बे-ख़याली खूब पाकिस्तान की है...
हस्ति-ए-हिन्दोस्ताँ भी ख़त्म होगा ||
ख़त्म होगी एक दिन ये शाइरी भी.....
जब ग़ज़ल जादू-बयाँ भी ख़त्म होगा |
बेख्याली...💝
याद है, चन्दर इसी जगह आँचल में छिपाकर नानखटाई लायी थी। आओ, आज अपने हाथ से खिला दूँ। कल ये हाथ पराये हो जाएँगे। और सुधा ने एक इमरती तोडकर चन्दर के मुँह में दे दी। चन्दर की आँखों में दो आँसू छलक आये-सुधा ने अपने हाथ से आँसू पोंछ दिये और बोली, 'चन्दर, घर में कोई खाने का खयाल करने वाला नहीं है। खाते-पीते जाना, तुम्हें हमारी कसम है। मैं शाहजहाँपुर से लौटकर आऊँगी तो दुबले मत मिलना।" चन्दर कुछ बोला नहीं। आँसू बहते गये, सुधा खिलाती गयी, वह खाता गया। सुधा ने गिलास में पानी दिया, उसने हाथ धोया और जेब से स्माल निकाला।
"क्यों. आज आँचल में हाथ नहीं पोंछोगे?" सुधा बोली। चन्दर ने आँचल हाथ में ले लिया और पलकों पर आँचल दबाकर फूट-फूटकर रो पड़ा। ❤️🤧
Ꭻᴏɪɴ 💫🔥 ⃝➥ @Be_khyali
"क्यों. आज आँचल में हाथ नहीं पोंछोगे?" सुधा बोली। चन्दर ने आँचल हाथ में ले लिया और पलकों पर आँचल दबाकर फूट-फूटकर रो पड़ा। ❤️🤧
Ꭻᴏɪɴ 💫🔥 ⃝➥ @Be_khyali
Wholesale में मिलते है धोखे यहाँ,
इश्क का Big Bazaar है ईnternet!
❤️
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चमकती धूप में,सुकून ए रुखसार लगती हो,
चंद आने की नौकरी में, तनख्वाह हजार लगती हो,
यूँ तो हर पल लड़ाई है, खुद की खुद से!
इस मशरूफ ज़िन्दगी का,तुम मीठा इतवार लगती हो।
🤍 💡
चंद आने की नौकरी में, तनख्वाह हजार लगती हो,
यूँ तो हर पल लड़ाई है, खुद की खुद से!
इस मशरूफ ज़िन्दगी का,तुम मीठा इतवार लगती हो।
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हम तेरी खूबसूरती में चार चांद लगा देंगे
तुम पहन के आना साड़ी हम तुम्हारी मांग सजा देंगे।
-Amit Pandey
तुम पहन के आना साड़ी हम तुम्हारी मांग सजा देंगे।
-Amit Pandey
सब धुंधला और, पुराना हो जाता है,
जब महबूब का, किसी और से याराना हो जाता है!
कुछ कहते है, मोहब्बत में रखा नहीं कुछ!
फिर क्यों मोहब्बत में घायल, ये जमाना हो जाता है!
बेशक़ शिद्दत कितनी भी हो, किसी रिश्ते नाते में,
एक अरसे के बाद, सब पुराना हो जाता है!
लाख देखे हो संग ,सपने महलों और मीनारों के!
पर टूटे आशिक़ का, पहला घर मयखाना हो जाता है!
🍾
🤍 Abhiwrites
जब महबूब का, किसी और से याराना हो जाता है!
कुछ कहते है, मोहब्बत में रखा नहीं कुछ!
फिर क्यों मोहब्बत में घायल, ये जमाना हो जाता है!
बेशक़ शिद्दत कितनी भी हो, किसी रिश्ते नाते में,
एक अरसे के बाद, सब पुराना हो जाता है!
लाख देखे हो संग ,सपने महलों और मीनारों के!
पर टूटे आशिक़ का, पहला घर मयखाना हो जाता है!
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Forwarded from 💓सुकूँन 💓 (~अभिमंद ᥫ᭡፝֟፝֟)
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दूरी ही अनादर का एकमात्र उत्तर है। प्रतिक्रिया न करें, बहस न करें, नाटक में न पड़ें। बस अपनी उपस्थिति हटा दें ©️
Aab baatein nahi hoti uss se, par dur se dekh khush reh leta hu, Baat toh karna chahta hu uss se par uski khushi ke liye main khud ko sambhal leta hu,
Haan bahata hu main aansu kabhi-kabhar, par main har raat ro leta hu,
Socta hu baat kar lu uss se par khud ko samjha kar sambhal leta hu;
Bas ek sawal hai uss se jo main janna chahta hu, Konsi galti thi meri jo tu mujhe dekh kar bhi andekha karta hai? Bol woh wajah thi jo tu mujhe bewajah nazarandaaz karta hai;
Sacch kahu, toh mujhe aab koi farak nahi padta tu kisi se baat kar, Bas tujhe kisi aur ke saath dekha nahi jata, Jalta hai dil aur fir khud ko sambhala nahi jata;
U toh dur pehle bhi log kai hue, magar unme se tere jitna koi yaad nahi aata, Aur u toh dur reh leta hu tujhse bhi, magar yeh khushi ka mukhota mujh par raas nahi aata
#RGWrites
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😍 тнαик уσυ 🤗❣
Haan bahata hu main aansu kabhi-kabhar, par main har raat ro leta hu,
Socta hu baat kar lu uss se par khud ko samjha kar sambhal leta hu;
Bas ek sawal hai uss se jo main janna chahta hu, Konsi galti thi meri jo tu mujhe dekh kar bhi andekha karta hai? Bol woh wajah thi jo tu mujhe bewajah nazarandaaz karta hai;
Sacch kahu, toh mujhe aab koi farak nahi padta tu kisi se baat kar, Bas tujhe kisi aur ke saath dekha nahi jata, Jalta hai dil aur fir khud ko sambhala nahi jata;
U toh dur pehle bhi log kai hue, magar unme se tere jitna koi yaad nahi aata, Aur u toh dur reh leta hu tujhse bhi, magar yeh khushi ka mukhota mujh par raas nahi aata
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कुछ रिश्ते सफ़ेद स्याही की तरह होते है,
जिनके न कायदे होते है न उनमें फ़ायदे होते है!
अंजान लोगों से अंजाम से परे रिश्ते!
बेहत सुकूँन पाने का आसन रास्ता!
सुप्रभात🤍
🤍 अभिराइट्स
जिनके न कायदे होते है न उनमें फ़ायदे होते है!
अंजान लोगों से अंजाम से परे रिश्ते!
बेहत सुकूँन पाने का आसन रास्ता!
सुप्रभात
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एक रोज वो सारे सुफेद पन्नों पर लिखे अक्षर तुम्हें रुलायेंगे!
~अभिराइट्स🤍
~अभिराइट्स
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