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कोई नहीं मारेगा तुमको,
तुम अभी मरने के लायक नहीं,

जाओ रोज कोशिश करो,
ये कहकर लौटा दिया फ़कीर ने..!!
परेशान हैं कि क्या क्या करेगा ये,
मेरे कमरे की दीवारें भी अब मुझे खामोश चाहती हैं,

ये कुर्सी, ये छत दर-ओ-दीवार डरती हैं सब मुझसे,
मैं बन जाऊं पहले जैसा बुद्धू वही हालात चाहती हैं..!!
अब तो हक़ है उनको हाल चाल का,

उन्हीं का वास्ते तो कुछ सुधरे हैं आजकल..!!
काश कि ये हवाएं तुम्हारे पास जाएं और कहें,

कि हमनें तुमको सुकून भरा साथ भेजा है..!!
Must watch Instagram reel.
Based on the book Godan of Munshi Premchand.
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तबाह होने का आजकल अलग ही नशा है सबमें,
हँसते खेलते बच्चे ग़म में मर जाना चाहते हैं,

कुछ वजह कुछ बेवजह अकेले हैं,
नुसरत, जॉन सा, वो भी डूब जाना चाहते हैं..!!
कुछ दिन तक मैं सोचता रहा कि हालत सुधार लूं,

पर फिर लगा किसके लिए जहमत उठाया जाए..!!
परेशान हैं ये रातें की कैसे मिला जाए दिन से,
यही हाल है दिन का की मिलें रात से कैसे,

मगर ये खेल तीन का पुराना खेल है साक़ी,
एक के जाने और दूसरे के आने के बीच तीसरा भी है...!!
तुम पुकार कर ज़ोर से क्यों नहीं देखते नाम उसका,

शायद तुम्हारा भरम टूट जाए कि उसने सुना नहीं होगा..!!
मन परिंदों की तरह है कहीं दूर जाना चाहता है रोज़,

ग़रीबी पिंजरे की तरह रोज़ मगर औकात दिखाती है..!!
देखो ये रौशनी की धार तेज़ है बहुत,

ईल्म की दुकान के नए नए खरीदार हैं हम..!!
ये दीवानगी भी अच्छी नहीं है हर जगह,

जो जा रहा है कम से कम उसको जाने तो देना चाहिए..!!
इत्तेफ़ाक से होना है ज़िंदगी में काम जब,
क्यों मर रहें हैं फिर बेवज़ह हम सब,

अरसे तक जवाब समझदारों ने खंगाला,
आख़िर में पाया कि सिर्फ़ सुकून में है रब..!!
इतनी शरीफ़ दुनियां अगर होती साहिबान,

कोई गुनाहगार तब होता ही क्यों यहां..!!
चलो ठहर के देखते हैं उनके शहर में एक बार,

ऐसा तो नहीं होगा कि पूरा शहर बेवफा होगा..!!
कितना आसान है परेशानी कम करना,

दोस्त से कहिए - सुन ज़रूरी बात है..!!
आसान कहकर यूं तौहीन ना करें हमारी कोशिश के सैलाब का

हर एक शाम भूलनें की नाकाम कोशिश कर कर के गुजारी है..!!
वफ़ा क्या है हकीकत में हमें मालूम नहीं,

कोई पूछता है तो तुम्हारा नाम बता देते हैं..!!
2025/03/08 21:49:28
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