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फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क़ मुकम्मल...!!

इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कोई तुम्हे तुम्हारी मंजिल से दूर कर दे...!
यह इतनी आसान बात नहीं हैं...!!

मेहनत करो और तोड़ दो ताला...!
ये सपने हैं तुम्हारे, किसी की जायदाद नहीं हैं...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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🌞GOOD MORNING 🌞
वाह रे इश्क़ तेरी मासूमियत का जवाब नहीं...!!

हँसा कर करता है बर्बाद तू मासूम लोगों को...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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हक़ीक़त ना सही तुम...!
ख़्वाब की तरह मिला करो...!!

भटके हुए मुसाफिर को...!
चांदनी रात की तरह मिला करो...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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दो अश्क मेरी याद में बहा जाते तो क्या जाता...!
चन्द कालियां लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता...!!

आये हो मेरी मय्यत पर सनम नक़ाब ओढ़ कर तुम...!
अगर ये चांद का टुकडा दिखा जाते तो क्या जाता...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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मैं कुछ लम्हा और तेरा साथ चाहता था...!
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था...!!

सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर...!
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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चलो आज खामोश प्यार को एक नाम दे दें...!
अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे दें...!!

इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने...!
धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें...!!


𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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उम्मीदें जुड़ी हैं तुझसे टूटने मत देना...!
दिल एक मोम है पिघलने मत देना...!!

दिल ने चाहा है उसे आज पता चला...!
इस धड़कन को कभी बंद होने मत देना...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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चलते-चलते मेरे कदम हमेशा यही सोचते हैं...!!

कि किस ओर जाऊं जो तू मिल जाये...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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तेरी आरजू में सनम हम दीवाने हो गए...!
तुझे अपना बनाते बनाते बेगाने हो गए...!!

कर दे एक बार याद अपने दिल से...!
तेरे दिल की आवाज़ सुने ज़माने हो गए...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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वो इतनी शिद्दतों से सोचता है...!!

कि जैसे मैं भी कोई मसअला हूँ...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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दिल में रह रह के शोर उठता है...!!

कोई रहता है इस मकान में क्या...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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सदा-ए-दिल को कहीं बारयाब होना था...!!

मेरे सवाल का कुछ तो जवाब होना था...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कैसे उस को दिल की हालत समझाऊँ...!!

बात करूँ तो सहाब आँख चुराने लगता है...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला...!
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला...!!

अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी...!
हर कोई मकसद का तलबगार मिला...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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भले किसी ग़ैर की जागीर थी वो...!
पर मेरे ख्वाबों की तस्वीर थी वो...!!

मुझे मिलती तो कैसी मिलती...!
किसी और के हिस्से की तकदीर थी वो...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी...!
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी...!!

सहाब बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने...!
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कैसे यकीन करें हम तेरी मोहब्बत का...!!

जब बिकती है बेवफाई तेरे ही नाम से...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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तस्वीर में भी बदले हुए हैं उनके तेवर...!!

आँखों में मुरब्बत का कहीं नाम नहीं है...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से...!!

अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी...!!

𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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2024/12/04 00:04:02
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