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क्या पता ब्रह्मांड
बस मेरे और तुम्हारे मिलने के लिए बना हो?

क्या पता बिग बैंग-
लाखों सालों का मानव विकास,
बस
हमारे इस पहले स्पर्श के लिए हुए हो?

क्या पता ये सब खत्म हो
सब कुछ- काल और कायनात
जैसे ही हमारे आलिंगन जुदा हो?

@kataizaharila
""जो हाथ की लकीरों में है नहीं,,,
उनका नाम हथेली में,,
लिखना भी तो इश्क़ है न..!!"

@kataizaharila
"उम्र भर निभाएंगे साथ ऐसा मुझे भरम हुआ..
एक रिश्ता उम्मीद से शुरू होकर अफ़सोस पर ख़त्म हुआ"...
💔🌻
@kataizaharila
भले ही तू सारी शिकायतें मेरे हिस्से में कर दे,
पर मेरा भी जिक्र अपने किसी किस्से में कर दे।
❤️

@kataizaharila
अब कि बार जो तुम आना तो..
मेरा हाल मत पूछना
हाल अपना भी मत बताना

बस कुछ देर ठहरना,
🥰मुस्कुराना और
गुजरे लम्हें की तरह चले जाना
मगर इस बार वो
इश्क़ का सवाल मत दोहराना।
❤️
@kataizaharila
आज तेरी यादों ने देख फिर से जगा दिया
तू मेरी है तू मेरी है का शोर मचा दिया
ओर क्या करते तुझे अपनी बाहों में भरके
हमने भी आंखे बंद की ओर दिया बुझा दिया
आज तेरी यादों ने फिर से जगा दिया

तेरी जुल्फे मेरे चेहरे से सवाल करती रही
तू मुझमें खोई सी भी बवाल करती रही
तुमने पूछा मेरा हाल मोहब्बत से
हमने फिर उसमे थोड़ा सा इश्क मिला दिया
आज तेरी यादों ने फिर से जगा दिया

बाते होने लगी फिर एक होने की
हमने भी हथेली थामे रखी दिल के कोने की
फिर यू हुआ कुछ पल को हम खामोश हो गए
ओर फिर अपनी सांसों ने बड़ा शोर मचा दिया
आज तेरी यादों ने फिर से जगा दिया

@kataizaharila
लड़कों को अपनी पसंदीदा स्त्री के लिए हर इंतजार मंजूर हैं
कभी मिले, कैसे भी मिले, कही भी मिले, मिले तो सही ❤️😍
@kataizaharila
सभी पुरुष नहीं भागते जिस्मों के पीछे,
तुम उनकी पसंदिदा स्त्री से पूछना...❤️🌻
@kataizaharila
🌷🌿🌷::::::मैंने तुमसे कभी नहीं पूछा की
क्या तुम भी मुझसे प्यार करते हो?

पर मैंने इतना चाहा की तुम
किसी दिन ख़ामोशी से मेरे नज़दीक आओ
और मेरे हाथ अपने हाथों पर धीरे से रखकर
कानों में कह दो,
सुनो,
"मेरी ग़ज़ल का..
सबसे शानदार आगाज़ हो तुम:::::🌷🌿🌷
@kataizaharila
लोग पूछते हैं- कैसे हो?
तो सुनो..
अनजान हूं, जान पाओगे क्या?
रूठा हुआ हूं, मना पाओगे क्या?
बिखरा हुआ हूं, समेट पाओगे क्या?
टूटा हुआ हूं, जोड़ पाओगे क्या?
खामोश सा हूं, सुन पाओगे क्या?
पागल सा हूं, साथ रख पाओगे क्या?
चिड़चिड़ा सा हूं, झेल पाओगे क्या?
सहमा हुआ हूं, सम्भाल पाओगे क्या?
रुआँसा सा हूं, हँसा पाओगे क्या?
हारा सा हूं, जीता पाओगे क्या?
नादान सा हूं, समझा पाओगे क्या?
😕😕
@kataizaharila
प्रेम के दो रंग✍️

प्रेम के हैं दो रंग जुदा...
एक मिलन और एक विरह...

एक नाम समर्पण का...
एक नाम त्याग का...

एक बिन बोले आँखों की
बात समझना...
एक दूर रह के दुआओं में
याद करना...

एक सुबह से शाम का इंतज़ार
तो...
एक अगले जन्म में मिलने की
फ़रियाद करना...

एक कमियों को नज़रंदाज करना...
एक किसी कमी के कोई मायने ना होना...

एक रुक्मणी बन जीवन भर साथ रहना...
एक राधा बन हृदय की धड़कन बनना...
@kataizaharila
तेरे इश्क में बेहाल होकर मेरा
तुमसे यू अचानक लिपट जाना
और तेरा वो माथे का बोसा लेना
हम दोनों को और करीब ले आया..

तेरा नजरों से मुझे यू चूम लेना
मेरा वो धीरे से पलकों को झुकाना
मेरे दिल की धडकनो का बढ़ जाना
मुझे मीठे मीठे ख्वाब दिखा जाना

तेरा यू अचानक मेरे करीब आ जाना
मुझे अपनी बाहों में कसकर भर लेना
तेरी सासों में मेरी सासों का समा जाना
मेरे सीने में अजीब सी प्यास का जगना...

उफ्फ तेरा मेरा ये इश्क ❣️
@kataizaharila
तुम नफरतों के धरने कयामत तक जारी रखो...
मैं मुहोब्बतों से इस्तीफा मरते दम तक नही दूँगा...!!!

@kataizaharila
तुम पर लिखी ये सारी कविताएं,
कभी तुम पढ़ोगी क्या?
दिल की बातें कागज़ पे रख दीं,
पर तुम समझोगी क्या?

चाँद को देखा तो तुम याद आई,
तारों में तेरा नाम लिखा,
तुम तो शायद हस भी दो,
"क्या लिख दिया यार ये सब बकवास सा?"

पर क्या करूं, दिल है पागल,
तुम्हारी हर बात पे अटका है,
कभी तुम्हारे बालों में उलझा,
तो कभी मुस्कान में फंसा है।

तुम्हारे बिना ये अल्फाज़ भी अधूरे,
कभी हंसीं, कभी दिलजले,
तुम्हारी राह देखता है हर शेर,
पर तुमसे कभी कहे?

लिखी हैं कई रातें जाग कर,
कभी फोन पे, कभी डायरी में,
तुम्हारे नाम के आस-पास घुमती,
मेरे दिल की हर कहानी है।

अब तो एक ही सवाल है बस,
कभी ये कविताएं पढ़ोगी क्या?
तुम पर लिखी ये सारी पंक्तियां,
कभी इनसे प्यार करोगी क्या?

@kataizaharila
वापस न लौटने की ख़बर छोड़ गए हो ,
मैंने सुना है तुम ये शहर छोड़ गए हो |

दीवाने लोग मेरी कलम चूम रहे हैं ,
तुम मेरी ग़ज़ल में वो असर छोड़ गए हो |

सारा ज़माना तुमको मुझ में ढूंढ रहा है ,
तुम हो की ख़ुद को जाने किधर छोड़ गए हो |

दामन चुरानेवाले मुझको ये तो दे बता ,
क्यों मेरे पीछे अपनी नज़र छोड़ गए हो |

मंजिल की है ख़बर न रास्तों का है पता ,
ये मेरे लिए कैसा सफर छोड़ गए हो |

ले तो गए हो जान-जिगर साथ ऐ ' दोस्त '
ले जाओ अपना दिल भी अगर छोड़ गए हो |

वापस न लौटने की खबर छोड़ गए हो..

@kataizaharila
होठों की ख्वाहिश ....
तुम्हारा माथा चूमना !

उंगलियों की ख्वाहिश ...
तुम्हारी उंगलियों में उलझना !

आंखों की ख्वाहिश..
तुम्हे जी भर के देखना !

हाथों की ख्वाहिश ..
तुम्हारा हाथ थामना !

धड़कनों की ख्वाहिश ...
तुम्हारी धड़कनों से मिल जाना !

और मेरी ख्वाहिश ..
तुम्हारे नाम के साथ जुड़ जाना !

@kataizaharila
वो लड़का जो तुम्हारी उदासियों के लिए अपनी ख़ुशियाँ ले आए,
तुम्हारे मूड-स्विंग्स में तुम्हारे लिए
रात-रात भर जागे,
जो कहे,
मैसेज का जवाब न दूँ
तो एक कॉल कर लेना
मैं जाग ही रहा होऊँगा
मैं हूँ यहीं,
जो कुछ हो बताना.
उस लड़के को थाम लेना उम्र भर के लिए
मोहोब्बत
होते हैं ये लड़के..

@kataizaharila
कुछ फर्ज थे मेरे, जिन्हें यूं निभाता रहा।
खुद को भुलाकर, हर दर्द छुपाता रहा।।

आंसुओं की बूंदें, दिल में कहीं दबी रही।
दुनिया के सामने, व्यर्थ मुस्कुराता रहा।।

रातें भी लंबी थीं, पर नींद कभी आई नहीं।
चाहतें भी थीं, पर ज़ाहिर कभी हो पाई नहीं।।

हर ख़्वाब अधूरा, दिल में कहीं खलता रहा।
फर्ज की आग में, मैं खुद जलता रहा।।

के कुछ फर्ज थे मेरे, जिन्हें मैं यूं निभाता रहा।।

@kataizaharila
वो: "वापिस आओगे क्या इस शहर?"

मैं: "वादा नहीं कर सकता।"

वो: "शायद ही कहदो?"

मैं: "उसमें भी तो उम्मीद है ना।"

वो: "झूठी उम्मीद, सच से बेहतर लगती है।"

मैं: "अच्छा... शायद, आउंगा।"

वो: "और अगर आ गए तो मुझसे मिलोगे?"

मैं: "तुम मिलोगी मुझसे?"

वो: "मुझे तो मिलना ही होगा ना, फिर वही पूछने के लिए।"

मैं: "क्या?"

वो: "वापिस आओगे क्या इस शहर?"

@kataizaharila
2024/09/30 02:02:25
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