बे-वक़्त अगर जाऊँगा सब चौंक पड़ेंगे
इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा
~सुरेश
इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा
~सुरेश
सर्द हवा है भीनी भीनी धूप फ़िज़ा में छाई है
ऐसे लम्हों में इस दिल को याद तुम्हारी आई है
—हरिओम
ऐसे लम्हों में इस दिल को याद तुम्हारी आई है
—हरिओम
परिस्थितियाँ पक्ष में हो या विपक्ष में योद्धा मैदान नहीं छोड़ते।
~ अज्ञात
~ अज्ञात
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के सिवा कोई औरत नही होती,क्योकिं दूसरी औरत अक्सर एक कामयाब मर्द ढूढ़ती है!!
~ अज्ञात
~ अज्ञात
मेरी बैचैनी का आलम मेरी रातों से पूछ,
कैसे कटी हैं तेरे बिना, मेरी आंखों से पूछ..!!!
शिशिर
कैसे कटी हैं तेरे बिना, मेरी आंखों से पूछ..!!!
शिशिर
स्त्रीयों ने प्रेम किया "प्रेम स्वीकारने के पश्चात"
और पुरुषों ने प्रेम किया... "बिछड़ने के पश्चात"
प्रेम, परस्पर दोनों ने किया "एक ने मिल जाने के पश्चात, एक ने बिछड़ जाने के पश्चात❤️
और पुरुषों ने प्रेम किया... "बिछड़ने के पश्चात"
प्रेम, परस्पर दोनों ने किया "एक ने मिल जाने के पश्चात, एक ने बिछड़ जाने के पश्चात❤️
ख्वाबों के सफ़र में
गर मंजिल की तलाश करना है तो
बेहिसाब रातों से लड़कर
हमें अनसुलझी राह को सुलझाना होगा
शिव ❣️
गर मंजिल की तलाश करना है तो
बेहिसाब रातों से लड़कर
हमें अनसुलझी राह को सुलझाना होगा
शिव ❣️
दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता
~ लोकेश
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता
~ लोकेश
वो जो न आने वाला है ना उस से मुझ को मतलब था
आने वालों से क्या मतलब आते हैं आते होंगे
- एलिया सिंह
आने वालों से क्या मतलब आते हैं आते होंगे
- एलिया सिंह
बदलना होता है जिन्हें,वो बदल जाते हैं,
हर कोई जनवरी का इंतज़ार नहीं करता..।
– अज्ञात
हर कोई जनवरी का इंतज़ार नहीं करता..।
– अज्ञात
जब भी दर्द से दिल तड़पेगा टुकड़े टुकड़े होगी रूह किसी अंधेरे कमरे में हम दिल में दर्द समो लेंगे... ----------------------------
चुपके चुपके कफ़न लपेटे निकलेंगे जब हम घर से लाख बुलाओगे रो रो कर हरगिज़ आंखें न खोलेंगे...
चुपके चुपके कफ़न लपेटे निकलेंगे जब हम घर से लाख बुलाओगे रो रो कर हरगिज़ आंखें न खोलेंगे...
तेरी चाहत में ना जाने क्यूँ हद से गुज़र रहे हैं
हम , इतना तो जीये भी नहीं जितना तुम पर मर रहे हैं हम ..!!
हम , इतना तो जीये भी नहीं जितना तुम पर मर रहे हैं हम ..!!
मिल जाएगा कोई हमें टूट कर चाहने वाला ,
अब पूरा शहर बेवफा तो नहीं हो सकता ..!!
अब पूरा शहर बेवफा तो नहीं हो सकता ..!!
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान ना पायी ,
एक हम है कि पीकर भी तेरा नाम लेते रहे ..!!
एक हम है कि पीकर भी तेरा नाम लेते रहे ..!!
हमारे इंतजार पर भी , कुछ यूं पूर्ण विराम हो जाए।
तुम आओ कुंभ सा, तो इश्क हमारा ' प्रयागराज हो जाए।।
~ अज्ञात 💞
तुम आओ कुंभ सा, तो इश्क हमारा ' प्रयागराज हो जाए।।
~ अज्ञात 💞