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हक़ीक़त को तलाश करना पड़ता है...

अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुँच जाती है...
दर्द आँखों से निकला तो सबने बोला
कायर है ये
जब दर्द लफ़्ज़ों से निकला तो सब बोले
शायर है ये...
जलने वाले की दूआ से ही सारी बरकत है,
🌴💔🌴
वरना अपना कहने वाले तो याद भी नही करते ।
हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में...
कुछ दर्द चले जाते है, दोस्तो के साथ मुस्कुराने में...
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दुनिया तो एक ही है
फिर भी सबकी अलग अलग है ...
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तुम्हारा एक पल साथ खरीदने के लिए...
थोड़ी-थोड़ी ज़िन्दगी रोज़ बेचते हैं हम...
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#गुलज़ार_साहब🌷🌷

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसाँ उतारता है कोई

दिल में कुछ यूँ सँभालता हूँ ग़म
जैसे ज़ेवर सँभालता है कोई

आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई

पेड़ पर पक गया है फल शायद
फिर से पत्थर उछालता है कोई

देर से गूँजते हैं सन्नाटे
जैसे हम को पुकारता है कोई
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2024/12/26 19:11:28
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