🔆भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी):
✅स्थापना: 1875.
✅मंत्रालय: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय।
✅आईएमडी मुख्यालय: नई दिल्ली.
यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है।
✅यह मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
▪️उद्देश्य:
✅कृषि, सिंचाई, शिपिंग आदि जैसी मौसम-संवेदनशील गतिविधियों के इष्टतम संचालन के लिए मौसम संबंधी अवलोकन करना और वर्तमान और पूर्वानुमानित मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करना।
✅गंभीर मौसम की घटनाओं जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात, धूल के तूफान, भारी बारिश और बर्फ, ठंड और गर्म लहरों के खिलाफ चेतावनी देना, जो जीवन और संपत्ति के विनाश का कारण बनते हैं।
✅मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान का संचालन और प्रचार करना।
✅कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योग, तेल अन्वेषण और अन्य राष्ट्र निर्माण गतिविधियों के लिए आवश्यक मौसम संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराना।
▪️आईएमडी 4 रंग कोड का उपयोग करता है:
✅हरा (सब ठीक है): कोई सलाह जारी नहीं की गई है। (रंग कोडित मौसम चेतावनी)
✅ पीला (सचेत रहें): पीला रंग कई दिनों तक गंभीर रूप से खराब मौसम को दर्शाता है।
✅ नारंगी/अंबर (तैयार रहें): नारंगी अलर्ट अत्यंत खराब मौसम की चेतावनी के रूप में जारी किया जाता है, जिससे सड़क और रेल मार्ग बंद होने से आवागमन में व्यवधान और बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने की संभावना होती है।
✅लाल (कार्रवाई करें): जब अत्यंत खराब मौसम की स्थिति निश्चित रूप से यात्रा और बिजली को बाधित करने वाली हो तथा जीवन के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा करने वाली हो, तो लाल अलर्ट जारी किया जाता है।
📍 आईएमडी की प्रमुख पहल
✅राष्ट्रीय मानसून मिशन (एनएमएम): कृषि, जल प्रबंधन और आपदा योजना में मदद के लिए मानसून पूर्वानुमान में सुधार करता है।
✅ मौसम ऐप: मौसम अपडेट, पूर्वानुमान और गंभीर मौसम अलर्ट के लिए एक मोबाइल ऐप।
✅ डॉपलर मौसम रडार (DWR): सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए तूफान, वर्षा और हवा के पैटर्न को ट्रैक करता है।
✅ कृषि-मौसम संबंधी परामर्श सेवाएँ (एएएस): बेहतर फसल योजना के लिए किसानों को मौसम आधारित सलाह प्रदान करती है।
✅वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (SAFAR): प्रदूषण प्रबंधन का मार्गदर्शन करने के लिए प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता और मौसम की निगरानी करता है।
@Mapping_prelims_mains
✅स्थापना: 1875.
✅मंत्रालय: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय।
✅आईएमडी मुख्यालय: नई दिल्ली.
यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है।
✅यह मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
▪️उद्देश्य:
✅कृषि, सिंचाई, शिपिंग आदि जैसी मौसम-संवेदनशील गतिविधियों के इष्टतम संचालन के लिए मौसम संबंधी अवलोकन करना और वर्तमान और पूर्वानुमानित मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करना।
✅गंभीर मौसम की घटनाओं जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात, धूल के तूफान, भारी बारिश और बर्फ, ठंड और गर्म लहरों के खिलाफ चेतावनी देना, जो जीवन और संपत्ति के विनाश का कारण बनते हैं।
✅मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान का संचालन और प्रचार करना।
✅कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योग, तेल अन्वेषण और अन्य राष्ट्र निर्माण गतिविधियों के लिए आवश्यक मौसम संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराना।
▪️आईएमडी 4 रंग कोड का उपयोग करता है:
✅हरा (सब ठीक है): कोई सलाह जारी नहीं की गई है। (रंग कोडित मौसम चेतावनी)
✅ पीला (सचेत रहें): पीला रंग कई दिनों तक गंभीर रूप से खराब मौसम को दर्शाता है।
✅ नारंगी/अंबर (तैयार रहें): नारंगी अलर्ट अत्यंत खराब मौसम की चेतावनी के रूप में जारी किया जाता है, जिससे सड़क और रेल मार्ग बंद होने से आवागमन में व्यवधान और बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने की संभावना होती है।
✅लाल (कार्रवाई करें): जब अत्यंत खराब मौसम की स्थिति निश्चित रूप से यात्रा और बिजली को बाधित करने वाली हो तथा जीवन के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा करने वाली हो, तो लाल अलर्ट जारी किया जाता है।
📍 आईएमडी की प्रमुख पहल
✅राष्ट्रीय मानसून मिशन (एनएमएम): कृषि, जल प्रबंधन और आपदा योजना में मदद के लिए मानसून पूर्वानुमान में सुधार करता है।
✅ मौसम ऐप: मौसम अपडेट, पूर्वानुमान और गंभीर मौसम अलर्ट के लिए एक मोबाइल ऐप।
✅ डॉपलर मौसम रडार (DWR): सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए तूफान, वर्षा और हवा के पैटर्न को ट्रैक करता है।
✅ कृषि-मौसम संबंधी परामर्श सेवाएँ (एएएस): बेहतर फसल योजना के लिए किसानों को मौसम आधारित सलाह प्रदान करती है।
✅वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (SAFAR): प्रदूषण प्रबंधन का मार्गदर्शन करने के लिए प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता और मौसम की निगरानी करता है।
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🔆 चालू खाता घाटा (सीएडी)
चालू खाता घाटा तब होता है जब किसी देश का वस्तुओं और सेवाओं का आयात उसके निर्यात से अधिक हो जाता है।
यह किसी राष्ट्र के आर्थिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है और व्यापार संतुलन, विदेश से शुद्ध आय और शुद्ध वर्तमान स्थानान्तरण को दर्शाता है।
📍 सीएडी के घटक
✅ व्यापार संतुलन: वस्तुओं के निर्यात और आयात के मूल्य के बीच का अंतर।
✅ सेवाएँ: इसमें सॉफ्टवेयर निर्यात, यात्रा और अन्य सेवा प्राप्तियां शामिल हैं।
✅ शुद्ध आय: इसमें ब्याज, लाभांश और प्रेषण शामिल हैं।
✅ शुद्ध स्थानान्तरण: इसमें प्रवासियों से प्राप्त निजी धन शामिल है।
📍 कम CAD का महत्व
✅ आर्थिक स्थिरता: यह वैश्विक आर्थिक झटकों के प्रति संवेदनशीलता को कम करता है, जैसे कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में कमोडिटी की कीमतों या ब्याज दरों में परिवर्तन।
✅ कम हुआ बाह्य ऋण: कम CAD के कारण भारत अपने घाटे को पाटने के लिए विदेशी स्रोतों से कम उधार लेता है, जिससे बाह्य ऋण-जीडीपी अनुपात प्रबंधनीय बना रहता है।
वैश्विक विश्वास: कम CAD से वैश्विक वित्तीय बाजारों में भारत की विश्वसनीयता बढ़ती है, जिससे इसकी क्रेडिट रेटिंग बढ़ती है।
#economy
#prelims #mains
#GS3
@PIB_UPSC
@upsc_4_economy
चालू खाता घाटा तब होता है जब किसी देश का वस्तुओं और सेवाओं का आयात उसके निर्यात से अधिक हो जाता है।
यह किसी राष्ट्र के आर्थिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है और व्यापार संतुलन, विदेश से शुद्ध आय और शुद्ध वर्तमान स्थानान्तरण को दर्शाता है।
📍 सीएडी के घटक
✅ व्यापार संतुलन: वस्तुओं के निर्यात और आयात के मूल्य के बीच का अंतर।
✅ सेवाएँ: इसमें सॉफ्टवेयर निर्यात, यात्रा और अन्य सेवा प्राप्तियां शामिल हैं।
✅ शुद्ध आय: इसमें ब्याज, लाभांश और प्रेषण शामिल हैं।
✅ शुद्ध स्थानान्तरण: इसमें प्रवासियों से प्राप्त निजी धन शामिल है।
📍 कम CAD का महत्व
✅ आर्थिक स्थिरता: यह वैश्विक आर्थिक झटकों के प्रति संवेदनशीलता को कम करता है, जैसे कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में कमोडिटी की कीमतों या ब्याज दरों में परिवर्तन।
✅ कम हुआ बाह्य ऋण: कम CAD के कारण भारत अपने घाटे को पाटने के लिए विदेशी स्रोतों से कम उधार लेता है, जिससे बाह्य ऋण-जीडीपी अनुपात प्रबंधनीय बना रहता है।
वैश्विक विश्वास: कम CAD से वैश्विक वित्तीय बाजारों में भारत की विश्वसनीयता बढ़ती है, जिससे इसकी क्रेडिट रेटिंग बढ़ती है।
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Science and technology is one of the Subjects which have high weightage, upsc prelims & mains GS 3
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बौद्ध धर्म का इतिहास और महत्वपूर्ण तथ्य - history of buddhism -
https://www.aajtak.in/education/history/story/history-of-buddhism-213708-2014-07-01
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आज तक
बौद्ध धर्म का इतिहास और महत्वपूर्ण तथ्य
बौद्ध धर्म ईसाई और इस्लाम धर्म के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है. इसके प्रस्थापक महात्मा बुद्ध शाक्यमुनि (गौतम बुद्ध) थे.
दीदारगंज यक्षिणी:
✅दीदारगंज यक्षिणी प्राचीन भारतीय पाषाण मूर्तियों के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है।
✅ इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व का माना जाता है, क्योंकि इसमें मौर्य कला से जुड़ी उत्कृष्ट मौर्य पॉलिश है।
✅यह आकृति 64 इंच ऊंची है, जो पत्थर के एक ही टुकड़े को तराश कर बनाई गई है।
✅आधुनिक पटना के निकट दीदारगंज से प्राप्त चौरी पकड़े हुए एक यक्षिणी की आदमकद खड़ी प्रतिमा।
✅यह एक ऊंची, सुसंगठित, स्वतंत्र खड़ी गोलाकार मूर्ति है जो पॉलिश सतह के साथ बलुआ पत्थर से बनी है।
✅चौरी को दाहिने हाथ में पकड़ा गया है जबकि बायां हाथ टूटा हुआ है। गोल मांसल शरीर के प्रति मूर्तिकार की संवेदनशीलता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
✅चेहरे पर गोल, मांसल गाल होते हैं, जबकि गर्दन अपेक्षाकृत छोटी होती है; आंखें, नाक, होंठ तीखे होते हैं।
✅हार के मोती पूरे गोल हैं, पेट तक लटक रहे हैं।
✅दीदारगंज यक्षिणी प्राचीन भारतीय पाषाण मूर्तियों के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है।
✅ इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व का माना जाता है, क्योंकि इसमें मौर्य कला से जुड़ी उत्कृष्ट मौर्य पॉलिश है।
✅यह आकृति 64 इंच ऊंची है, जो पत्थर के एक ही टुकड़े को तराश कर बनाई गई है।
✅आधुनिक पटना के निकट दीदारगंज से प्राप्त चौरी पकड़े हुए एक यक्षिणी की आदमकद खड़ी प्रतिमा।
✅यह एक ऊंची, सुसंगठित, स्वतंत्र खड़ी गोलाकार मूर्ति है जो पॉलिश सतह के साथ बलुआ पत्थर से बनी है।
✅चौरी को दाहिने हाथ में पकड़ा गया है जबकि बायां हाथ टूटा हुआ है। गोल मांसल शरीर के प्रति मूर्तिकार की संवेदनशीलता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
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Forwarded from Sansad TV AIR NEWS UPSC prelims mains interview
🌟 LIET & SCOPE BATCH 2025 :
Prelims Crash Course + Study material + 2011-2024 Paper Discussion + 54 Score Boosting Techniques + 46 years Solved PYQ (1979-2024) + Prelims Test Series : Total 36 Test.
1️⃣ LIET & SCOPE (English) Batch : 699/-(1000) Rs Click here
2️⃣ LIET & SCOPE (Hinglish) Batch : 699/-(1000) Rs Click here
3️⃣ C-SAT Foundation Batch : 699/-(5000) Rs Click here
4️⃣ Prelims Current Affairs Batch : 299/-(1000) Rs Click here
5️⃣ Toppers Notes for Prelims : 299/-(1000) Rs Click here
📲 To Watch Demo videos download our App : https://play.google.com/store/apps/details?id=co.lenord.owsqi
👉 Seat Left : 09/500
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1️⃣ LIET & SCOPE (English) Batch : 699/-
2️⃣ LIET & SCOPE (Hinglish) Batch : 699/-
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Forwarded from Sansad TV AIR NEWS UPSC prelims mains interview
2023 PYQ Tricks.pdf
7.7 MB
Last 3 Years में 1K+ Students ने Prelims पास कर के Mains लिखा 🏆
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🔆 राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – तिलहन (एनएमईओ-तिलहन)
✅चर्चा में क्यों : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024-25 से 2030-31 तक के लिए एनएमईओ-तिलहन को मंजूरी दी।
📍एनएमईओ-तिलहन के बारे में
✅उद्देश्य: खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना
✅मुख्य लक्ष्य: ~70 मीट्रिक टन तिलहन उत्पादन; 2030-31 तक 72% आत्मनिर्भरता
📍मुख्य फोकस:
✅रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन जैसी प्रमुख प्राथमिक तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाना।
कपास के बीज, चावल की भूसी और वृक्ष जनित तेलों जैसे द्वितीयक स्रोतों से निष्कर्षण दक्षता में वृद्धि करना।
📍प्रमुख विशेषताएं
✅राज्य-एजेंसी साझेदारी के साथ 5-वर्षीय रोलिंग सीड योजना के लिए SATHI पोर्टल
347 जिलों में मूल्य श्रृंखला क्लस्टर (प्रति वर्ष 10 लाख हेक्टेयर)
उन्नत प्रौद्योगिकियां: जीनोम संपादन, उच्च उपज वाली किस्में
✅बुनियादी ढांचा: 65 बीज केंद्र, 50 भंडारण इकाइयाँ फसल-उपरांत इकाइयों और आईईसी अभियानों के लिए सहायता
📍 पहल की आवश्यकता: खाद्यान्न के बाद दूसरी सबसे बड़ी फसल श्रेणी; शहरीकरण के कारण बढ़ती मांग; वर्तमान में खाद्य तेलों आदि की घरेलू मांग का 57% आयात पर निर्भर है।
✅उठाए गए अन्य कदम: एनएफएसएम-ओएस एंड ओपी, एनएमईओ-ओपी, पीएम-आशा, और आरकेवीवाई-रफ़्तार; सात तिलहनों के लिए एमएसपी और 20% आयात शुल्क;
✅2024 बजट: अनुसंधान और बाजार संबंधों पर ध्यान; पीली क्रांति।
✅चुनौतियाँ:
🔸 जीएम किस्मों की तुलना में कम पैदावार;
🔸 76% खेती वर्षा आधारित;
🔸क्षेत्रीय सांद्रता (5 राज्यों में 83.4% मूंगफली);
🔸बढ़ती मांग-आपूर्ति का अंतर;
🔸सीमित वैश्विक बाजार हिस्सेदारी
✅आगे का रास्ता:
🔸मूल्य श्रृंखला क्लस्टर विकसित करना;
🔸परती क्षेत्रों तक विस्तार;
🔸अनुसंधान आदि में निवेश करें।
#Government_schemes
✅चर्चा में क्यों : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024-25 से 2030-31 तक के लिए एनएमईओ-तिलहन को मंजूरी दी।
📍एनएमईओ-तिलहन के बारे में
✅उद्देश्य: खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना
✅मुख्य लक्ष्य: ~70 मीट्रिक टन तिलहन उत्पादन; 2030-31 तक 72% आत्मनिर्भरता
📍मुख्य फोकस:
✅रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन जैसी प्रमुख प्राथमिक तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाना।
कपास के बीज, चावल की भूसी और वृक्ष जनित तेलों जैसे द्वितीयक स्रोतों से निष्कर्षण दक्षता में वृद्धि करना।
📍प्रमुख विशेषताएं
✅राज्य-एजेंसी साझेदारी के साथ 5-वर्षीय रोलिंग सीड योजना के लिए SATHI पोर्टल
347 जिलों में मूल्य श्रृंखला क्लस्टर (प्रति वर्ष 10 लाख हेक्टेयर)
उन्नत प्रौद्योगिकियां: जीनोम संपादन, उच्च उपज वाली किस्में
✅बुनियादी ढांचा: 65 बीज केंद्र, 50 भंडारण इकाइयाँ फसल-उपरांत इकाइयों और आईईसी अभियानों के लिए सहायता
📍 पहल की आवश्यकता: खाद्यान्न के बाद दूसरी सबसे बड़ी फसल श्रेणी; शहरीकरण के कारण बढ़ती मांग; वर्तमान में खाद्य तेलों आदि की घरेलू मांग का 57% आयात पर निर्भर है।
✅उठाए गए अन्य कदम: एनएफएसएम-ओएस एंड ओपी, एनएमईओ-ओपी, पीएम-आशा, और आरकेवीवाई-रफ़्तार; सात तिलहनों के लिए एमएसपी और 20% आयात शुल्क;
✅2024 बजट: अनुसंधान और बाजार संबंधों पर ध्यान; पीली क्रांति।
✅चुनौतियाँ:
🔸 जीएम किस्मों की तुलना में कम पैदावार;
🔸 76% खेती वर्षा आधारित;
🔸क्षेत्रीय सांद्रता (5 राज्यों में 83.4% मूंगफली);
🔸बढ़ती मांग-आपूर्ति का अंतर;
🔸सीमित वैश्विक बाजार हिस्सेदारी
✅आगे का रास्ता:
🔸मूल्य श्रृंखला क्लस्टर विकसित करना;
🔸परती क्षेत्रों तक विस्तार;
🔸अनुसंधान आदि में निवेश करें।
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बौद्ध धर्म और जैन धर्म प्रमुख शब्द
🔆 बौद्ध धर्म में प्रमुख शब्द
✅ चैत्य : भिक्षुओं के लिए प्रार्थना कक्ष।
✅ विहार : मठ।
✅ प्रव्रज्या : संन्यास लेने और नवसाधु बनने का समारोह, जिसमें सिर मुंडवाना और गेरूए वस्त्र पहनना शामिल है।
✅ उपसम्पदा : दीक्षा समारोह जहां एक नवसिखुआ मठवासी समुदाय का पूर्ण सदस्य बन जाता है।
✅ उपोसथ : पूर्णिमा और अमावस्या के दिन आयोजित समारोह।
✅ पराजिका : पराजय को संदर्भित करता है; इसमें संघ से निष्कासन तक ले जाने वाले चार गंभीर अपराध शामिल हैं ( यौन दुराचार, चोरी, हत्या, झूठे आध्यात्मिक दावे )।
✅ पवराना : बौद्ध धर्म का पवित्र दिन जो वर्षा ऋतु के अंत का प्रतीक है, अश्विन की पूर्णिमा को मनाया जाता है। भिक्षु एकांतवास अवधि के दौरान किए गए अपराधों को स्वीकार करते हैं।
✅ उपासक : बुद्ध, धम्म और संघ के पुरुष अनुयायी जिन्होंने मठवासी प्रतिज्ञा नहीं ली है।
✅ उपासिका : बुद्ध, धम्म और संघ की महिला अनुयायी जिन्होंने मठवासी प्रतिज्ञा नहीं ली है।
✅ बोधिसत्व : प्रबुद्ध प्राणी जो दूसरों की मदद करने के लिए निर्वाण को स्थगित कर देते हैं। आभूषणों, सुंदर वस्त्रों और दयालु आचरण के साथ चित्रित।
📍 अन्य मुख्य शब्द
✅ भिक्खु संघ : भिक्षुओं का मठवासी आदेश।
✅ भिक्खुनी संघ : भिक्षुणियों का मठवासी क्रम।
✅ थेरगाथा : वरिष्ठ भिक्षुओं द्वारा रचित छंद।
✅ थेरीगाथा : वरिष्ठ भिक्षुणियों द्वारा रचित छंद।
✅ श्रमण/समान : वह जो सत्य या आत्म-साक्षात्कार चाहता है।
✅ परिब्बाजक/परिव्राजक : घुमंतू या भ्रमणशील तपस्वी।
✅ शक्र : बौद्ध धर्म में भगवान इंद्र का दूसरा नाम।
✅ सर्वास्तिवादी : थेरवाद स्कूल समय ( अतीत, वर्तमान, भविष्य ) में सभी घटनाओं के अस्तित्व में विश्वास करता है।
✅ सौत्रान्तिक : एक स्कूल जो केवल सूत्रों को मान्य मानता है, वाणिज्यिक साहित्य को अस्वीकार करता है, सुत्तपिटक और विनयपिटक पर जोर देता है।
✅ सम्मिटिया : प्रारंभिक बौद्ध संप्रदायों में से एक।
#UPSC2025 #ArtAndCulture #art_and_culture #Buddhism #Jainism #GS1 #CSE2025 #UPSCNotes #AncientIndia #Prelims2025
🔆 बौद्ध धर्म में प्रमुख शब्द
✅ चैत्य : भिक्षुओं के लिए प्रार्थना कक्ष।
✅ विहार : मठ।
✅ प्रव्रज्या : संन्यास लेने और नवसाधु बनने का समारोह, जिसमें सिर मुंडवाना और गेरूए वस्त्र पहनना शामिल है।
✅ उपसम्पदा : दीक्षा समारोह जहां एक नवसिखुआ मठवासी समुदाय का पूर्ण सदस्य बन जाता है।
✅ उपोसथ : पूर्णिमा और अमावस्या के दिन आयोजित समारोह।
✅ पराजिका : पराजय को संदर्भित करता है; इसमें संघ से निष्कासन तक ले जाने वाले चार गंभीर अपराध शामिल हैं ( यौन दुराचार, चोरी, हत्या, झूठे आध्यात्मिक दावे )।
✅ पवराना : बौद्ध धर्म का पवित्र दिन जो वर्षा ऋतु के अंत का प्रतीक है, अश्विन की पूर्णिमा को मनाया जाता है। भिक्षु एकांतवास अवधि के दौरान किए गए अपराधों को स्वीकार करते हैं।
✅ उपासक : बुद्ध, धम्म और संघ के पुरुष अनुयायी जिन्होंने मठवासी प्रतिज्ञा नहीं ली है।
✅ उपासिका : बुद्ध, धम्म और संघ की महिला अनुयायी जिन्होंने मठवासी प्रतिज्ञा नहीं ली है।
✅ बोधिसत्व : प्रबुद्ध प्राणी जो दूसरों की मदद करने के लिए निर्वाण को स्थगित कर देते हैं। आभूषणों, सुंदर वस्त्रों और दयालु आचरण के साथ चित्रित।
📍 अन्य मुख्य शब्द
✅ भिक्खु संघ : भिक्षुओं का मठवासी आदेश।
✅ भिक्खुनी संघ : भिक्षुणियों का मठवासी क्रम।
✅ थेरगाथा : वरिष्ठ भिक्षुओं द्वारा रचित छंद।
✅ थेरीगाथा : वरिष्ठ भिक्षुणियों द्वारा रचित छंद।
✅ श्रमण/समान : वह जो सत्य या आत्म-साक्षात्कार चाहता है।
✅ परिब्बाजक/परिव्राजक : घुमंतू या भ्रमणशील तपस्वी।
✅ शक्र : बौद्ध धर्म में भगवान इंद्र का दूसरा नाम।
✅ सर्वास्तिवादी : थेरवाद स्कूल समय ( अतीत, वर्तमान, भविष्य ) में सभी घटनाओं के अस्तित्व में विश्वास करता है।
✅ सौत्रान्तिक : एक स्कूल जो केवल सूत्रों को मान्य मानता है, वाणिज्यिक साहित्य को अस्वीकार करता है, सुत्तपिटक और विनयपिटक पर जोर देता है।
✅ सम्मिटिया : प्रारंभिक बौद्ध संप्रदायों में से एक।
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पारबती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना:
✅चर्चा में क्यों : पीकेसी लिंक और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को मिलाकर एक अंतर-राज्यीय नदी-जोड़ो परियोजना।
✅ लॉन्च किया गया: 2017 में परिकल्पित और 2023 में संशोधित।
✅ उद्देश्य: सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए जल संसाधनों का अनुकूलन करना, जिससे राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोगों को लाभ मिले।
📍 विशेषताएं:
✅ कुल लागत: ₹72,000 करोड़ (90% केंद्र सरकार द्वारा)।
राजस्थान को 4,100 एमसीएम और मध्य प्रदेश को 3,000 एमसीएम पानी उपलब्ध कराया जाता है।
✅ शामिल नदियाँ: चंबल, पारबती, कालीसिंध, बनास और उनकी सहायक नदियाँ।
📍 चम्बल नदी:
✅उत्पत्ति : सिंगार चौरी चोटी, विंध्य पर्वत, मध्य प्रदेश।
✅ सहायक नदियाँ: बनास, काली सिंध, पारबती, सिप्रा और मेज नदियाँ।
📍 पार्वती नदी:
✅उत्पत्ति : विंध्य रेंज, सीहोर जिला, मध्य प्रदेश।
✅ सहायक नदियाँ: कुनो, परवान और सीप नदियाँ।
📍 कालीसिंध नदी:
✅ उद्गम स्थल : बागली, देवास जिला, मध्य प्रदेश।
✅ सहायक नदियाँ: नेवज, आहू और परवन नदियाँ।
#prelims
#Places_in_news
@Mapping_prelims_mains
✅चर्चा में क्यों : पीकेसी लिंक और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को मिलाकर एक अंतर-राज्यीय नदी-जोड़ो परियोजना।
✅ लॉन्च किया गया: 2017 में परिकल्पित और 2023 में संशोधित।
✅ उद्देश्य: सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए जल संसाधनों का अनुकूलन करना, जिससे राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोगों को लाभ मिले।
📍 विशेषताएं:
✅ कुल लागत: ₹72,000 करोड़ (90% केंद्र सरकार द्वारा)।
राजस्थान को 4,100 एमसीएम और मध्य प्रदेश को 3,000 एमसीएम पानी उपलब्ध कराया जाता है।
✅ शामिल नदियाँ: चंबल, पारबती, कालीसिंध, बनास और उनकी सहायक नदियाँ।
📍 चम्बल नदी:
✅उत्पत्ति : सिंगार चौरी चोटी, विंध्य पर्वत, मध्य प्रदेश।
✅ सहायक नदियाँ: बनास, काली सिंध, पारबती, सिप्रा और मेज नदियाँ।
📍 पार्वती नदी:
✅उत्पत्ति : विंध्य रेंज, सीहोर जिला, मध्य प्रदेश।
✅ सहायक नदियाँ: कुनो, परवान और सीप नदियाँ।
📍 कालीसिंध नदी:
✅ उद्गम स्थल : बागली, देवास जिला, मध्य प्रदेश।
✅ सहायक नदियाँ: नेवज, आहू और परवन नदियाँ।
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