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🇮🇳❄️भारत के पश्चिमी घाटों में मिली तितली की नई प्रजातियां
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Shared by~🇮🇳Kundan Kushwaha
ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी तितली प्रजाति की खोज पश्चिमी घाट के अखिल भारतीय अनुसंधान दल ने की है. इन नई प्रजातियों को अब भारत में तितलियों की विस्तार सूची में जोड़ दिया गया है.
पश्चिमी घाट के शोधकर्ताओं द्वारा लाइकेनिड तितली के एक नए टैक्सोन की खोज की गई है. टैक्सन नाकाडुबा जीनस से संबंधित है और यह एक विशेषज्ञ टीम द्वारा देखा गया था जिसमें त्रावणकोर नेचर हिस्ट्री सोसाइटी से डॉ. कालेश सदाशिवन और बैजू के, थेनी से रामासामी नाइकर और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के राहुल खोत शामिल थे.
यह पहली बार है कि किसी तितली प्रजाति की खोज पश्चिमी घाट के अखिल भारतीय अनुसंधान दल ने की है. इन नई प्रजातियों को अब भारत में तितलियों की विस्तार सूची में जोड़ दिया गया है.
महत्व👇🇮🇳
यह खोज न केवल भारत की तितली वर्ग में ही, बल्कि पश्चिमी घाटों और केरल के तितली समूह में इन नई प्रजातियों को जोड़ती है. इस तितली प्रजाति का नाम रामस्वामी की सिक्स लाइन ब्लू और 'सीलोन वरयानेली' रखा गया था.
नई तितली प्रजातियां: महत्त्वपूर्ण जानकारी👇🇮🇳
• ये नीली लाइन वाली छोटी तितलियां हैं जोकि लाइकैनेडी की उपजाति से संबंधित हैं और इनका वितरण भारत और श्रीलंका से लेकर पूरे दक्षिणपूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और समोआ तक है.
• इन तितली प्रजातियों में बालों वाली आंखें, आगे वाले परों पर 11 और 12 नसों का एनास्टोमोसिस, नर के परों पर बैंगनी चमक के साथ दोनों लिंगों के नीचे की ओर हल्की सफेद धारियां होती हैं.
• सभी प्रजातियों के नर के बैटलडोर के आकार के विशिष्ट एंड्रोकोनियल स्केल्स होते हैं और कुछ प्रजातियों में पंखों के ऊपर की तरफ लंबे रिबन वाले स्केल्स होते हैं जो उन्हें बर्फीला रूप प्रदान करते हैं.
• नाकडुबा सिंहल रामास्वामी सदाशिवन को लगभग एक दशक पहले अगस्त्यमलाई में खोजा गया था. इस खोज को अब जर्नल ऑफ़ थ्रेटेंड टैक्सा में शामिल किया गया है.
• अगस्त्यमलाई से वर्ष, 2011 में दो-लाइन नीली तितलियों की तस्वीरें ली गईं. ये तितलियां अन्य रेखा नीली लाइन वाली तितलियों की तुलना में हल्के रंग की थीं.
• बाद में इसी तरह की पीले रंग वाली तितलियों को जनवरी, 2018 में भी और वर्ष, 2018 में तमिलनाडु के थेंकासी में फोटो लिए गये थे.
पृष्ठभूमि👇🇮🇳
नई तितली प्रजाति का नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया है, जो समुद्र के पार श्रीलंका से भारत के प्राचीन संबंधों का प्रतीक है. अब तक, यह तितली की प्रजाति पश्चिमी घाट और श्रीलंका के अगस्त्यमलाई तक सीमित है.
BY Current Update (टेक्स्ट करेंट अफेयर्स)🇮🇳 CA
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