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मेरे गम पर तुम भी रोने आए हो
यू बैठकर अपना फर्ज निभाने आए हो
जब तक मैं जिंदा था तब तक तो आए नहीं
अब क्या अहसान जताने आए हो
मेरे घर में मेरी ही बातें कर रहे हो
जब मैंने कहा था तब तो वक्त था नहीं
अब क्या मुझको मेरी ही बातें सुनाने आए हो
मेरे मरने पर आखिरी मुलाकात के लिए आए हो
जब जिंदगी थी तब तो तुम आए नहीं
अब क्या दिखावा करने आए हो
मेरे जनाजे को कंधा दे रहे हो तुम
वैसे तो पैर खिंचें है अब साथ देने आए हो
इन 100-200 लोगो की भीड़ का हिस्सा बनने आये हो
यूं तो अकेला छोड़ा मुझे अब काफिला बनाने आये हो
आंखें छुपा कर तुम यू तो रो रहे हो
वैसे तो मुझे ही रुलाया हरदम
अब क्या मेरे चाहने वालो में शामिल होने आये हो
मुझे रुक जाने की कसम दे रहे हो
तुम तो कभी रुके नहीं
अब किस आधार पर ये बात कह रहे हो
आज रिश्तों का हवाला दे रहे हो तुम
रिश्ते तो तुमने ही तोड़े थे ना
अब क्या फिर से रिश्ते जोड़ने आए हो
खैर छोड़ो इन बातों को
जो बीत गया उसे भूल जाते हैं
बात आज की है तो आज की ही बात बताते हैं
तुम चुप एकांत बैठे तो हो
मगर दिल के जज़्बात बताते क्यों नहीं
रो कर तुमने आंखें तो नम की
पर अपनी हंसी छुपाते क्यों नहीं
रिश्तों के तो तुम नाम ले रहे हो
मगर रिश्ते बचाते क्यों नहीं
तुम सोचते हो भूल जाऊं मैं
लो भूल जाता हूं मैं
मगर आज जो तुमने किया
वो मुझसे भुलाया जाता नहीं
मै भूल भी जाऊं बीती बातें
पर मुझसे ये भी तो भूलाई जाती नहीं
#Bhagyashree
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
BY Hindi/Urdu Poems
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