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प्रशासक समिति®✊🚩(Reg. E&SWS)
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज का पञ्चाङ्ग 🚩
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१
⛅ 🚩तिथि - एकादशी दोपहर 01:44 तक तत्पश्चात द्वादशी
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⛅ दिनांक - 24 फरवरी 2025
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - बसन्त
⛅ मास - फाल्गुन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा शाम 06:59 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - सिद्धि सुबह 10:05 तक, तत्पश्चात व्यतीपात
⛅ राहु काल - सुबह 08:32 से सुबह 09:59 तक
⛅ सूर्योदय - 07:09
⛅ सूर्यास्त - 06:36
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:16 तक
⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:30 से दोपहर 01:16 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 25 से रात्रि 01:17 फरवरी 25 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विजया एकादशी, व्यतीपात योग (प्रातः 10:06 से प्रातः 8:15 फरवरी 25 तक)
⛅ विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) व द्वादशी को पूतिका (पोइ) खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹विजया एकादशी - 24 फरवरी 25🔹
🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹
🔸1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें। नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें। वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें।
🔸2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
🔸हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती हैं।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता हैं।
🔸3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए।
🔸4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें।
🔸5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए। इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक हैं।
🔸6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें।
🔸7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए। आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए।
🔸8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए।
🔸9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए।
🔸10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता हैं।
🔸11. इस दिन बाल नहीं कटायें।
🔸12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें।
🔸13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक)।
🔸14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता हैं।
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जय श्री राम
🚩 हिन्दू राष्ट्र भारत 🚩
BY प्रशासक समिति ✊🚩 हिन्दी
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