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ज़िन्दगी से सब को मोहब्बत है...

पर जिंदगी किसी की मोहब्बत नहीं बनती...

तमन्ना ले कर जिते है सब लोग...

मगर हर तमन्ना तकदीर नहीं बनती...✍️✍️

╭─❀⊰╯
@Shayari_Ka_Samunder
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वो लड़कियां
जिन्होंने महबूब को मान लिया था खुदा अब भरोसा उठ गया है उनका खुदा से,

वह कलम
जो कभी इतना कर लिखती थी प्रेम पत्र
अब टेसुएं बहाते हुए लिखती है विरह के गीत,

वो लड़कियां
जो उससे छोटी-छोटी बातों पर लड़ जाया करती थी
अब बड़े बड़े उलाहनो को कर देती है अनसुना,

वो लड़कियां
जो मोहब्बत में ना जाने कितने नामों से पुकारी जाती थी
बाप की पगड़ी की खातिर कहलाई गई बेवफा,

वो लड़कियां
जो उसका पसंदीदा रंग पहन कर
उड़ती थी तितलियों की तरह
आज सिंदूरी रंग में भी
बेरंग है उनकी दुनिया,

वो लड़कियां
जिनका जिसमें किसी और की गिरफ्त में होता है
और रुह सनम की यादों में जकड़ी हुई,

वो लड़कियां
जो कभी किसी लड़के की जिंदगी थी
आज बन कर रह गई महज दो घरों की इज्जत।

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@Shayari_Ka_Samunder
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मोहब्बत कम या ज्यादा करने का
उनका अपना पैमाना रहा होगा
जिसे हम लोग ज्यादा समझते हो
प्यार कहा वो तो बस नजराना रहा होगा
जब दिलाई होगी याद उन्हें उनकी हर बात की
तो उस वक्त उनके पास बदलने की मजबूरी या मजबूरी का बहाना रहा होगा

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@Shayari_Ka_Samunder
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.........तुम पर कोई जबरदस्ती नहीं.........

...........कि तुम मेरी सारी बातें मानो,.........

..........मुझे सिर्फ इतना पता है कि...........

........मेरे लिए तुम बहुत जरूरी हो............

.........अब आगे तुम जानो"........


#......Special_One...... 😊

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@Shayari_Ka_Samunder
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मैं कागज पर तेरे होंठ लिखुं
तेरे होठों पर मुस्कान आए...

मैं दिल लिखुं तु दिल थामे
मैं गुम लिखुं वो खो जाए...

तेरे हाथ बनाऊं पेंसिल से
उन हाथों पर फिर हाथ रखूं...

कुछ उल्टा सीधा फ़र्ज़ करूं
कुछ सीधा उल्टा हो जाए...

मैं आह लिखुं तु‌ हाए करे
बेचैन लिखुं बेचैन हो तु...

फिर मैं बेचैन का बे काटू
तुझे चैन जरा सा हो जाए...

मैं ऐन लिखूं तु सोचे मुझे
मैं सीन लिखुं तेरी नींद उड़े...

मैं काफ लिखुं तुझे कुछ कुछ हो
मैं इश्क लिखुं तुझे हो जाए...!!

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@Shayari_Ka_Samunder
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लफ्जों की दहलीज पर घायल जुबान है...



कोई तन्हाई से, तो कोई महफिल से परेशान है।।

╭─❀⊰╯@Shayari_Ka_Samunder
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हम तुमसे लड़ते इसलिए भी है कयोंकि ,

धागे जब उलझ जाए तो और करीब आ जाते है...


╭─❀⊰╯@Shayari_Ka_Samunder
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सच को तमीज ही नहीं बात करने की,
झूठ को देखो, कितना मीठा बोलता है।।


╭─❀⊰╯@Shayari_Ka_Samunder
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एक ख़्वाब है,जो देख रही हूं
एक ख़्वाब है,जो लिख रही हूं
एक रात का ख़्वाब है...
उस ख़्वाब की रात लिख रही हूं
एक चांद है जो घूरता है मेरे हर एक ख़्वाब को
एक कशिश भी है इकरार की
जो बेपर्दा सी होती दिखाई पड़ती हैं
मेरे तमन्नाओं के गुलीश्ता में

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@Shayari_Ka_Samunder
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नाम ना दो कोई,
इस एहसास को बेनाम रहने दो।

सुनो..

जज्बातों के समंदर को यूं ना छेड़ो,
इन्हें गुमनाम रहने दो।।

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@Shayari_Ka_Samunder
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क्यों ना सजा मिलती हमें
मोहब्बत में आखिर,


हमने भी बहुत दिल तोड़े थे
उस शख्स के खातिर।

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@Shayari_Ka_Samunder
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तकलीफ उन्हें बताओ
जो समझने के काबिल हो...

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@Shayari_Ka_Samunder
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हम ये लिखे, हम वो लिखे,
अरे मोहतरमा थोड़ा बहुत
तुम भी लिख दो,
हमे लिखना ही नहीं
पढ़ना भी पसंद है!!

╭─❀⊰╯
@Shayari_Ka_Samunder
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वो गोबर फेंकने के बहाने आकर मिला करती थी
मोहब्ब्त के दुश्मनों ने भैंस ही बेच डाली

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@Shayari_Ka_Samunder
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मोहब्बत रही चार दिन, ज़िंदगी में

चार दिन की मोहब्बत का असर रहा,
जिंदगी भर

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@Shayari_Ka_Samunder
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एक एक दिन ऐसे बीत रहा है
मानो इनपर कभी मेरा हक़ था ही नहीं

ये वक्त भी तुम पर गया है
मैने बहुत चाहा जी लूं इसमें
मगर ये मेरा है ही नहीं

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@Shayari_Ka_Samunder
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ये इश्क़ का सफर लम्बा है
चलो कुछ अल्फ़ाज बचा लेते है
वो समझा नहीं जज़्बातों को
चलो कुछ एहसास दबा लेते है
इस हसीन सफर का अब तो
चलो खुलकर मजा लेते है
जो दर्द भरा है इस जीवन मे
चलो अब हँस के भुला देते है

╭─❀⊰╯
@Shayari_Ka_Samunder
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ज्ञानी के हम गुरु हैं,
मूरख के हम दास,,
उसने उठाया डंडा,,,
हमने जोड़ लिए हाथ!!

╭─❀⊰╯
@Shayari_Ka_Samunder
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कुछ अनूठा ही रिश्ता है मेरा उस शख्स से
उसे सोचने से कभी सुकून मिलता है
तो कभी बेचैनी...

╭─❀⊰╯
@Shayari_Ka_Samunder
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ये कौन खुशकिस्मत तेरे दिल में घर कर रहा है
कौन है जो मेरे किरदार को बेघर कर रहा है

तुमने कहा था हमारा इश्क़ तो पुराने जमाने सा है
फिर कौन है जो इस गाँव को शहर कर रहा है

जाने इस जानिब़ से ये कैसा तुफान आया है
मेरे वजूद ए मकां में धूल भर रहा है

╭─❀⊰╯
@Shayari_Ka_Samunder
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2025/06/13 23:47:40
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