tgoop.com/anmolvachan1/32489
Last Update:
समुंदर उस पार मेरा ठिकाना है ,
समुंदर इस पार से नाव मैंने निकाली है ,
मंज़िल मेरी सुनहरे किरणों से सजी है ,
पर उस तक पहुँचने वाली डगर अंधेरों वाली है ,
लोग कहते हैं ,
भँवर है गहरा ,
मत उतरो कि डूब जाओगे ,
ढूंढ लो इस पार ही कहीं ठिकाना ,
कि यूँ जर्जर नाव से ,
कहाँ तक जाओगे ,
इस पर मेरा हौसला मुझसे आगे बढ़कर बोला ,
जब जी ही न पाए अपने सपनों के नगर में ,
तो ये सारी जमीं होगी मेरे लिए ,
डरी-सहमी बस्तियों का टोला ,
जहाँ खुद को आजमाना कठिन होगा ,
पल-पल खुद से नजरें मिलाना कठिन होगा ,
इसलिए ,
अब चाहे क्यों न आ जाए तूफानों का भवंडर ,
मिलकर रोकना चाहे भले ,
मुझको ये धरती-अंबर ,
रुक जाऊँ , ये मुझे गंवारा नही ,
आँखों के शहर में सपने ही न बसे मेरे ,
ऐसे तो होगा मेरा गुजारा नही ,
माना समुंदर है अपने जिद्द में पला-बढ़ा ,
पर जब देखेगा वो मेरे अंदर के जुनून को ,
तो तोड़ना ही होगा उसे अपने घमंड का घड़ा |
Sushmita Singh
BY Anmol Vachan Quotes ( UPSC prelims mains )
Share with your friend now:
tgoop.com/anmolvachan1/32489