सुनो तो..
कैसी ये तुझ से लगन लग गई है
तेरे इश्क की दिल में अगन लग गई है
चला था जानिब ए मंजिल की और
तेरा कूचा आते आते थकान लग
गई है
खिलाफ रहा ज़माना मोहब्बत के
और दांव पर मेरी जान लग गई है
Irfan...✍️
कैसी ये तुझ से लगन लग गई है
तेरे इश्क की दिल में अगन लग गई है
चला था जानिब ए मंजिल की और
तेरा कूचा आते आते थकान लग
गई है
खिलाफ रहा ज़माना मोहब्बत के
और दांव पर मेरी जान लग गई है
Irfan...✍️
सुनो
ये बीते लम्हे जो गुजारे तेरे संग
गुजरते वक्त के साथ फीके पढ़
गए रंग
इश्क के लिए लड़ी थी मेने जंग
आज देख कर मुझे लोग हो जाते
है दंग
आज तन्हा हो में इस जहां में
डॉर हाथ में रह गई मेरे,कट गई
पतंग
Irfan...✍️
ये बीते लम्हे जो गुजारे तेरे संग
गुजरते वक्त के साथ फीके पढ़
गए रंग
इश्क के लिए लड़ी थी मेने जंग
आज देख कर मुझे लोग हो जाते
है दंग
आज तन्हा हो में इस जहां में
डॉर हाथ में रह गई मेरे,कट गई
पतंग
Irfan...✍️
sᴜɴᴏ
अभी तो आशिकों के गम
लिखता हूं
मैं अपनी मोहब्बत के किस्से
कम लिखता हूं
मैं जब भी हाल ए दिल तमाम
लिखता हूं
मोहब्बत के हर सितम बार
बार लिखता हु
अब भी वो बिछड़ नही पाया
सुकून से मुझसे
मैं अपने तारूफ मैं बहुत कम
लिखता हूं
रुसवा ना हो जाए मेरे अल्फाजों
से वो
मैं उसको एक हसीन ख्वाब
लिखता हूं
जब भी लिखा मेने उसका नाम
उसके नाम के साथ हमेशा मेरा
नाम लिखता हूं
irfan...✍️
अभी तो आशिकों के गम
लिखता हूं
मैं अपनी मोहब्बत के किस्से
कम लिखता हूं
मैं जब भी हाल ए दिल तमाम
लिखता हूं
मोहब्बत के हर सितम बार
बार लिखता हु
अब भी वो बिछड़ नही पाया
सुकून से मुझसे
मैं अपने तारूफ मैं बहुत कम
लिखता हूं
रुसवा ना हो जाए मेरे अल्फाजों
से वो
मैं उसको एक हसीन ख्वाब
लिखता हूं
जब भी लिखा मेने उसका नाम
उसके नाम के साथ हमेशा मेरा
नाम लिखता हूं
irfan...✍️
👍3❤1
sᴜɴᴏ
वो मेरे तसव्वुर मैं इस कदर
खोया रहा
ख्वाब मेरे देखने के लिए वो
सोया रहा
Irfan...✍️
वो मेरे तसव्वुर मैं इस कदर
खोया रहा
ख्वाब मेरे देखने के लिए वो
सोया रहा
Irfan...✍️
❤2
सुनो जॉना
मैने की है तुमसे मोहब्बत
तुमने दिल्लगी की है,
दिल मैं तुम्हे बसाया मेने
और रब की बंदगी की है,
खौफ ए खुदा है दिल में
इसलिए तेरे नाम जिंदगी
की है,,
Irfan...✍️
मैने की है तुमसे मोहब्बत
तुमने दिल्लगी की है,
दिल मैं तुम्हे बसाया मेने
और रब की बंदगी की है,
खौफ ए खुदा है दिल में
इसलिए तेरे नाम जिंदगी
की है,,
Irfan...✍️
👍2
sᴜɴᴏ
शोला जो भड़का है
दिल मैं बुझाए कैसे
उलझी उलझी सी है
जिंदगी सुलझाए कैसे
तुमने खुद को निखार लिया
है किसी और के पहलू मैं
याद जो तुम्हारी आ जाए
तो भुलाए कैसे,
तेरी खुशी मैं ही रही है
मेरी खुशी जॉना
बोझ इस जुदाई का अब
हम उठाए कैसे
मुस्कुराए फिरते है हम
महफिल महफिल
बरस जाती है ये आंखे इन्हे
अब छुपाए कैसे
irfan...✍️
शोला जो भड़का है
दिल मैं बुझाए कैसे
उलझी उलझी सी है
जिंदगी सुलझाए कैसे
तुमने खुद को निखार लिया
है किसी और के पहलू मैं
याद जो तुम्हारी आ जाए
तो भुलाए कैसे,
तेरी खुशी मैं ही रही है
मेरी खुशी जॉना
बोझ इस जुदाई का अब
हम उठाए कैसे
मुस्कुराए फिरते है हम
महफिल महफिल
बरस जाती है ये आंखे इन्हे
अब छुपाए कैसे
irfan...✍️
👏2
सुनो तो
अपने इश्क मैं मुझे
दीवाना कर दिया,
वो शमा मुझे जलता
परवाना कर दिया,
आंखो को अपनी
मेहखाना कर दिया,
सारे जहां से मुझे
उसने बेगाना कर दिया,
Irfan...✍️
अपने इश्क मैं मुझे
दीवाना कर दिया,
वो शमा मुझे जलता
परवाना कर दिया,
आंखो को अपनी
मेहखाना कर दिया,
सारे जहां से मुझे
उसने बेगाना कर दिया,
Irfan...✍️
sᴜɴᴏ
तलब मोहब्बत की इतनी
बढ़ाओ फिर मुझसे इश्क
करना
जब ना संभले इश्क तुमसे
मेरा तब इजहार ए इश्क
करना
हसीन चेहरों से हो जाती है
हर किसी को मोहब्बत
हम जैसा किरदार मिले तो
इश्क करना
पहले हो जाओ तबाह इश्क
मैं मेरे
फिर साथ निभा सको तो
इश्क करना
इश्क तो हर कोई कर लेता है
जालिमा
अगर खुद का वजूद मिटा
सको तो इश्क करना
irfan...✍️
तलब मोहब्बत की इतनी
बढ़ाओ फिर मुझसे इश्क
करना
जब ना संभले इश्क तुमसे
मेरा तब इजहार ए इश्क
करना
हसीन चेहरों से हो जाती है
हर किसी को मोहब्बत
हम जैसा किरदार मिले तो
इश्क करना
पहले हो जाओ तबाह इश्क
मैं मेरे
फिर साथ निभा सको तो
इश्क करना
इश्क तो हर कोई कर लेता है
जालिमा
अगर खुद का वजूद मिटा
सको तो इश्क करना
irfan...✍️
👍1
सुनो तो
ये चूड़ियां,ये बिंदियां,
वे कानो के झुमके अपनी
जगह,
और उसका मुझ से लिपट
जाना, हाय कयामत का सबब
है,,
Irfan...✍️
21/6/24 friday 6:20
ये चूड़ियां,ये बिंदियां,
वे कानो के झुमके अपनी
जगह,
और उसका मुझ से लिपट
जाना, हाय कयामत का सबब
है,,
Irfan...✍️
21/6/24 friday 6:20
sᴜɴᴏ
हर बंदिशों से अलग बेखौफ
बे बाक थी मोहब्बत मेरी
मोहब्बत मजबूर नही मशहूर
थी एक ज़माने मैं मेरी
irfan...✍️
हर बंदिशों से अलग बेखौफ
बे बाक थी मोहब्बत मेरी
मोहब्बत मजबूर नही मशहूर
थी एक ज़माने मैं मेरी
irfan...✍️
❤1👍1
सुनो
मेरी तो सिर्फ एक ही ख्वाइश है
खुदा से मेरी यही गुजारिश है
हर सफर में बने हमसफर मेरा
छोटी सी मेरी ये फरमाइश है
दुनिया ने की है साजिशे हमदम
और अपनो ने ली आजमाइश है
दुनिया की नजरो से छुपाए रखा
है तुझे,और दुनिया करती इश्क
की नुमाइश है,
हमारी मोहब्बत की कोई हद ना
हो,ना हमारे इश्क की कोई पेमाईश
है,
Irfan...✍️
मेरी तो सिर्फ एक ही ख्वाइश है
खुदा से मेरी यही गुजारिश है
हर सफर में बने हमसफर मेरा
छोटी सी मेरी ये फरमाइश है
दुनिया ने की है साजिशे हमदम
और अपनो ने ली आजमाइश है
दुनिया की नजरो से छुपाए रखा
है तुझे,और दुनिया करती इश्क
की नुमाइश है,
हमारी मोहब्बत की कोई हद ना
हो,ना हमारे इश्क की कोई पेमाईश
है,
Irfan...✍️
❤3👍2
सुनो
नूर भी अब बेनूर हुआ
तेरे इश्क का जबसे सुरूर
हुआ
दीवाना हुआ इश्क में तेरे
एहसासों ने तेरे दिल छुआ
हर लम्हा तेरी यादों के समंदर
मैं बहता रहा कश्ती की तरह
तेरी वफाओं का मुझे भी गुरूर
हुआ
उभर आती है तस्वीर तेरी
फिजाओ मैं,अक्स का तेरे
धुआं धुवा,
है फख्र मुझे अपने इश्क पर
तेरे किरदार पर मुझे गुरूर हुआ
Irfan...✍️
नूर भी अब बेनूर हुआ
तेरे इश्क का जबसे सुरूर
हुआ
दीवाना हुआ इश्क में तेरे
एहसासों ने तेरे दिल छुआ
हर लम्हा तेरी यादों के समंदर
मैं बहता रहा कश्ती की तरह
तेरी वफाओं का मुझे भी गुरूर
हुआ
उभर आती है तस्वीर तेरी
फिजाओ मैं,अक्स का तेरे
धुआं धुवा,
है फख्र मुझे अपने इश्क पर
तेरे किरदार पर मुझे गुरूर हुआ
Irfan...✍️
सुनो
आहिस्ता आहिस्ता रुख
हवाओ का बदलने लगा,
आहिस्ता आहिस्ता गम
का बादल भी हटने लगा,
आहिस्ता आहिस्ता वो
आया जिंदगी में मेरी,
आहिस्ता आहिस्ता फूल
मोहब्बत का खिलने लगा,
Irfan...✍️
आहिस्ता आहिस्ता रुख
हवाओ का बदलने लगा,
आहिस्ता आहिस्ता गम
का बादल भी हटने लगा,
आहिस्ता आहिस्ता वो
आया जिंदगी में मेरी,
आहिस्ता आहिस्ता फूल
मोहब्बत का खिलने लगा,
Irfan...✍️
🥰1
Suno
मुझे तेरा इंतजार है
मुझे तुझ पर एतबार है
मुझे करना ये इकरार है
कह दोना मुझसे प्यार है
Irfan...✍️
मुझे तेरा इंतजार है
मुझे तुझ पर एतबार है
मुझे करना ये इकरार है
कह दोना मुझसे प्यार है
Irfan...✍️
❤2
सुनो
सज़ा सख्त दे गई मेरी नादानियां मुझे
नजर आने लगी मेरी बरबादियां मुझे
बाहें फैलाए डसने लगी तन्हाइयां मुझे
तुम बहुत याद आते हो सांवरिया मुझे
ख्वाबों मैं आकर बहुत तड़पाते हो तुम
हसरत नही ख्वाबों से मिले आजादियां
मुझे
पुकार लो एक बार मेरा नाम फिर से
सही नही जाती अब ये बेताबियां मुझे
आंखे पाबंद मेरी सिर्फ तुम्हे देखती है
चाहत नही कोई मिले शेजादियां मुझे
बेवाफाओ के महलों में बड़ा शोर है
इरफान
वफा के मकानों में दिखती है विरानियां
मुझे
एक ख्वाइश के तुम हमेशा मेरे साथ रहो
सुनाई देती है कानो में शहनाइयां मुझे
Irfan...✍️
26,6,24 wednesday 11:50 am
सज़ा सख्त दे गई मेरी नादानियां मुझे
नजर आने लगी मेरी बरबादियां मुझे
बाहें फैलाए डसने लगी तन्हाइयां मुझे
तुम बहुत याद आते हो सांवरिया मुझे
ख्वाबों मैं आकर बहुत तड़पाते हो तुम
हसरत नही ख्वाबों से मिले आजादियां
मुझे
पुकार लो एक बार मेरा नाम फिर से
सही नही जाती अब ये बेताबियां मुझे
आंखे पाबंद मेरी सिर्फ तुम्हे देखती है
चाहत नही कोई मिले शेजादियां मुझे
बेवाफाओ के महलों में बड़ा शोर है
इरफान
वफा के मकानों में दिखती है विरानियां
मुझे
एक ख्वाइश के तुम हमेशा मेरे साथ रहो
सुनाई देती है कानो में शहनाइयां मुझे
Irfan...✍️
26,6,24 wednesday 11:50 am
👍1
सुनो
इश्क करना गुनाह है तो
गुनहगार है हम,
उम्मीद ए वफा तुमसे,तेरी
वफाओं के तलबगार है हम,
राह ए इश्क मैं भटक गए है,
बन कर रहबर मददगार है हम,
तेरी उल्फत को दिल में बसाए
हमारे इश्क के राजदार है हम,
रब से दुआओं में है तुझे मांगा
बंदगी की खुदा की इबादतगार
है हम,,
Irfan...✍️
इश्क करना गुनाह है तो
गुनहगार है हम,
उम्मीद ए वफा तुमसे,तेरी
वफाओं के तलबगार है हम,
राह ए इश्क मैं भटक गए है,
बन कर रहबर मददगार है हम,
तेरी उल्फत को दिल में बसाए
हमारे इश्क के राजदार है हम,
रब से दुआओं में है तुझे मांगा
बंदगी की खुदा की इबादतगार
है हम,,
Irfan...✍️
👍1
सुनो ना
तेरी याद बहुत आती है
रात दिन मुझे तड़पाती है
सोने भी नही देती मुझे,
ख्वाबों में आकर सताती है
मुस्कुराता हु महफिलों में
खयाल तेरा मुझे रुलाती है,
पढ़ता हु जब शायरी तेरी
जिंदगी जैसे मुस्कुराती है,
तेरी एक हसीन मुलाकात
बाहों का झूला झुलाती है,
तेरी नशीली आंखें सनम
आवाज दे कर बुलाती है,
इंतजार करता हु रात दिन
तेरा,सुइयां घड़ी के जैसे
खंजर छुबाती है,
Irfan...✍️
तेरी याद बहुत आती है
रात दिन मुझे तड़पाती है
सोने भी नही देती मुझे,
ख्वाबों में आकर सताती है
मुस्कुराता हु महफिलों में
खयाल तेरा मुझे रुलाती है,
पढ़ता हु जब शायरी तेरी
जिंदगी जैसे मुस्कुराती है,
तेरी एक हसीन मुलाकात
बाहों का झूला झुलाती है,
तेरी नशीली आंखें सनम
आवाज दे कर बुलाती है,
इंतजार करता हु रात दिन
तेरा,सुइयां घड़ी के जैसे
खंजर छुबाती है,
Irfan...✍️
सुनो
वो दिल की बात मुझे बताती है
मगर खौफ वो अपनो से खाती है
तबियत अलिल थी उसकी.
उसका कोई दोष भी ना था
वो मान कर अपनो की बात
मेरी बातो से मुकर जाती है
Irfan...✍️
वो दिल की बात मुझे बताती है
मगर खौफ वो अपनो से खाती है
तबियत अलिल थी उसकी.
उसका कोई दोष भी ना था
वो मान कर अपनो की बात
मेरी बातो से मुकर जाती है
Irfan...✍️
सुनो
मर मर के भी कितना मरना होगा
क्या मुझे डर के साए में जीना होगा
मौत तो एक दिन आनी है बेशक
ए इरफान,
तो फिर कब सर उठा कर जीना
होगा,
हर जख्म दर्द ओ गम तो सेह लेते
है हम
कब तक इस डर के कब्जे में हमे
रहना होगा,
अंधेरा कर रखा है इस डर ने जिंदगी
में
एक दिन बेखौफ सुबह का सूरज
देखना होगा
Irfan...✍️
मर मर के भी कितना मरना होगा
क्या मुझे डर के साए में जीना होगा
मौत तो एक दिन आनी है बेशक
ए इरफान,
तो फिर कब सर उठा कर जीना
होगा,
हर जख्म दर्द ओ गम तो सेह लेते
है हम
कब तक इस डर के कब्जे में हमे
रहना होगा,
अंधेरा कर रखा है इस डर ने जिंदगी
में
एक दिन बेखौफ सुबह का सूरज
देखना होगा
Irfan...✍️
👍2
sᴜɴo
वक्त तुम भी ज्यादा
ज़ाया नही करोगे
नही तो इंतजार जिंदगी
भर हमारा करोगे
irfan...✍️
वक्त तुम भी ज्यादा
ज़ाया नही करोगे
नही तो इंतजार जिंदगी
भर हमारा करोगे
irfan...✍️
👍1