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sᴜɴᴏ

नुमाइश हो रही है दीवानों
की महफिल भी लगी है

मोहब्बत की पेमाइश को
उनकी निगाह ही काफी है

irfan...✍️
Suno

चली जब मुखालिफत की आंधियां
उजड़ गया मोहब्बत का आशियां

विरान हो गई वफाओं की आबादियां
मैने देखी है मोहब्बत की बरबादियाँ

ये बदलते हुए मौसम की अंगड़ाइयां
शाम हरारात देती बाहों की गर्मियां

वो मंजर भी था बड़ा ही खुशनुमा
आसमां पे चांद ओस और सर्दियां

तेरा मेरी जिंदगी मैं दस्तक देना...
साजिश करती हमारी ये नादानियां

जैसे समंदर पे लहरों की रवानियां
मौजे मारती हम दोनो की जवानियां

लिखी मेने कुछ गजले उस पर....
संभाले रखी उसकी कुछ लफ्जो
की निशानियां

Irfan...✍️

1/7/24 monday 8:00 pm
sᴜɴᴏ

हमे तो हसरत है तुम्हारे
वफाओं की बहुत

जो कदर ना की मेरी तो
पछताओगे बहुत

जिंदगी भर आंसुओं से
गीला रहेगा दामन तुम्हारा

मेरे बाद फिर तुम किसको
रुलाओगे बहुत

irfan...✍️
सुनो तो

बड़ा मुश्किल सफर तय क्या
मंजिल पाने के लिए,

जां भी निसार क्या तेरा ही साथ
पाने के लिए,

क्या खबर थी ऐसा भी वक्त आएगा
एक दिन इरफान,

हसीन ख्वाब टूट जाएगा हकीकत
में रोने के लिए

दावे जो करते रहे हर दिन अपने ही
मोहब्बत के

तन्हा रह जायेगा वो अंधेरों में दीये
जलाने के लिए

Irfan...✍️
सुनो तो

कब तक हालातों से तुम दूर रहोगे
कब तक खामोश और मजबूर रहोगे

कब तक जुल्म सहोगे मजलूम रहोगे
कब तक टूट के तुम चकनाचूर रहोगे

किस किस को बताओगे दर्द अपना
क्या तुम दास्तांनो मैं मशहूर रहोगे

बहुत जी लिया तुमने अपनो के खातिर
अपने लिए जियो तुम खुश ज़रूर रहोगे

इरफान
सुनो

आज हम भी तेरे वक्त के मोहताज है
तबियत भी थोड़ी मेरी नासाज है

तरस गए है आवाज सुनने को जिसकी
वक्त नहीं उनके पास जो कहते हमे
सरताज है

तरस जायेगे वो भी सुनने को आवाज
मेरी,हमने कर दिया नजरअंदाज वो
दिन आज है

Irfan...✍️
Suno तो

परछाइयों का पीछा करना
कोई समझदारी नहीं,

ए इरफान

साए कभी हाथ नहीं आते,

Irfan...✍️ फिर मिलेंगे
सुनो

खैरात के जैसे दे कर वो मुझे वक्त

कहता है जान अपना खयाल रखना

मैं ठीक हु इतना ना रख खयाल मेरा

तुझ पर है पहरेदारी हर तरफ तू अपना
खयाल रखना

ये जो पैगाम मुझे तुम भेजते हो दिलबर

कोई देख ना ले अपना खयाल रखना

ऐसे तो खतरा रहेगा तुझे हमेशा...

ये फैसले फासले ना बढ़ा दे खयाल
रखना

तुझे तो अपनो के अतराफ है रहना

क्या हुआ अगर मैं बिछड़ गया तो
खयाल रखना

Irfan...✍️
सुनो

जिम्मेदारी है तू मेरी
कम गुस्सा प्यार ज्यादा है

साथ तेरे रहूंगा हमेशा
किया तुझ से ये वादा है

खामोश क्यों हो दिलबर
तुम्हारा क्या इरादा है

हमने अहमियत खो दी
तू अपने घर का प्यादा है

ज़ख्म तो मिट गए सारे
लेकिन दर्द थोड़ा ज्यादा है

Irfan...✍️
बहुत कुछ कहना था
मगर उसे फुर्सत नहीं

वक्त तो था उसके पास
मगर मेरे लिए वक्त नहीं

उसने की कदर सब की
मगर उसे मेरी कदर नहीं

वो देती है अपनो को अहमियत
मगर मेरी कोई अहमियत नहीं

वो कहती है मोहब्बत तुमसे
मगर उसे मेरी फिकर नहीं

उसने कहा याद आती है तुम्हारी
मगर जुबान पर मेरा जिक्र नहीं

तुमने तो वो दिया मुझे जो
तेरे अपनी ने तुझे दिया

तूने दर्द दिए जख्म दिए मुझे
कभी मुझे संवारा ही नहीं

Irfan...✍️
सुनो

पिघल रहे थे सारे जज़्बात मेरे
रात बहते रहे आंखो से अश्क

बेकदर हो कर रह गए दहलीज पर
गवा बैठे सब करके उससे इश्क

Irfan...✍️ अलविदा
सुनो साहिबा

रिश्ते को निभाने की जिम्मेदारी मेरी है
रिश्ते को संवारने की जिम्मेदारी तेरी है

कर दिया मेने खुद को तेरे हवाले सनम
इस रिश्ते को संभालने की जिम्मेदारी
तेरी है

इरफान
सुनो

जोश ए जुनून ना हो
वो बादशा क्या करेगा

जीती हुई सल्तनत भी
वो अपनी खो बैठेगा

Irfan...✍️
सुनो

शायद वो मुझ से ज्यादा
समझदार था इतना समझने
पर भी नहीं समझा

मेरी बाते उसे चुभती रही
उस समझदार की समझ में
मैं ना समझ था

इरफान
सुनो तो

ऐसा ना हो तेरी खामोशियों
से तुझे पछताना पढ़े

मेरे बढ़ते कदम तेरी तरफ और
मुझे लौट जाना पढ़े

Irfan...✍️
सुनो

मिला मौका अगर तुमने नहीं चुराया

गुजर गया वक्त पहले पछताया फिर
रोया

Irfan...✍️
Suno

मेरे हर लफ्ज़ तुझे दर्द देगे

तू फिकर ना कर हम लिखना
छोड़ देगे

वजह नहीं बनना चाहता में तेरे
अश्कों की

तुमने बहाया अश्क तो हम खून
बहा देंगे

Irfan
Suno तो

इतना इम्तेहान ना ले
इन्तज़ार मेरे सब्र को
मार देगा

अगर मर गया ये दीवाना
मेरी मय्यत को कब्र के हवाले
कर देगा

Irfan
सुनो

ये उम्मीद थी मुझे कुछ तो बात होगी
कुछ पल के लिए तू मेरे साथ तो होगी

लेकिन उम्मीदें तो हमेशा टूट जाती है
ख्विआशे आरज़ूए कैद हो कर रह जाती
है

शिकायत नहीं मुझे तुझ से पर ए सनम
इन खतरों मैं तेरी आवाज दब कर रह
जाती है

ना भेजा करना अब तू मुझे कोई पैगाम
ये बाते तो है सिर्फ बाते, बाते रह जाती

पी लिया है मेने जाम सब्र का अब तो
ज़ख्म गहरे और दर्द भी ये मजा दे जाती
है

इरफान
सुनो

अपनों के लिए फैसले बदल जाते है
जो दिल मैं बसते है वो निकल जाते है

बातो बातो मै बात ही बदल जाती है
करके आंखे बंद हम सोचते रह जाते है

निभाते है साथ तेरा हम दिन से सनम
ख्वाबों में हम उन्हें देखते रह जाते है

Irfan
2025/02/17 04:01:37
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