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👉 सबसे बड़ी सेवा

दूसरों के संकल्प और विचार जान लेना बहुत कठिन है। किन्तु अपने मन की भावनाओं को बहुत स्पष्ट समझा, सुना और परखा जा सकता है, यदि औरों की सेवा करना चाहते हैं तो पहले अपनी सेवा की योजना बनाओ, अपना सुधार सबसे सरल है। साथियो! तुम जितना अपने अन्तःकरण का परिमार्जन और सुधार कर लोगे, यह संसार तुम्हें उतना ही सुधरा हुआ परिलक्षित होगा।

जब तुम दर्पण में अपना मुख देखते हो तो, चेहरे की सुन्दरता के साथ उसके धब्बे और मलिनता भी प्रकट होती है, तब तुम उसे प्रयत्नपूर्वक साफ कर डालते हो। मुख उज्ज्वल साफ और सुन्दर निकल आता है। प्रसन्नता बढ़ जाती है, बहुत अच्छा लगने लगता है।

अन्तःकरण भी एक मुख है। उसे चेतना के दर्पण में देखने और परखने से उसकी महानतायें भी दिखाई देने लगती हैं और सौंदर्य भी। आत्म-निरीक्षण की आवश्यकता इसलिये पड़ी कि उन छोटी-छोटी मलीनताओं को दूर करें, जो एक पर्त की तरह आत्मा के अनन्त सौंदर्य को प्रभावित और आच्छादित किये रहते हैं। जब वह महानतायें मिट जाती हैं तो आत्मा का उज्ज्वल, साफ और सुन्दर स्वरूप परिलक्षित होने लगता है और संसार का सब कुछ अच्छा और प्रिय मालूम होने लगता है।

*( तीन गांठें, भगवान बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी | Teen Ganthen, Motivational Story | Rishi Chintan, https://youtu.be/iFVBgfObmBc )*
*( शांतिकुंज की गतिविधियों से जुड़ने के लिए Shantikunj WhatsApp 8439014110 )*

मन से प्रश्न करना चाहिये- क्या तुम भयभीत हो? क्या तुम्हें इन्द्रिय-जन्य वासनाओं में मोह है? क्या तुम्हारे विचार गन्दे हैं? यदि हाँ तो सुधार के प्रयत्न में तत्काल जुट जाओ। अपना सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है। जिस दिन इन प्रश्नों का उत्तर ‘नहीं’ मिलने लगेगा, उस दिन से तुम संसार में सबसे सुखी व्यक्ति होंगे।

महात्मा बुद्ध



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👉 सबसे बड़ी सेवा

दूसरों के संकल्प और विचार जान लेना बहुत कठिन है। किन्तु अपने मन की भावनाओं को बहुत स्पष्ट समझा, सुना और परखा जा सकता है, यदि औरों की सेवा करना चाहते हैं तो पहले अपनी सेवा की योजना बनाओ, अपना सुधार सबसे सरल है। साथियो! तुम जितना अपने अन्तःकरण का परिमार्जन और सुधार कर लोगे, यह संसार तुम्हें उतना ही सुधरा हुआ परिलक्षित होगा।

जब तुम दर्पण में अपना मुख देखते हो तो, चेहरे की सुन्दरता के साथ उसके धब्बे और मलिनता भी प्रकट होती है, तब तुम उसे प्रयत्नपूर्वक साफ कर डालते हो। मुख उज्ज्वल साफ और सुन्दर निकल आता है। प्रसन्नता बढ़ जाती है, बहुत अच्छा लगने लगता है।

अन्तःकरण भी एक मुख है। उसे चेतना के दर्पण में देखने और परखने से उसकी महानतायें भी दिखाई देने लगती हैं और सौंदर्य भी। आत्म-निरीक्षण की आवश्यकता इसलिये पड़ी कि उन छोटी-छोटी मलीनताओं को दूर करें, जो एक पर्त की तरह आत्मा के अनन्त सौंदर्य को प्रभावित और आच्छादित किये रहते हैं। जब वह महानतायें मिट जाती हैं तो आत्मा का उज्ज्वल, साफ और सुन्दर स्वरूप परिलक्षित होने लगता है और संसार का सब कुछ अच्छा और प्रिय मालूम होने लगता है।

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मन से प्रश्न करना चाहिये- क्या तुम भयभीत हो? क्या तुम्हें इन्द्रिय-जन्य वासनाओं में मोह है? क्या तुम्हारे विचार गन्दे हैं? यदि हाँ तो सुधार के प्रयत्न में तत्काल जुट जाओ। अपना सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है। जिस दिन इन प्रश्नों का उत्तर ‘नहीं’ मिलने लगेगा, उस दिन से तुम संसार में सबसे सुखी व्यक्ति होंगे।

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BY युग निर्माण© (अखिल भारतीय गायत्री परिवार)




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It’s easy to create a Telegram channel via desktop app or mobile app (for Android and iOS): Done! Now you’re the proud owner of a Telegram channel. The next step is to set up and customize your channel. The imprisonment came as Telegram said it was "surprised" by claims that privacy commissioner Ada Chung Lai-ling is seeking to block the messaging app due to doxxing content targeting police and politicians. The group’s featured image is of a Pepe frog yelling, often referred to as the “REEEEEEE” meme. Pepe the Frog was created back in 2005 by Matt Furie and has since become an internet symbol for meme culture and “degen” culture. The administrator of a telegram group, "Suck Channel," was sentenced to six years and six months in prison for seven counts of incitement yesterday.
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