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Nitin Shukla
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18 घंटे मेहनत कर के हमने 02:13:39 का लाइव किया, जिसमे एक वीडियो में बैकग्राउंड म्यूजिक था जो क्लिप में पहले से ही बैकग्राउंड म्यूजिक के तौर पर भरा हुआ था और वह सोशल मीडिया पर वायरल था (अक्सर ऐसा क्रिएटर खुद करते हैं, वायरल वीडियो पकड़ा और उसमे अपना बैकग्राउंड म्यूजिक भर दिया ताकि कॉपीराइट से पैसे कमाए जा सकें), गलती से वह वीडियो ऑडियो के साथ प्ले हो गया, प्ले होते ही हमे इस बात का आभास हुआ की गलती हो गयी और तुरंत वीडियो का ऑडियो बंद कर दिया और बाकायदा लाइव पर कहा भी की गलती हो गयी, लेकिन जब आज सुबह उठे तो पता चला अन्य कॉपीराइट के साथ साथ एक बच्चे का भी कॉपीराइट आ रखा है, उनका गाना 09:53 से 10:08 के बीच चला यानि सिर्फ 15 सेकण्ड्स जबकि उनका असल गाना पुरे 06:22 मिनट्स का है, मैं उस मानसिकता को समझ नहीं पा रहा जिसमे कोई व्यक्ति किसी की 02:13 घंटे की मेहनत सिर्फ 15 सेकण्ड्स में खा जाना चाहता है, आखिर किसी का ज़मीर इसके लिए कैसे राज़ी हो सकता है? यूट्यूब हमे वैसे भी पेमेंट नहीं करता तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन सवाल यहाँ एक बच्चे की मानसिकता का है, मेरे तो लोगो ने अंधे और एक घंटे तक के वीडियो लगाए, कई ने वीडियो चला कर गलियां भी दी लें हमने कभी कॉपीराइट नहीं दिया, मैं हैरान हूँ इतनी छोटी उम्र में ऐसी मानसिकता देख कर, तनिक भी लज्जा नहीं आयी 15 सेकण्ड्स में ढाई घंटे की मेहनत पर डकैती डालने में? असल जीवन में यह लोग क्या करेंगे बड़े हो कर? कैसे समाज का निर्माण करेंगे? खुद की मेहनत से पैसे कामना सीखो मेरे बच्चो यह शॉर्टकट से आज या कुछ दिन पैसे कमा लोगे लेकिन जीवनभर ऐसे पैसे कामना संभव नहीं है, बरहाल हमने वीडियो एडिट कर के गाना निकल दिया है ताकि इस बच्चे तक पैसा ना पहुंच सके ताकि इसे ऐसे पैसे की आदत ना लगे और वो खुद अपने दम पर पैसे कमाए ना की दूसरे की 18 घंटे की मेहनत पर, क्या मैंने सही किया? आप सबका का क्या कहना है मित्रों?

Note : वैसे जिन्हे नहीं मालूम उन्हें बता दूँ मेरा काम न्यूज़ एनालिसिस का है जो की "Fair Usage Policy" में आता है, और कोई भी न्यूज़ चैनल किसी भी गाने, फिल्म, इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं यह कॉपीराइट में नहीं आता, ऐसा भारत सर्कार के कानून में स्पष्ट लिखा है !



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18 घंटे मेहनत कर के हमने 02:13:39 का लाइव किया, जिसमे एक वीडियो में बैकग्राउंड म्यूजिक था जो क्लिप में पहले से ही बैकग्राउंड म्यूजिक के तौर पर भरा हुआ था और वह सोशल मीडिया पर वायरल था (अक्सर ऐसा क्रिएटर खुद करते हैं, वायरल वीडियो पकड़ा और उसमे अपना बैकग्राउंड म्यूजिक भर दिया ताकि कॉपीराइट से पैसे कमाए जा सकें), गलती से वह वीडियो ऑडियो के साथ प्ले हो गया, प्ले होते ही हमे इस बात का आभास हुआ की गलती हो गयी और तुरंत वीडियो का ऑडियो बंद कर दिया और बाकायदा लाइव पर कहा भी की गलती हो गयी, लेकिन जब आज सुबह उठे तो पता चला अन्य कॉपीराइट के साथ साथ एक बच्चे का भी कॉपीराइट आ रखा है, उनका गाना 09:53 से 10:08 के बीच चला यानि सिर्फ 15 सेकण्ड्स जबकि उनका असल गाना पुरे 06:22 मिनट्स का है, मैं उस मानसिकता को समझ नहीं पा रहा जिसमे कोई व्यक्ति किसी की 02:13 घंटे की मेहनत सिर्फ 15 सेकण्ड्स में खा जाना चाहता है, आखिर किसी का ज़मीर इसके लिए कैसे राज़ी हो सकता है? यूट्यूब हमे वैसे भी पेमेंट नहीं करता तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन सवाल यहाँ एक बच्चे की मानसिकता का है, मेरे तो लोगो ने अंधे और एक घंटे तक के वीडियो लगाए, कई ने वीडियो चला कर गलियां भी दी लें हमने कभी कॉपीराइट नहीं दिया, मैं हैरान हूँ इतनी छोटी उम्र में ऐसी मानसिकता देख कर, तनिक भी लज्जा नहीं आयी 15 सेकण्ड्स में ढाई घंटे की मेहनत पर डकैती डालने में? असल जीवन में यह लोग क्या करेंगे बड़े हो कर? कैसे समाज का निर्माण करेंगे? खुद की मेहनत से पैसे कामना सीखो मेरे बच्चो यह शॉर्टकट से आज या कुछ दिन पैसे कमा लोगे लेकिन जीवनभर ऐसे पैसे कामना संभव नहीं है, बरहाल हमने वीडियो एडिट कर के गाना निकल दिया है ताकि इस बच्चे तक पैसा ना पहुंच सके ताकि इसे ऐसे पैसे की आदत ना लगे और वो खुद अपने दम पर पैसे कमाए ना की दूसरे की 18 घंटे की मेहनत पर, क्या मैंने सही किया? आप सबका का क्या कहना है मित्रों?

Note : वैसे जिन्हे नहीं मालूम उन्हें बता दूँ मेरा काम न्यूज़ एनालिसिस का है जो की "Fair Usage Policy" में आता है, और कोई भी न्यूज़ चैनल किसी भी गाने, फिल्म, इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं यह कॉपीराइट में नहीं आता, ऐसा भारत सर्कार के कानून में स्पष्ट लिखा है !

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