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गुरुजी एक बात पूछनी थी मुझे,,
Q. जैसे दुनिया में जितने भी महान लोग हुए है, जिन्होंने दौलत और शोहरत दोनो ही कमाए हो, जैसे लता मंगेशकर जी हैं, सचिन तेंदुलकर हैं,, जिन्होंने भारत रत्न को प्राप्त किया हो,, क्या उनको भी अपने फिर से नए जन्म में आत्मा की यात्रा करने पड़ेगी,, मेरा मतलब ध्यान की यात्रा में ही लगना पड़ेगा फिर से इस संसार में
तभी उनकी मुक्ति हो पाएगी??~
दौलत और शोहरत कभी भी इस जीवन चक्र से मुक्ति नहीं दिलाती है। क्योंकि न उसे पैसे से खरीदा जा सकता है न ही प्रतिष्ठा से पाया जा सकता है।
बल्कि ठीक इसके उल्टे, पैसे और प्रतिष्ठा के मोह में इन्सान इस बंधन में और ज्यादा बंधा रहता है।
राजकुमार सिद्धार्थ के पास पद, प्रतिष्ठा, धन आदि सब कुछ था लेकिन शान्ति और मोक्ष की तलाश में सब त्याग करना ही पड़ा। सब त्याग के बाद जो बचा वही गहरी शान्ति हुई, वहीं से मुक्ति का मार्ग निकला। तभी वो बुद्ध कहलाए।
सिद्धार्थ गौतम से गौतम बुद्ध हो गए।
अगर आपके पास भी कोई प्रश्न जो आपको परेशान करती हो अथवा ध्यान व योग से सम्बन्धित कोई प्रश्न हो तो प्रश्न अवश्य पूछें।
एक छोटा सा मार्गदर्शन आपकी पूरी जीवन यात्रा को साकारात्मक दिशा दे सकता है।
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BY DhyanKaksha.Org
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