tgoop.com/DhyanKakshaOrg/485
Last Update:
गुरु जी....अगर किसीके साथ कुछ गलत होता है ,
जैसे किसके साथ दुर्व्यवहार या कोई गलत आरोप या उसकी जिंदगी के साथ कोई गलत फैसला या फिर उसके साथ भेदभाव , या समाज में बदनामी करना, उसके साथ मारपीट करना गालियां देना..!
तो उस व्यक्ति के कई प्रयत्न करने के बाद भी कुछ ठीक न होना, तब उसको अपने पूर्व जन्म के कर्म का फल समझते हुए उस अन्याय को सहना चाहिए या उसको आवाज उठानी चाहिए अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ और सजा दिलानी चाहिए...?
क्योंकि अगर हमसे पिछले जन्म में कुछ गलत हुआ हो तो वो फल तो हम हर हाल में भुगतना ही पड़ेगा ना...?
उत्तर -
इसको एक कहानी की तरह समझते हैं ...
एक बार चिमनीलाल और उसका दोस्त नटवर 100- 100 बीज का रोपण करते हैं। जान के कहो या अनजाने में चिमनी ने आम के बीज बोए और नटवर ने बबूल के।
समय गुजरा दोनों बीज पेड़ बन गए, अब आमतौर पर देख के तो ऐसा ही प्रतीत होता है की चिमनी की जिन्दगी खुशहाल हो गई लाभ ही लाभ।
लेकिन हुआ क्या यह देखो, आम के सारे वृक्ष पर अभी फल आए नहीं थे। कुछ एक पेड़ फलते भी तो वह भी साल में 3 महीने वह भी बच्चे खा जाते घर में ही। इधर नटवर, कभी ईंधन के लिए तो कभी फर्नीचर के लिए लकड़ी सालों भर कुछ न कुछ बेचता रहता।
नटवर को देख चिमनी ने भी आम को काट के लकड़ी बेच डाला सालों भर। अगले साल बबूल फिर हरे भरे हो गए लेकिन आम का बाग उजड़ चुका था।
इस साधारण सी कहानी की तरह ही है सब कुछ,
दुःख और सुख तो हमारे वर्तमान वाले कामों से बनते हैं।
जो बोया है जाने अनजाने में वह तो आयेगा, लेकिन हम उस आने वाली स्थिति के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, कैसे संतुलन रखते हैं वही सुख और दुख को निर्धारित करता है।
कहानी में नटवर की बीज लगाने की भूल के कारण, कांटों वाला पेड़ आ गया। लेकिन उसने संयम से उस बुरी स्थिति को अपने पक्ष में कर लिया।
इसलिए बस संयम से देखो, स्थिति चाहे कितनी भी बुरी क्यों न हो उससे बाहर निकलने और उसको अपने लिए अच्छा बनाने का सूत्र जरूर होगा।
बस मानसिक शांति और संयम ही तय करेगा तुम्हारा वर्तमान कैसा रहेगा। क्योंकि इतिहास में जी नहीं सकते और भविष्य तभी जी सकते हैं जब वह वर्तमान बन आयेगा तुम्हारे सामने।
BY DhyanKaksha.Org
Share with your friend now:
tgoop.com/DhyanKakshaOrg/485