HINDUPANCHANG Telegram 5431
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 14 नवम्बर 2024*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - त्रयोदशी प्रातः 09:43 तक तत्पश्चात चतुर्दशी प्रातः 06:19 नवम्बर 15 तक, तत्पश्चात पूर्णिमा*
*नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 12:33 नवम्बर 15 तक तत्पश्चात भरणी*
*योग - सिद्धि प्रातः 11:30 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
*राहु काल - दोपहर 01:47 से दोपहर 03:10 तक*
*सूर्योदय - 06:56*
*सूर्यास्त - 05:51*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:09 से 06:01 तक*
*अभिजीत मुहूर्त -  दोपहर 12:02 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 14 से रात्रि 12:50 नवम्बर 15 तक*
* व्रत पर्व विवरण - वैकुण्ठ चतुर्दशी, विश्वेश्वर व्रत, व्यतीपात योग, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:53 से रात्रि 12:33 नवम्बर 15 तक)*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है व चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ*🔹

*🔹यदि दुकान अथवा व्यवसाय-स्थल पर आपका मन नहीं लगता है तो इसके लिए आप जिस स्थान पर बैठते हैं वहाँ थोड़ा-सा कपूर जलायें, अपनी पसंद के पुष्प रखें और स्वस्तिक या ॐकार को अपलक नेत्रों से देखते हुए कम-से-कम ५-७ बार ॐकार का दीर्घ उच्चारण करें । अपने पीछे दीवाल पर ऊपर ऐसा चित्र लगायें जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य हो, ऊँचे-ऊँचे पहाड़ हों परंतु वे नुकीले न हों और न ही उस चित्र में जल हो अथवा यथायोग्य किसी स्थान पर आत्मज्ञानी महापुरुषों, देवी-देवताओं के चित्र लगायें । इससे आपका मन लगने लगेगा ।*
*📖 ऋषि प्रसाद, जुलाई 2020*

*🔹 आचमन तीन बार क्यों ?*🔹

🔹 *प्राय: प्रत्येक धर्मानुष्ठान के आरम्भ में और विशेषरूप से संध्योपासना में ३ बार आचमन करने का शास्त्रीय विधान है । धर्मग्रंथों में कहा गया है कि ३ बार जल का आचमन करने से तीनों वेद अर्थात ऋग्वेद, यजुर्वेद व सामवेद प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं । मनु महाराज ने भी कहा है : त्रिराचमेद्प: पूर्वम । (मनुस्मृति :२.६०)*

*🔹अर्थात सबसे पहले ३ बार जल से आचमन करना चाहिए । इससे जहाँ कायिक, मानसिक एवं वाचिक–त्रिविध पापों की निवृत्ति होती है वहीँ कंठशोष ( कंठ की शुष्कता) दूर होने और कफ-निवृत्ति  होने से श्वास-प्रश्वास क्रिया में मंत्रादि के शुद्ध उच्चारण में भी मदद मिलती है । प्राणायाम करते समय प्राणनिरोध से स्वभावतः शरीर में ऊष्मा बढ़ जाती है, कभी-कभी तो ऋतू के तारतम्य से तालू सूख जाने से हिचकी तक आने लग जाती है । आचमन करते ही यह सब ठीक हो जाता है ।*

*🔹बोधायन सूत्र के अनुसार आचमन-विधि :🔹*

*🔹(दायें) हाथ की हथेली को गाय के कान की तरह आकृति प्रदान कर उससे ३ बार जल पीना चाहिए ।*

*🔹शास्त्र-रीति के अनुसार आचमन में चुल्लू जितना जल नहीं पिया जाता बल्कि उतने ही प्रमाण में जल ग्रहण करने की विधि है जितना कि कंठ व तालू को स्पर्श करता हुआ हृदयचक्र की सीमा तक ही समाप्त हो जाय ।*

*🔹पूज्य बापूजी के सत्संग-अमृत में आता है : संध्या में आचमन किया जाता है । इस आचमन से कफ-संबंधी दोषों का शमन होता है, नाड़ियों के शोधन में व ध्यान-भजन में कुछ मदद मिलती है ।*

🔹 *ध्यान-भजन में बैठे तो पहले तीन आचमन कर लेने चाहिए, नहीं तो सिर में वायु चढ़ जाती है, ध्यान नहीं लगता, आलस्य आता है, मनोराज चलता है, कल्पना चलती है । आचमन से प्राणवायु का संतुलन हो जाता है ।*

*🔹आचमन से मिले शान्ति व पुण्याई🔹*

🔹 *'ॐ केशवाय नम: । ॐ नारायणाय नम: । ॐ माधवाय नम: ।'  कहकर जल के ३ आचमन लेते हैं तो जल में जो यह भगवदभाव, आदरभाव है इससे शांति, पुण्याई होती है ।*

*🔹इससे भी हो जाती है शुद्धि*🔹

*🔹जप करने के लिए आसन पर बैठकर सबसे पहले शुद्धि की भावना के साथ हाथ धो के पानी के ३ आचमन ले लो । जप करते हुए छींक, जम्हाई या खाँसी आ जाय, अपानवायु छूटे तो यह अशुद्धि है । वह माला नियत संख्या में नहीं गिननी चाहिए । आचमन करके शुद्ध होने के बाद वह माला फिर से करनी चाहिए । आचमन के बदले ‘ॐ’ सम्पुट के साथ गुरुमंत्र ७ बार दुहरा दिया जाय तो भी शुद्धि हो जायेगी । जैसे, मन्त्र है ‘नम: शिवाय’ तो ७ बार ‘ॐ नम:शिवाय ॐ’ दुहरा देने से पड़ा हुआ विघ्न निवृत्त हो जायेगा ।*

*📖 ऋषि प्रसाद – दिसम्बर २०२० से*



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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 14 नवम्बर 2024*
*दिन - गुरुवार*
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*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - त्रयोदशी प्रातः 09:43 तक तत्पश्चात चतुर्दशी प्रातः 06:19 नवम्बर 15 तक, तत्पश्चात पूर्णिमा*
*नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 12:33 नवम्बर 15 तक तत्पश्चात भरणी*
*योग - सिद्धि प्रातः 11:30 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
*राहु काल - दोपहर 01:47 से दोपहर 03:10 तक*
*सूर्योदय - 06:56*
*सूर्यास्त - 05:51*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:09 से 06:01 तक*
*अभिजीत मुहूर्त -  दोपहर 12:02 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 14 से रात्रि 12:50 नवम्बर 15 तक*
* व्रत पर्व विवरण - वैकुण्ठ चतुर्दशी, विश्वेश्वर व्रत, व्यतीपात योग, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:53 से रात्रि 12:33 नवम्बर 15 तक)*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है व चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ*🔹

*🔹यदि दुकान अथवा व्यवसाय-स्थल पर आपका मन नहीं लगता है तो इसके लिए आप जिस स्थान पर बैठते हैं वहाँ थोड़ा-सा कपूर जलायें, अपनी पसंद के पुष्प रखें और स्वस्तिक या ॐकार को अपलक नेत्रों से देखते हुए कम-से-कम ५-७ बार ॐकार का दीर्घ उच्चारण करें । अपने पीछे दीवाल पर ऊपर ऐसा चित्र लगायें जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य हो, ऊँचे-ऊँचे पहाड़ हों परंतु वे नुकीले न हों और न ही उस चित्र में जल हो अथवा यथायोग्य किसी स्थान पर आत्मज्ञानी महापुरुषों, देवी-देवताओं के चित्र लगायें । इससे आपका मन लगने लगेगा ।*
*📖 ऋषि प्रसाद, जुलाई 2020*

*🔹 आचमन तीन बार क्यों ?*🔹

🔹 *प्राय: प्रत्येक धर्मानुष्ठान के आरम्भ में और विशेषरूप से संध्योपासना में ३ बार आचमन करने का शास्त्रीय विधान है । धर्मग्रंथों में कहा गया है कि ३ बार जल का आचमन करने से तीनों वेद अर्थात ऋग्वेद, यजुर्वेद व सामवेद प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं । मनु महाराज ने भी कहा है : त्रिराचमेद्प: पूर्वम । (मनुस्मृति :२.६०)*

*🔹अर्थात सबसे पहले ३ बार जल से आचमन करना चाहिए । इससे जहाँ कायिक, मानसिक एवं वाचिक–त्रिविध पापों की निवृत्ति होती है वहीँ कंठशोष ( कंठ की शुष्कता) दूर होने और कफ-निवृत्ति  होने से श्वास-प्रश्वास क्रिया में मंत्रादि के शुद्ध उच्चारण में भी मदद मिलती है । प्राणायाम करते समय प्राणनिरोध से स्वभावतः शरीर में ऊष्मा बढ़ जाती है, कभी-कभी तो ऋतू के तारतम्य से तालू सूख जाने से हिचकी तक आने लग जाती है । आचमन करते ही यह सब ठीक हो जाता है ।*

*🔹बोधायन सूत्र के अनुसार आचमन-विधि :🔹*

*🔹(दायें) हाथ की हथेली को गाय के कान की तरह आकृति प्रदान कर उससे ३ बार जल पीना चाहिए ।*

*🔹शास्त्र-रीति के अनुसार आचमन में चुल्लू जितना जल नहीं पिया जाता बल्कि उतने ही प्रमाण में जल ग्रहण करने की विधि है जितना कि कंठ व तालू को स्पर्श करता हुआ हृदयचक्र की सीमा तक ही समाप्त हो जाय ।*

*🔹पूज्य बापूजी के सत्संग-अमृत में आता है : संध्या में आचमन किया जाता है । इस आचमन से कफ-संबंधी दोषों का शमन होता है, नाड़ियों के शोधन में व ध्यान-भजन में कुछ मदद मिलती है ।*

🔹 *ध्यान-भजन में बैठे तो पहले तीन आचमन कर लेने चाहिए, नहीं तो सिर में वायु चढ़ जाती है, ध्यान नहीं लगता, आलस्य आता है, मनोराज चलता है, कल्पना चलती है । आचमन से प्राणवायु का संतुलन हो जाता है ।*

*🔹आचमन से मिले शान्ति व पुण्याई🔹*

🔹 *'ॐ केशवाय नम: । ॐ नारायणाय नम: । ॐ माधवाय नम: ।'  कहकर जल के ३ आचमन लेते हैं तो जल में जो यह भगवदभाव, आदरभाव है इससे शांति, पुण्याई होती है ।*

*🔹इससे भी हो जाती है शुद्धि*🔹

*🔹जप करने के लिए आसन पर बैठकर सबसे पहले शुद्धि की भावना के साथ हाथ धो के पानी के ३ आचमन ले लो । जप करते हुए छींक, जम्हाई या खाँसी आ जाय, अपानवायु छूटे तो यह अशुद्धि है । वह माला नियत संख्या में नहीं गिननी चाहिए । आचमन करके शुद्ध होने के बाद वह माला फिर से करनी चाहिए । आचमन के बदले ‘ॐ’ सम्पुट के साथ गुरुमंत्र ७ बार दुहरा दिया जाय तो भी शुद्धि हो जायेगी । जैसे, मन्त्र है ‘नम: शिवाय’ तो ७ बार ‘ॐ नम:शिवाय ॐ’ दुहरा देने से पड़ा हुआ विघ्न निवृत्त हो जायेगा ।*

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Hashtags are a fast way to find the correct information on social media. To put your content out there, be sure to add hashtags to each post. We have two intelligent tips to give you: The public channel had more than 109,000 subscribers, Judge Hui said. Ng had the power to remove or amend the messages in the channel, but he “allowed them to exist.” A few years ago, you had to use a special bot to run a poll on Telegram. Now you can easily do that yourself in two clicks. Hit the Menu icon and select “Create Poll.” Write your question and add up to 10 options. Running polls is a powerful strategy for getting feedback from your audience. If you’re considering the possibility of modifying your channel in any way, be sure to ask your subscribers’ opinions first. In the “Bear Market Screaming Therapy Group” on Telegram, members are only allowed to post voice notes of themselves screaming. Anything else will result in an instant ban from the group, which currently has about 75 members. You can invite up to 200 people from your contacts to join your channel as the next step. Select the users you want to add and click “Invite.” You can skip this step altogether.
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