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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩@HinduPanchang P.5441
HINDUPANCHANG Telegram 5441
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 24 नवम्बर 2024*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - नवमी रात्रि 10:19 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 10:16 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग - वैधृति दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात विषकम्भ*
*राहु काल - शाम 04:32 से शाम 05:53 तक*
*सूर्योदय - 07:03*
*सूर्यास्त - 05:49*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:07 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:05 से दोपहर 12:48 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:01 नवम्बर 25 से रात्रि 12:53 नवम्बर 25 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गुरु तेग बहादुरजी शहीदी दिवस, सर्वार्थसिद्धि योग (रात्रि 10:16 नवम्बर 24 से प्रातः 07:00 नवम्बर 25 तक)*
*विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹शास्त्रीय, वैज्ञानिक भारतीय व्यवस्था का एक प्रमाण : गोबर-लेपन*

*🔹देशी गाय का गोबर शुद्धिकारक, पवित्र व मंगलकारी है । यह दुर्गंधनाशक एवं सात्त्विकता व कांति वर्धक है । भारत में अनादि काल से गौ-गोबर का लेपन यज्ञ-मंडप, मंदिर आदि धार्मिक स्थलों पर तथा घरों में भी किया जाता रहा है ।*

*भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं :*
*सभा प्रपा गृहाश्चापि देवतायतनानि च ।*
*शुध्यन्ति शकृता यासां किं भूतमधिकं तत: ।।*

*🔹‘जिनके गोबर से लीपने पर सभा-भवन, पौसले (प्याउएँ), घर और देव-मंदिर भी शुद्ध हो जाते हैं, उन गौओं से बढ़कर पवित्र और कौन प्राणी हो सकता है ?’ (महाभारत, आश्वमेधिक पर्व)*

*🔹मरणासन्न व्यक्ति को गोबर-लेपित भूमि पर लिटाने का रहस्य !*
                                  
*🔹मरणासन्न व्यक्ति को गोबर-लेपित भूमि पर लिटाये जाने की परम्परा हमारे भारतीय समाज में आपने-हमने देखी ही होगी । क्या आप जानते हैं कि इसका क्या कारण हैं ?*

*🔹गरुड़ पुराण के अनुसार ‘गोबर से बिना लिपी हुई भूमि पर सुलाये गये मरणासन्न व्यक्ति में यक्ष, पिशाच एवं राक्षस कोटि के क्रूरकर्मी दुष्ट प्रविष्ट हो जाते हैं ।’*

*🔹वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अनुसंधानों का निष्कर्ष भी इस भारतीय परम्परा को स्वीकार करता है । अनुसंधानों के अनुसार गोबर में फॉस्फोरस पाया जाता है, जो अनेक संक्रामक रोगों के कीटाणुओं को नष्ट कर देता है । मृत शरीर में कई प्रकार के संक्रामक रोगों के कीटाणु होते हैं । अत: उसके पास उपस्थित लोगों के स्वास्थ्य-संरक्षण हेतु भूमि पर गोबर-लेपन करना अनिवार्य माना गया है ।*

*🔹हानिकारक विकिरणों से रक्षा का उपाय :*
*वर्तमान समय में वातावरण में हानिकारक विकिरण (radiations) फेंकनेवाले उपकरणों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है । इन विकिरणों तथा आणविक प्रकल्पों व कारखानों एवं परमाणु हथियारों के प्रयोग से निकलनेवाले विकिरणों से सुरक्षित रहने का सहज व सरल उपाय भारतीय ऋषि-परम्परा के अंतर्गत चलनेवाली सामाजिक व्यवस्था में हर किसीको देखने को मिल सकता है ।*

*🔹इस बात को स्पष्ट करते हुए डॉ. उत्तम माहेश्वरी कहते हैं : “घर की बाहरी दीवार पर गोबर की मोटी पर्त का लेपन किया जाय तो वह पर्त हानिकारक विकिरणों को सोख लेती है, जिससे लोगों का शरीरिक-मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है  ”*

*🔹भारतीय सामजिक व्यवस्था संतो-महापुरुषों के सिद्धांतों के अनुसार स्थापित व प्रचलित होने से इसके हर एक क्रियाकलाप के पीछे सूक्ष्मातिसूक्ष्म रहस्य व उन महापुरुषों की व्यापक हित की भावना छुपी रहती है । विज्ञान तो उनकी सत्यता और महत्ता बाद में व धीमे-धीमे सिद्ध करता जायेगा और पूरी तो कभी जान ही नहीं पायेगा । इसलिए हमारे सूक्ष्मद्रष्टा, दिव्यद्रष्टा महापुरुषों के वचनों पर, उनके रचित शास्त्रों-संहिताओं पर श्रद्धा करके स्वयं उनका अनुभव करना, लाभ उठाना ही हितकारी है ।*

*📖 लोक कल्याण सेतु – जनवरी २०१९ से*



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*मास - मार्गशीर्ष*
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*तिथि - नवमी रात्रि 10:19 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 10:16 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग - वैधृति दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात विषकम्भ*
*राहु काल - शाम 04:32 से शाम 05:53 तक*
*सूर्योदय - 07:03*
*सूर्यास्त - 05:49*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:07 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:05 से दोपहर 12:48 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:01 नवम्बर 25 से रात्रि 12:53 नवम्बर 25 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गुरु तेग बहादुरजी शहीदी दिवस, सर्वार्थसिद्धि योग (रात्रि 10:16 नवम्बर 24 से प्रातः 07:00 नवम्बर 25 तक)*
*विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹शास्त्रीय, वैज्ञानिक भारतीय व्यवस्था का एक प्रमाण : गोबर-लेपन*

*🔹देशी गाय का गोबर शुद्धिकारक, पवित्र व मंगलकारी है । यह दुर्गंधनाशक एवं सात्त्विकता व कांति वर्धक है । भारत में अनादि काल से गौ-गोबर का लेपन यज्ञ-मंडप, मंदिर आदि धार्मिक स्थलों पर तथा घरों में भी किया जाता रहा है ।*

*भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं :*
*सभा प्रपा गृहाश्चापि देवतायतनानि च ।*
*शुध्यन्ति शकृता यासां किं भूतमधिकं तत: ।।*

*🔹‘जिनके गोबर से लीपने पर सभा-भवन, पौसले (प्याउएँ), घर और देव-मंदिर भी शुद्ध हो जाते हैं, उन गौओं से बढ़कर पवित्र और कौन प्राणी हो सकता है ?’ (महाभारत, आश्वमेधिक पर्व)*

*🔹मरणासन्न व्यक्ति को गोबर-लेपित भूमि पर लिटाने का रहस्य !*
                                  
*🔹मरणासन्न व्यक्ति को गोबर-लेपित भूमि पर लिटाये जाने की परम्परा हमारे भारतीय समाज में आपने-हमने देखी ही होगी । क्या आप जानते हैं कि इसका क्या कारण हैं ?*

*🔹गरुड़ पुराण के अनुसार ‘गोबर से बिना लिपी हुई भूमि पर सुलाये गये मरणासन्न व्यक्ति में यक्ष, पिशाच एवं राक्षस कोटि के क्रूरकर्मी दुष्ट प्रविष्ट हो जाते हैं ।’*

*🔹वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अनुसंधानों का निष्कर्ष भी इस भारतीय परम्परा को स्वीकार करता है । अनुसंधानों के अनुसार गोबर में फॉस्फोरस पाया जाता है, जो अनेक संक्रामक रोगों के कीटाणुओं को नष्ट कर देता है । मृत शरीर में कई प्रकार के संक्रामक रोगों के कीटाणु होते हैं । अत: उसके पास उपस्थित लोगों के स्वास्थ्य-संरक्षण हेतु भूमि पर गोबर-लेपन करना अनिवार्य माना गया है ।*

*🔹हानिकारक विकिरणों से रक्षा का उपाय :*
*वर्तमान समय में वातावरण में हानिकारक विकिरण (radiations) फेंकनेवाले उपकरणों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है । इन विकिरणों तथा आणविक प्रकल्पों व कारखानों एवं परमाणु हथियारों के प्रयोग से निकलनेवाले विकिरणों से सुरक्षित रहने का सहज व सरल उपाय भारतीय ऋषि-परम्परा के अंतर्गत चलनेवाली सामाजिक व्यवस्था में हर किसीको देखने को मिल सकता है ।*

*🔹इस बात को स्पष्ट करते हुए डॉ. उत्तम माहेश्वरी कहते हैं : “घर की बाहरी दीवार पर गोबर की मोटी पर्त का लेपन किया जाय तो वह पर्त हानिकारक विकिरणों को सोख लेती है, जिससे लोगों का शरीरिक-मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है  ”*

*🔹भारतीय सामजिक व्यवस्था संतो-महापुरुषों के सिद्धांतों के अनुसार स्थापित व प्रचलित होने से इसके हर एक क्रियाकलाप के पीछे सूक्ष्मातिसूक्ष्म रहस्य व उन महापुरुषों की व्यापक हित की भावना छुपी रहती है । विज्ञान तो उनकी सत्यता और महत्ता बाद में व धीमे-धीमे सिद्ध करता जायेगा और पूरी तो कभी जान ही नहीं पायेगा । इसलिए हमारे सूक्ष्मद्रष्टा, दिव्यद्रष्टा महापुरुषों के वचनों पर, उनके रचित शास्त्रों-संहिताओं पर श्रद्धा करके स्वयं उनका अनुभव करना, लाभ उठाना ही हितकारी है ।*

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With the administration mulling over limiting access to doxxing groups, a prominent Telegram doxxing group apparently went on a "revenge spree." The best encrypted messaging apps It’s yet another bloodbath on Satoshi Street. As of press time, Bitcoin (BTC) and the broader cryptocurrency market have corrected another 10 percent amid a massive sell-off. Ethereum (EHT) is down a staggering 15 percent moving close to $1,000, down more than 42 percent on the weekly chart. Image: Telegram. 2How to set up a Telegram channel? (A step-by-step tutorial)
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