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जब मुझे जाना होगा, तुम्हारी ज़िंदगी से मैं अचानक जाऊंगा। बिना कोई पता, कोई चिठ्ठी छोड़े। तुम उठोगी किसी सुबह और पाओगी कि मैं जा चुका हूँ।
किसी को धीमे-धीमे अलविदा कहना कितना बुरा होता है, तुमने ही कभी बताया था। किसी को यह एहसास कराते रहना कि एक दिन दोनो साथ नहीं होंगे, उसकी बुनी जा रही यादों में केवल दुख भर देती है। फिर तुम तो बात-बात पर रो पड़ती हो। किसी नदी के मुहाने पर उदास बैठी तुम उसकी लहरों के साथ बही जाती हो, खो जाती हो तुम...
शोना; प्रेम का अचानक चले जाना तुम्हे पत्थर कर देगा। तुम रो न सकोगी। इंतजार के लम्हे बहुत तवील होते हैं। तुम यदि मेरा इंतजार करोगी तो मैं जा न सकूंगा। तुम्हारा इसरार मेरे कदम बांध लेता है। तुम्हारी आँखों में दर्द की झलक भी मुझे तोड़ती है। तुम पत्थर हो जाना। किसी नदी की लहरों के साथ बह न सकोगी तुम, पर मेरा इंतजार तुम्हे हर रोज एक सदी काटने पर मजबूर करेगा। मेरा इंतजार मत करना।
शायद मैं ग़लत भी होऊँ। मेरा यूँ चले जाना, तुम्हारे सीने में फांस-सा चुभ जाये। शोना, मुमकिन है कि तुम्हारी उस सुबह की कोई शाम ही न हो जिस सुबह तुम्हे मुझे न पा सकोगी। लेकिन दर्द की सिलवटों भरी चादर न ओढ़ना तुम। तुम्हे मसरूर रहना होगा।
मेरी उम्र की हद यहीं तक है। यदि कहीं कभी दूसरी ज़िंदगी मिली तो वह तुम्हारे नाम रहेगी। इस ज़िंदगी में साथ इतना ही था शायद। मुझे जाना होगा। तुम्हारी ज़िंदगी से मैं अचानक जाऊंगा। बिना कोई पता, कोई चिठ्ठी छोड़े। तुम उठोगी किसी सुबह और पाओगी कि मैं जा चुका हूँ। ❤
#smile_please
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BY बेनाम शायर💌✍️
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