SHAYRI Telegram 443
#गुलज़ार_साहब🌷🌷

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसाँ उतारता है कोई

दिल में कुछ यूँ सँभालता हूँ ग़म
जैसे ज़ेवर सँभालता है कोई

आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई

पेड़ पर पक गया है फल शायद
फिर से पत्थर उछालता है कोई

देर से गूँजते हैं सन्नाटे
जैसे हम को पुकारता है कोई



tgoop.com/shayri/443
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#गुलज़ार_साहब🌷🌷

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसाँ उतारता है कोई

दिल में कुछ यूँ सँभालता हूँ ग़म
जैसे ज़ेवर सँभालता है कोई

आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई

पेड़ पर पक गया है फल शायद
फिर से पत्थर उछालता है कोई

देर से गूँजते हैं सन्नाटे
जैसे हम को पुकारता है कोई

BY 🌹 शायरी 🌹


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“[The defendant] could not shift his criminal liability,” Hui said. Polls Over 33,000 people sent out over 1,000 doxxing messages in the group. Although the administrators tried to delete all of the messages, the posting speed was far too much for them to keep up. Channel login must contain 5-32 characters Joined by Telegram's representative in Brazil, Alan Campos, Perekopsky noted the platform was unable to cater to some of the TSE requests due to the company's operational setup. But Perekopsky added that these requests could be studied for future implementation.
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